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मजदूर दिवस पर बोले ज्यां द्रेज़- NREGA को जिंदा रखने के लिए मजदूरी दर बढ़ाना जरूरी

मजदूर दिवस यानी मे डे के मौके पर सरकार कई दावे कर रही है. सरकारी आंकड़ों में कहा जा रहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था उच्च दर से बढ़ रही है. लेकिन, जाने-माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ इससे इत्तेफाक नहीं रखते. उनका मानना है कि वास्तव में विकास की दर नहीं, बल्कि लोगों के जीवन स्तर में सुधार यह तय करती है कि देश कितनी तरक्की कर रहा है.


ज्यां द्रेज़ सोनिया गांधी के राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ( एनएसी)के सदस्य भी रह चुके हैं. उन्होंने राष्ट्रीय रोजगार गारंटी एक्ट (मनरेगा) लाने में अहम भूमिका निभाई. उनका कहना है कि 'स्वच्छ भारत मिशन' को छोड़ दिया जाए, तो पिछले चार साल के दौरान मोदी सरकार ने सामाजिक क्षेत्र में कोई बड़ा कदम नहीं उठाया. पढ़ें, ज्यां द्रेज़ से हुई बातचीत के खास अंश...


नोटबंदी के बाद देश ने एक के बाद कई दिक्कतें देखी. आपको क्या लगता है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर इसका क्या असर हुआ? एक अर्थशास्त्री के रूप में क्या आप इसमें बढ़ते संकट के संकेत देख रहे हैं?


जैसा कि इसे कृषि संकट कहा जा रहा है, देश में इसका लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म दोनों तरह से असर पड़ेगा. लॉन्ग टर्म में अगर देखें तो कृषि में धीमी बढ़ोतरी और ज्यादा अनिश्चितता देखी जाएगी. ज्यादातर वक्त में बाकी अर्थव्यवस्था की तुलना में कृषि क्षेत्र में धीमी गति से बढ़ोतरी होती है. इसका मतलब ये है कि जो कृषि में विविधता लाने में नाकाम रहते हैं, वो पीछे रह जाते हैं. इसके बाद उनकी आजीविका यानी रोजी-रोटी कमाने का साधन भी अनिश्चित हो जाता है. इसके पीछे की वजह अच्छे मौसम का अभाव, वाजिब कीमतों का न मिलना और दूसरे फैक्टर हो सकते हैं. इन सभी चीजों का प्रभाव कृषि और किसान पर पड़ता है. किसानों को यह लगने लगता है कि खेतीबाड़ी वह काम है जिसमें रोजगार बढ़ेगा नहीं, बल्कि घटेगा.


मुझे हैरानी है कि सरकार को आर्थिक विकास के साथ-साथ गरीबी को हटाने के लिए भी काम करना चाहिए, मगर ऐसा नहीं हो रहा. अगर आप लोगों के जीवन में सुधार करना चाहते हैं, तो आर्थिक विकास जरूरी है. लेकिन, सिर्फ इससे नहीं चलने वाला, आर्थिक विकास के साथ-साथ आपको प्राथमिक शिक्षा, सामाजिक नीति, लिंग समानता, पर्यावरण संरक्षण जैसे मसलों पर काम करना होगा. एनडीए सरकार इन मामलों में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. दूसरी तरफ, अगर आपका उद्देश्य चीन को पीछे करना है या फिर ऐसे राज्य का निर्माण करना है, जो बाकी दुनिया को निर्देशित कर सके, तो आपको बुनियादी चीजों पर सबसे पहले काम करना ही होगा. तभी विकास हो सकता है.

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