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10 रु/ली महंगा होगा डीजल!

नयी दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्रालय के प्रस्ताव को यदि स्वीकार कर लिया जाता है, तो 10 माह की अवधि में डीजल के दाम 10 रुपये लीटर बढ जाएंगे. वहीं मिट्टी के तेल के दामों में अगले दो साल में 10 रुपये लीटर का इजाफा होगा.

डीजल, रसोई गैस सिलेंडर तथा केरोसिन की लागत से कम मूल्य पर बिक्री से तेल कंपनियों को हो रहे भारी नुकसान के मद्देनजर सरकार मूल्यवृद्धि का रास्ता तलाश रही है. दिल्ली में डीजल का दाम अभी 47.15 रुपये लीटर है. 14 सितंबर को डीजल के दाम 5.63 रुपये प्रति लीटर बढाए गए थे. वहीं दूसरी ओर मिट्टी के तेल की कीमतों में पिछले साल जून से बदलाव नहीं हुआ है. फिलहाल, दिल्ली में राशन में मिट्टी तेल 14.79 रुपये प्रति लीटर पर उपलब्ध है.

पेट्रोलियम मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, ‘‘हमारे पास विकल्प नहीं बचा है. दाम बढाने की जरुरत है. सरकार अगले दस माह तक हर महीने डीजल कीमतों में एक रुपये लीटर वृद्धि पर विचार कर रही है ताकि दाम लागत के अनुरुप लाये जा सके.’’ सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां फिलहाल डीजल 9.28 रुपये प्रति लीटर के नुकसान पर बेच रही हैं. दस माह में 10 रुपये वृद्धि से इस पूरे नुकसान की भरपाई हो जाएगी.

सूत्र ने कहा कि केरोसिन कीमतों में अगले दो साल में 10 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हो सकती है. उसने कहा कि कीमत वृद्धि के अलावा एलपीजी तथा प्राकृतिक गैस के ईंधन के रुप में इस्तेमाल को प्रोत्साहन देने से केरोसिन खपत में 20 प्रतिशत कमी आएगी. सरकार जल्द ही सस्ते सिलेंडर की संख्या सालाना 6 से बढाकर 9 कर सकती है. सूत्र ने कहा कि मंत्रालय चाहता है कि सिलेंडर ईंधन की सिर्फ दो दरें हों, एक सब्सिडी वाली कीमत और दूसरी बाजार दर-फिलहाल विभिन्न श्रेणियों में सिलेंडर के चार तरह के दाम हैं.

सब्सिडी वाले घरेलू सिलेंडर(14.2 किलोग्राम) के लिए 410.50 रुपये का दाम है. सालाना छह की सीमा पूरी होने के बाद परिवारों को इसकी खरीद बाजार मूल्य यानी 895.50 रुपये प्रति सिलेंडर के दाम पर करनी होगी. गैर-घरेलू इस्तेमाल के लिए 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर की कीमत 1,156 रुपये और 19 किलोग्राम के लिए 1,619 रुपये है. सूत्रों ने बताया कि इंडियन आयल कारपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन तथा भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन को चालू वित्त वर्ष के पहले छह माह में लागत से कम मूल्य पर डीजल, एलपीजी तथा केरोसिन की बिक्री पर 85,586 करोड रुपये का नुकसान हुआ है. इसमें से 52,711 करोड रुपये का नुकसान अकेले डीजल पर हुआ है.

सरकार ने अप्रैल-सितंबर के दौरान इस घाटे की भरपाई के लिए 30,000 करोड रुपये की नकदी देने का आश्वासन दिया है. वहीं 30,170 करोड रुपये की भरपाई ओएनजीसी, ऑयल इंडिया और गेल करेंगी. इस तरह 25,417 करोड रुपया का नुकसान बिना भरपाई के रह जायेगा. पेट्रोलियम मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में डीजल तथा रसोई गैस सिलेंडर की लागत से कम दाम पर बिक्री से हुए घाटे की भरपाई के लिए वित्त मंत्रालय से 1,05,525 करोड रुपये की राशि मांगी है.