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इन्क्लूसिव मीडिया- यूएनडीपी फैलोशिप 2014 के लिए आवेदन आमंत्रित हैं

इन्कूलिसिव मीडिया-यूएनडीपी फैलोशिप-2014 के लिए पत्रकारों से हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में आवेदन आमंत्रित हैं। फैलोशिप के लिए आवेदन विकासशील समाज अध्ययन पीठ( सीएसडीएस) की एक परियोजना इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज की ओर से आमंत्रित किए गए हैं। यह फैलोशिप ग्रामीण-संकट/ ग्रामीण-विकास तथा वंचित तबके के मुद्दों पर मीडिया कवरेज बढ़ाने और कवरेज को पैना बनाने के लिए दी जा रही है। फैलोशिप का उद्देश्य लोकतांत्रिक सामाजिक बदलाव को बढ़ावा देना है, खासकर सशक्तीकरण, भागीदारी और सुशासन(गुड-गवर्नेंस) के जरिए।

 

इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज भारत के वंचित समुदायों के बारे में सूचनाओं, विचारों और विकल्पों का एक भंडारघर(www.im4change.org )चलाता है। इसके अतिरिक्त यह परियोजना शोध-अध्ययन और मीडिया कैपिसिटी-बिल्डिंग कार्यशाला का आयोजन करती है।

 

फैलोशिप के लिए चयनित अभ्यर्थियों से उम्मीद की जाती है कि वे पत्रकारिता के अपने रोजमर्रा के काम से छुट्टी लेकर कम से कम दो से चार सप्ताह का समय ग्रामीण/वंचित समुदायों के बीच बितायेंगे और जिन मुद्दों को लोगों की निगाह में लाना जरुरी है उन पर क्रमवार कथाओं का लेखन या निर्माण करेंगे। फैलोशिप के अंतर्गत इस एवज में दी जाने वाली रकम(यात्रा-व्यय एवं अन्य आकस्मिक खर्च सहित) की अधिकतम सीमा 150000 रुपये है।अपेक्षा की जाती है कि इस रकम से समाचार/कथाओं को एकत्र करने और इससे संबंधित अन्य खर्च की भरपाई हो जाएगी। हिन्दी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में कुल मिलाकर छह फैलोशिप प्रदान की जाएगी। ( फैलोशिप से संबंधित नियम और शर्तों के लिए यहां क्लिक करें)

 

इन्कूलिसिव मीडिया-यूएनडीपी फैलोशिप के लिए मुख्यधारा के अखबार/मैगजीन, रेडियो या टीवी चैनल के पत्रकार आवेदन कर सकते हैं। जो पत्रकार-बंधु बहुचर्चित मीडिया वेबसाइट के लिए कार्यरत हैं वे भी इस फैलोशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं लेकिन बहुचर्चित न्यू मीडिया प्लेटफार्म से जुड़े अभ्यर्थियों के बीच दी जाने वाली फैलोशिप की अधिकतम संख्या एक से ज्यादा नहीं होगी। फैलोशिप के लिए फ्रीलांस-पत्रकार भी आवेदन कर सकते हैं लेकिन आवेदन करते समय उन्हें मुख्यधारा के अख़बार से हासिल इस आशय का वादा-पत्र देना होगा कि फैलोशिप के अंतर्गत प्रस्तुत कथाओं को उक्त अख़बार प्रकाशित करेगा।

 

अभ्यर्थियों का चयन जाने-माने संपादकों तथा विकास के मुद्दे पर सक्रिय विचारकों के एक निर्णायक-मंडल द्वारा किया जाएगा। निर्णायक-मंडल के मूल्यांकन का आधार अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत संक्षिप्त शोध-प्रस्ताव होगा। (कृपया देखें नीचे दिया गया आवेदन कैसे करेंतथा नियम और शर्तशीर्षक खंड)। फैलोशिप के आवेदन के तौर पर प्रस्तुत किया जाने वाला संक्षिप्त प्रस्ताव जीविका, ग्रामीण-संकट, भुखमरी, कुपोषण, सार्वजनिक स्वास्थ्य तथा सहस्राब्दि विकास लक्ष्य के मुद्दे पर जारी घटना-क्रम / सकारात्मक हस्तक्षेप /विकल्प और विजयगाथा(सक्सेस स्टोरी) को लक्ष्य करके लिखा होना चाहिए।फैलोशिप के अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि उसे ग्रामीण विकास/ वंचित समुदाय से जुड़े मुद्दों में गहरी रुचि होगी और वह अपनी कथाओं के लिए प्राथमिक स्तर की सूचना-सामग्री जुटाने के लिए ग्रामीण इलाके में सहर्ष समय बिताएगा। निर्णायक मंडल की सिफारिश पर चयनित अभ्यर्थी को अपना शोध-प्रस्ताव संशोधित करने का मौका दिया जाएगा।.

 

अभ्यर्थी को मीडिया संस्थान से इस आशय का वादा प्रस्तुत करना होगा कि फैलोशिप के अन्तर्गत तैयार की गई सामग्री को संस्थान अपने मनचीते रुप ( रिपोर्टोंमाला, यात्रा-वृतान्त, संपादकीय या ऑप-एड पन्ने के आलेख, डाक्यूमेंट्री फिल्म, या रेडियो-टीवी पैकेज) में प्रकाशित-प्रसारित करेगा। जिन आवेदनों के साथ संपादक का प्रकाशन/प्रसारण से संबंधित वादापत्र नहीं होगा, उन पर विचार नहीं किया जाएगा।

 

आवेदन की अंतिम तिथि 15 जुलाई, 2014 है।