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..और करप्शन के खिलाफ आम आदमी की 'सटक' गई तो करने लगा अन्नागिरी!

पटना। पटना या दिल्ली के बदले एक आदमी अपने गांव में ही अनशन पर बैठ गया है। अन्ना हजारे का नाम लेकर। मुद्दा हजारे वाला ही है। यानी करप्शन पर हमला। आज उस गांव के छह और लोग भी अनशन पर बैठ गये। तैयारी इस बात की चल रही है कि करप्शन से तंग लोग अपने-अपने घर से अनशन करें। पटना से कोई 70 किलोमीटर जहानाबाद के रतनी ब्लॉक के नारायणपुर गांव में सत्येंद्र शर्मा नामक एक किसान करप्शन के खिलाफ मुकम्मल कार्रवाई नहीं हुई तो खुद अनशन पर बैठ गये।


 


 


भास्कर डॉट कॉम को उन्होंने फोन पर बताया कि पिछले कई सालों से वह इसकी लड़ाई लड़ रहे हैं। उनके पंचायत में बीपीएल सूची में व्यापक गड़बड़ी की गयी  है। ब्लॉक ऑफिस में भ्रष्टाचार है। गांववालों ने चंदा जुटाकर गांव में बिजली लाने की व्यवस्था की। खुद पोल और तार के पैसे दिये। पर उसी गांव में बिजली पहुंचाने के नाम पर लाखों रुपये अफसरों ने अपने पास रख लिये। गांव के प्राइमरी स्कूल का बुरा हाल है। चार एकड़ के जोतदार सत्येंद्र कहते हैं कि बिना पैसे के  कोई काम नहीं हो रहा है। हर कोई परेशान है। अधिकारी सुनते नहीं। अनशन के तीसरे दिन गुरुवार को उनके साथ गांव के ही  सियाराम रमानी, अनिल शर्मा, नागेंद्र, मुकेश कुमार और शैलेंद्र सिंह भी अनशन पर बैठ गये।


 


 


मरे लोगों के नाम बीपीएल लिस्ट में


 


 


सत्येंद्र शर्मा ने कहा कि बीपीएल में भारी अनियमितता सहित अन्य मामलों को लेकर वह पहले डीएम से मिले। वहां बात नहीं सुनी गयी तो वह सीएम के जनता दरबार में गये। वहां भी कुछ नहीं हुआ। उनका दावा है कि विभिन्न सरकारी स्कीम में मरे हुए लोगों के नाम शामिल हैं और उसका फायदा कर्मचारी व बिचौलिए उठा रहे हैं।


 


 


एक दिन में दुनिया कैसे होगी इमानदार: बीडीओ


 


 


अनशन के बारे में रतनी ब्लॉक की बीडीओ आईबी मोरेगन ने कहा कि भ्रष्टाचार वगैरह को लेकर एक व्यक्ति अनशन पर है। वह खुद बुधवार को वहां गयी थीं। दिक्कत यह है कि सत्येंद्र तत्काल सभी शिकायतों का समाधान चाहते हैं। अब आप ही बताइए कि क्या एक दिन में दुनिया र्ईमानदार हो जाएगी। उनकी शिकायतें संबंधित विभाग को भेजने को लेकर वह रिपोर्ट तैयार रही हैं। सुश्री मोरेगन ने कहा कि हमारे आश्वासन पर वे अनशन नहीं तोड़ेंगे तो हमें कोई दूसरा रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा। उधर, जहानाबाद के डीएम बालामुरूगन डी से जब बात की गयी तो उनका कहना था: हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।


 


 


कभी लगते थे नक्सलवाद के नारे, अब गांधीवादी तरीका


 


 


मध्य बिहार का जहानाबाद जिला कभी नक्सलियों का मजबूत केंद्र हुआ करता था। कई नरसंहारों को झेल चुके जहानाबाद के लोग अब गांधीवादी तरीके से अपनी बात रख रहे हैं। अनशन पर बैठे सत्येंद्र कहते हैं कि उन्होंने स्थानीय जन प्रतिनिधियों को भी इन मुद्दों के बारे में बताया। मगर वे दिल्ली और पटना में इतने व्यस्त रहे कि पब्लिक का मुद्दा ही भूल गये।