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2015 तक दुनिया से 50 फीसदी भुखमरी खत्म करने का लक्ष्य

संयुक्त राष्ट्र ने सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों पर रिपोर्ट 2013 में जताई उम्मीद

रिपोर्ट
दुनियाभर में भुखमरी से पीडि़त लोगों की संख्या का आंकड़ा अब भी 87 करोड़ है
विकासशील देशों में दक्षिण-पूर्वी एशिया तय समय से पहले हासिल करेगा लक्ष्य
कैरेबिया, दक्षिण एशिया, सहारा उपमहाद्वीप आदि क्षेत्र लक्ष्य से पिछड़ रहे हैं
वर्ष 2000 में संयुक्त राष्ट्र में दुनियाभर के नेताओं ने तय किए थे मिलेनियम लक्ष्य

दुनिया की आबादी में हर आठवां व्यक्ति अब भी भुखमरी का शिकार है, जेकिन संयुक्त राष्ट्र को उम्मीद है कि वर्ष2015 तक वैश्विक स्तर पर भुखमरी को 50 फीसदी कम करने के लक्ष्य के काफी करीब दुनिया है। संयुक्त राष्ट्र की मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स रिपोर्ट 2013 में यह बात कही गई है।

रिपोर्ट में कहा गया हैकि भुखमरी को कम करने का लक्ष्य पहुंच में है यदि इस दिशा में तेजी में हालिया सुस्ती से पार पा लिया जाए तो।

सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों के तहत दुनिया में भुखमरी को 1990 और 2015 के बीच 50 फीसदी तक कम करने का लक्ष्य रखा गया था। रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में भुखमरी से प्रभावित लोगों की संख्या का आंकड़ा 87 करोड़ है जो विचलित करता है। दुनिया की इतनी बड़ी आबादी को खाने को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाता है।

हालांकि भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या में कमी आई है। 1990-1992 के दौरान यह कुल आबादी का 23.2 फीसदी थी, जबकि 2010-12 में यह घटकर 14.9 फीसदी रह गई। इससे साफ है कि भुखमरी में कमी की प्रगति पहले के मुकाबले अब ज्यादा स्पष्ट है। ऐसे में भुखमरी से पीडि़त आबादी की संख्या 2015 तक आधी करने का लक्ष्य पहुंच में है।

करीब 60 पेज की यह रिपोर्ट इस तथ्य की तरफ इशारा करती है कि विकासशील देशों में दक्षिण-पूर्वी एशिया ही ऐसा क्षेत्र है जो भुखमरी में कमी के लक्ष्य को निर्धारित समय 2015 से पहले ही पूरा कर लेगा। कंबोडिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया और वियतनाम इस उपलब्धि के करीब हैं।

लाओस भी अपने राष्ट्रीय लक्ष्य को पूरा करने के करीब है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक पूर्वी एशिया ट्रैक पर है और अपने यहां भुखमरी की शिकार आबादी की संख्या को 20.8 फीसदी से घटाकर 11.5 फीसदी करने के लक्ष्य के करीब है। लैटिन अमेरिका और सेंट्रल एशिया में भी इस दिशा में ठीक-ठाक प्रगति हुई है।

हालांकि कैरेबिया, दक्षिण एशिया, सहारा उपमहाद्वीप आदि क्षेत्र इस लक्ष्य से पिछड़ रहे हैं। पश्चिम एशिया एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या 1990-92 से 2010-12 के दौरान 17.9 फीसदी से बढ़कर 31 फीसदी तक पहुंच गई है। फिलिस्तीन और यमन जैसे देशों में भुखमरी में तेज बढ़ोतरी देखने को मिली है।

गौरतलब है कि वर्ष 2000 में दुनियाभर के नेता संयुक्त राष्ट्र में जुटेथे और उन्होंने पूरी दुनिया के लिए मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स तय किए थे। इसमें आठ लक्ष्य रखे गएथे जिनमें अत्यंत गरीबी में 50 फीसदी तक कमी करने ताकि लिंग समानता को प्रोत्साहित किया जा सके।

इसके अलावा एचआईवी/एड्स, मलेरिया आदि बीमारियों से लडऩे के लिए भी लक्ष्य तय किए गए थे। इन लक्ष्यों को वर्ष2015 तक पूरा करना है। रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में सभी देशों ने सकारात्मक प्रगति की है और मलेरिया, टीबी और एड्स जैसी बीमारियों की रोकथाम में सार्थक प्रगति हुई है।