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किसान ने मेहनत से पाया मुकाम, 'संजीवनी' उगा किया चमत्कार!

शिमला.गलोड़.उपमंडल बड़सर के लोहारली निवासी पूर्व सैनिक रघुवीर सिंह ने लोगों के सामने स्वरोजगार की नई मिसाल कायम की है।

आजकल उनके खेत फूलों से लहलहा रहे हैं और आम के पौधों में फल लग रहे हैं। इसका श्रेय उन्होंने कड़ी मेहनत को दिया है। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद घर के आसपास पड़ी बंजर जमीन को खोदकर फूलों की खेती शुरू की। पानी के लिए 25 फुट गहरे कुएं का निर्माण कराया और इससे बंजर भूमि की सिंचाई शुरू की। बंजर भूमि को यदि जेसीबी से खुदवाते तो इसका बिल लाखों में बनना था लेकिन रघुवीर ने अपने हाथों से ही इसकी खुदाई कर मलबा खेतों में बिछाकर खेती शुरू की।

दिल्ली में बेचते हैं फूल

फूलों को वह दिल्ली और बाबा बालकनाथ मंदिर दियोटसिद्ध में बेच रहे हैं। मगर दियोटसिद्ध में उन्हें फूल बेचने के लिए कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। रघुवीर ने बताया कि उनकी बेटी बीडीटीएस में कोर्स कर रही है तथा बेटा कॉलेज में पढ़ रहा है। इस समय रघुवीर पूर्णिमा, नीलम, अजय, व्हाइट ग्लोरी और यलो ग्लोरी आदि किस्मों के फूल उगा रहे हैं। इन दिनों वह घर के पास नयना गार्डन बना रहे हैं जोकि उनके द्वारा पाले गए हिरण के नाम पर रखा गया है।

इसकी मौत 2 साल पहले हुई थी। जब नयना जिंदा थी तो उनकी बांसुरी की आवाज सुनकर तुरंत उनके पास आ जाती थी और वह जहां भी जाते वह उनके साथ ही जाती थी। उन्होंने उसकी समाधि बनाई है और उसे घर के पास ही दफनाया है। इस पर वह नयना स्मारक बनाना चाहते हैं।

 

मेहनत ने दी कामयाबी

रघुवीर के काम को देखने के लिए कई किसानों और बागवानों की टीमें सरकारी तौर पर भी आ चुकी हैं और सबने उनके काम को सराहा है। उन्होंने साबित कर दिया है कि अगर दिल में मेहनत का जज्बा हो तो सरकारी नौकरी का इंतजार किए बिना भी इंसान बेहतर आजीविका और पहचान अर्जित कर सकता है।