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'चलो दिल्ली' पर बोले बलवीर सिंह राजेवाल- "हमें रोका गया तो दिल्ली-हरियाणा को चारों तरफ से घेरेंगे, किसान के पास मरने के सिवा कोई विकल्प ही नहीं"

-गांव कनेक्शन,

"कोरोना हो या लॉकडाउन हो, हमें फर्क नहीं पड़ता। देखिए किसान को तो मरना ही है। कोरोना नहीं मार पाएगा तो मोदी सरकार की नीतियां मार देंगी। काले कानूनों के खिलाफ दिल्ली कूच तय है। अगर हमें हरियाणा वाले रोकेंगे तो हरियाणा को चारों तरफ से घेर लेंगे और दिल्ली को यूपी वाले यूपी की तरफ से राजस्थान वाले राजस्थान की तरफ से, जो जहां रोका जाएगा डेरा डाल देगा।" भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल ने गांव कनेक्शन से कहा। ओपन मार्केट (खुला बाजार), कांट्रैक्ट फार्मिंग और आवश्यक वस्तुओं की खरीद और भंडारण से जुड़े तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में देश के कई राज्यों के किसानों ने 26-27 नवंबर को 'चलो दिल्ली ' का ऐलान किया है। इस प्रदर्शन का बड़ा दारोमदार पंजाब-हरियाणा के किसानों पर टिका है। देश के अलग-अलग राज्यों के किसान संगठनों और फोरम ने मिलकर संयुक्त किसान मोर्चे का गठन किया है। इस मोर्चे के तहत किसान संगठनों की दिल्ली पहुंचकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने को लेकर दबाव बनाने की योजना है। 13 नवंबर को दिल्ली में पंजाब के किसान संगठनों के साथ केंद्रीय मंत्रियों की बैठक भी हुई, जो बेनतीजा रही है। बलबीर सिंर राजेवाल संयुक्त किसान मोर्चे के सात सदस्यीय कोर कमेटी के सदस्य और पंजाब की प्रमुख किसान यूनियन के अगुवाकार हैं। गांव कनेक्शन ने 23 नवंबर को राजेवाल से फोन पर बात की। किसान नेताओं के मुताबिक संयुक्त किसान मोर्चे के तले करीब 500 किसान संगठन शामिल हैं। राजेवाल ने भी कहा कि लाखों की संख्या में दिल्ली पहुंचेंगे।

गांव कनेक्शन- चलो दिल्ली को लेकर पंजाब के किसानों की क्या तैयारियां हैं?

राजेवाल- पंजाब के गांवों में किसान की ट्रैक्टर ट्रालियां तैयार हो गई हैं, राशन बांधा जा चुका है। हम लोग सड़क मार्ग से दिल्ली पहुंचेंगे। अगर हमें हरियाणा में रोकने की कोशिश (क्योंकि वहां बीजेपी सरकार है) की गई तो हम जहां रोका जाएगा वहीं डेरा डाल देंगे। हरियाणा को ही घेर लेंगे। इसी तरह हमारे जो किसान संगठन यूपी या दूसरे राज्यों आ रहे हैं वो नाके (बॉर्डर) पर ही डेरा डाल देंगे।

गांव कनेक्शन- आप लोग कितने दिनों के लिए दिल्ली आ रहे हैं खाने और रहने का क्या प्रबंध होगा?

राजेवाल- किसान किन तैयारियों से घर से निकल रहा है ये पंजाब के आठ में से किसी नाके पर 26 नवंबर को दिन में 12 बजे आकर देख लेना। हमारे पास राशन, बर्तन, खाने पकाने का पूरा सामान ट्रॉली में भरा होगा। ट्राली ही हमारा घर होंगी। हम किसान हैं एसी कमरों में नहीं, खेत में रहते हैं। ट्राली को हमने अपने घर बना लिया है। हमारा प्रदर्शन अनिश्चित कालीन होगा, राशन खत्म नहीं होगा, न हम घर वापस जाएंगे।

गांव कनेक्शन- पिछले दिनों (13 नवंबर) को पंजाब के किसान संगठनों की दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक हुई थी उसमें क्या हुआ था?

राजेवाल- मीटिंग में किसान बिलों पर कोई बात नहीं बनी। हमने शुरु में ही उनका मुंह बंद करा दिया कि आप बहुत बोल चुके अब हमारी सुनिए।

गांव कनेक्शन- दिल्ली में कोरोना की मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है, इससे क्या आंदोलन पर असर पड़ेगा?

राजेवाल हमें लॉकडाउन और कोरोना से कोई फर्क नहीं पड़ता। पंजाब के किसानों में कोरोना नहीं है, हम परवाह नहीं करते हैं। देखिए मरना तो है हमने, कोरोना मार देगा तो मोदी सरकार की नीतियां मार देंगी। किसान के पास मरने के सिवा कोई ऑप्शन नहीं है।

गांव कनेक्शन- कहा जा रहा है पंजाब के किसानों का जो विरोध है वो राजनीति से प्रेरित है? राहुल गांधी ने भी वहां रैली की थी?

राजेवाल- हमारे विरोधी कुछ भी कहेंगे। हमने किसी राजनीतिक पार्टी से स्टेज नहीं शेयर किया। हमने सबको बोल दिया है, जिसे (सियासी नेता) बैठना है आकर वहां बैठ जाओ लेकिन झंडा हमारा होगा, हमारे मंच से बोलने को नहीं मिलेगा। हमने सब पार्टियों को किनारे लगा रखा है क्योंकि हम जानते हैं कि कोई किसान का नहीं है, किसी को किसान की चिंता नहीं।

गांव कनेक्शन- आपकी प्रमुख मांगे क्या हैं?

राजेवाल- तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएं। न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाया जाए। प्रस्तावित बिल अध्यादेश को वापस लिया जाए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए।

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