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कर्ज है किसान-आत्महत्या की सबसे बड़ी वजह- नई रिपोर्ट

देश में आत्महत्या करने वाले किसानों में हर तीसरा किसान छोटा या सीमांत किसान है और आत्महत्या को मजबूर किसानों में हर पांचवां किसान कर्जदारी या आर्थिक तंगी के कारण यह कदम उठा रहा है. 

नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट के तथ्य नये सिरे से इस आशंका को पुष्ट करते हैं कि कर्जदारी और दिवालिया होना किसान-आत्महत्या की सबसे बड़ी वजह है और आत्महत्या के शिकार किसानों में सबसे ज्यादा संख्या छोटे और सीमांत किसानों की है. (देखें नीचे दी गई लिंक)

रिपोर्ट के मुताबिक देश में बीते वर्ष किसानों की आत्महत्य़ा के कुल 5,650 मामले प्रकाश में आये. इनमें सबसे ज्यादा यानी 21 प्रतिशत मामलों में आत्महत्या का प्रेरक कारण किसान का कर्जदार या फिर अचानक दिवालिया होना है. रिपोर्ट के तथ्य बताते है कि 2014 में कुल 4095 छोटे और सीमांत किसानों ने आत्महत्या की जो कि आत्महत्या करने वाले किसानो की कुल संख्या का 72.4 प्रतिशत है. 

गौरतलब है कि किसानों की स्थिति के आकलन पर केद्रित राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कर्जदार किसान परिवारों की संख्या बीते दस सालों (2003-2013) में 48.6 प्रतिशत से बढ़कर 52 प्रतिशत हो गई है और हर कर्जदार किसान परिवार पर औसतन 47 हजार रुपये का कर्ज है. राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार 0.40 हैक्टेयर या उससे ज्यादा बड़े आकार के जोत के मालिक किसान परिवारों परिवारों की आमदनी का मुख्य जरिया किसानी है और देश के औसत किसान परिवार की मासिक आमदनी 6426 रुपये तथा औसत मासिक खर्च 6223 रुपये हैं. (देखें नीचे दी गई लिंक)

नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार आत्महत्या करने वाले सबसे ज्यादा किसान महाराष्ट्र के हैं. साल 2014 में यहां कुल 2,568 किसानों ने आत्महत्या की.  महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक किसान-आत्महत्या के मामले में साल 2014 में शीर्ष के पाँच राज्य हैं. आत्महत्या करने वाले कुल किसानों में 90 प्रतिशत किसान इन्हीं पाँच राज्यों के हैं.

तेलंगाना और छत्तीसगढ़ उन पाँच राज्यों में शामिल हैं जहां कर्जदार किसानों की संख्या सबसे ज्यादा है. राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार तेलंगाना में तकरीबन 90 प्रतिशत किसान परिवार कर्ज में हैं जबकि छत्तीस गढ़ में कर्जदार किसान परिवारों की संख्या एक तिहाई से ज्यादा(37.2 प्रतिशत) है.


नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरों की रिपोर्ट एक्सीडेंटल डेथ्स एंड स्यूसाइड इन इंडिया 2014 के किसान-आत्महत्या से संबंधित अन्य प्रमुख तथ्य निम्नलिखित हैं-



•  देश में साल 2014 में कुल 1,31,666 वयक्तियों ने आत्महत्या की.

•  आत्महत्या करने वाले लोगों में किसानों की संख्या 5,650 है जो कि आत्महत्या करने वाले लोगों की कुल संख्या का 4.3% है. 

• आत्महत्या करने वाले किसानों में पुरुषों की संख्या 5,178 और स्त्रियों की संख्या 472 है. प्रतिशत पैमाने पर यह साल 2014 में हुई कुल किसान आत्महत्याओं का क्रमश 91.6% तथा 8.4% प्रतिशत है. 

• आत्महत्या करने वाले किसानों में 44.5% छोटे किसान और 27.9% सीमांत किसान हैं. साल 2014 में आत्महत्या करने वाले कुल किसानों में छोटे और सीमांत किसानों की संख्या 72.4 प्रतिशत ( कुल 5650 में 4095 किसान) है.

•  महाराष्ट्र से कुल 2,568 किसानों के आत्महत्या की खबरें हैं. तेलंगाना में साल 2014 में 898 तथा मध्यप्रदेश में कुल 826 किसानों ने आत्महत्या की जो कि आत्महत्या करने वाले कुल किसानों की संख्या का क्रमश 45.5%, 15.9%  और 14.6% है.  
 
• छत्तीसगढ़ (443 किसान-आत्महत्या)  और कर्नाटक (321 किसान आत्महत्या) में आत्महत्या करने वाले किसानों की प्रतिशत संख्या आत्महत्या करने वाले कुल किसानों की संख्या का बरक्स क्रमश 7.8% और 5.7% है.

• उपर्युक्त पाँच राज्यों में कुल 5056 किसानों ने आत्महत्या की है जो कि आत्महत्या करने वाले कुल किसानों की संख्या(5650) का तकरीबन 90 प्रतिशत है.

•  कर्जदारी और दिवालिया होना(20.6% ) तथा पारिवारिक समस्या(20.1% ) को रिपोर्ट में किसानों की आत्महत्या की प्रमुख वजह के रुप में दर्ज किया गया है. आत्महत्या की अन्य वजहों में फसल का मारा जाना (16.8%), बीमारी (13.2%)  तथा शराब या नशे की लत (4.9%) प्रमुख हैं.

•  साल 2014 में कर्जदारी और दिवालियापन तथा पारिवारिक समस्या पुरुष किसानों की आत्महत्या की प्रमुख वजह रहा है. आत्महत्या करने वाले कुल किसानों में 21.5 प्रतिशत ने दिवालियापन या कर्जदारी के कारण और 20 प्रतिशत नें पारिवारिक समस्याओं के कारण आत्महत्या की. 
 
•  महिला किसानों के मामले में खेती-बाड़ी से जुड़े मुद्दे, पारिवारिक समस्याएं, विवाह-संबंधी मुद्दे तथा कर्जदारी और दिवालियापन आत्महत्या की प्रमुख वजहें हैं. आत्महत्या करने वाली महिला किसानों में उपर्युक्त कारणों से क्रमश 21.4% ( 472 में 101), 20.6% , 12.3%  तथा 10.8% ने उपर्युक्त कारणों से आत्महत्या की.
 
इस कथा के विस्तार के लिए कुछ सहायक लिंक 
 
Accidental Deaths & Suicides in India 2014 (released in 2015) by National Crime Records Bureau, please click here to access 

ADSI Reports of Previous years (1967-2013) 

Farm Debt Curse Continues: NSSO 

Maharashtra tops 2014 suicide chart, The Indian Express, 20 July, 2015 

16 farmer suicides in 1 month in Karnataka’s ‘sugar bowl’ -Johnson TA, The Indian Express, 20 July, 2015 

Maharashtra sees 1,300 suicides by farmers in only 6 months this year -Priyanka Kakodkar, The Times of India, 20 July, 2015 

Uttar Pradesh, T.N. roads the most unsafe, show NCRB data -Rukmini S, The Hindu, 18 July, 2015