Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/27-फीसदी-लोगों-को-ही-मिलती-है-आयोग-से-जानकारी-301.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | 27 फीसदी लोगों को ही मिलती है आयोग से जानकारी | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

27 फीसदी लोगों को ही मिलती है आयोग से जानकारी

नई दिल्ली। देश भर के सूचना आयोगों का प्रदर्शन जानने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर हुआ एक अध्ययन कहता है कि आयोगों का दरवाजा खटखटाने वाले 100 में से महज 27 लोगों को ही चाही गई जानकारी मिल पाती है और अपीलकर्ता के पक्ष में जारी होने वाले 39 फीसदी आदेश ही लागू हो पाते हैं।

मैगसायसाय पुरस्कार सम्मानित अरविंद केजरीवाल ने वर्ष 2008 के आरटीआई पुरस्कारों के लिए अपने गैर सरकारी संगठन [पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन] के अध्ययन के बारे में बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सूचना आयोगों में अपील करने वाले महज 27 फीसदी लोगों को ही सूचना मिल पाती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में देश भर के 28 सूचना आयोगों और एक केंद्रीय आयोग ने 51,128 आदेश जारी किए। इनमें से 34,980 मामलों में आदेश सूचना का खुलासा करने के पक्ष में जारी हुए।

केजरीवाल ने कहा कि ऐसे 34,980 अपीलकर्ताओं से हमने यह बुनियादी सवाल किया कि क्या उन्हें चाही गई सूचना मिली। इसमें से छह हजार लोगों की प्रतिक्रिया जानने के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि सूचना का खुलासा करने के पक्ष में जारी होने वाले कुल आदेशों में से महज 39 फीसदी मामलों में ही अपीलकर्ता को चाही गई सूचना मिल पाई। उन्होंने कहा कि अपीलकर्ताओं की नजर में जिन आयोगों का कामकाज सबसे ज्यादा संतुष्टि देने वाला रहा है, उसमें कर्नाटक राज्य सूचना आयोग शीर्ष पर है जहां अपील करने वाले 55 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें चाही गई सूचना मिली।

केजरीवाल ने कहा कि इसी तरह अपीलकर्ताओं की नजर में पिछले वर्ष सबसे खराब प्रदर्शन पश्चिम बंगाल राज्य सूचना आयोग का रहा जहां अपील करने वाले महज छह फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें सूचना मिली। इस सूची में पांचवें क्रम पर केंद्रीय सूचना आयोग भी है जहां अपील करने वाले महज 19 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें चाही गई सूचना मिल पाई। उन्होंने कहा कि अध्ययन में उत्तर प्रदेश, तमिलनाड़ु और सिक्किम के आंकड़े शामिल नहीं किए गए हैं। उत्तर प्रदेश सूचना आयोग ने जानकारी मुहैया नहीं कराई, तमिलनाड़ु के आयोग ने जारी हुए कुल आदेशों में से महज कुछ की ही प्रति उपलब्ध कराई और सिक्किम ने अपीलकर्ताओं के पते हमें नहीं बताए। उन्होंने कहा कि प्रभावक्षमता यानी अपने आदेशों को लागू करवाने के मामले में केरल के सूचना आयुक्त पी फजीलुद्दीन शीर्ष पर हैं जिन्होंने वर्ष 2008 में अपने 75 फीसदी आदेशों का कार्यान्वयन कराया। वहीं, केंद्रीय सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला इस सूची में चौथी पायदान पर हैं जो अपने 63 फीसदी आदेश ही लागू करा सके।

केजरीवाल ने कहा कि ए मसौदा रिपोर्ट है क्योंकि श्रेष्ठ सूचना आयुक्त, श्रेष्ठ सूचना अधिकारी और श्रेष्ठ जन अपीलकर्ता श्रेणी में दिए जाने वाले वर्ष 2008 के आरटीआई पुरस्कारों के लिए लोगों से उनके अनुभव बताने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि लोग 'डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट आरटीआई अवॉर्ड्स डॉट ओआरजी' पर अपने तजुर्बे बता सकते हैं। इसके बाद एक दिसंबर को पुरस्कारों की घोषणा होगी।

केजरीवाल ने कहा कि आरटीआई पुरस्कारों के निर्णायक मंडल में अभिनेता आमिर खान, पूर्व चुनाव आयुक्त जे. एम लिंगदोह, वरिष्ठ पत्रकार प्रणव रॉय, कानूनविद फाली एस नरीमन आदि प्रतिष्ठित शख्सियतें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमारे अध्ययन में कई दिलचस्प खुलासे हुए हैं। जैसे अपीलकर्ताओं की नजर में जिन 15 आयुक्तों का प्रदर्शन सबसे कम संतुष्टि वाला रहा है उनमें से सात केंद्रीय सूचना आयोग के आयुक्त हैं। इसी तरह सूचना मुहैया नहीं कराने वाले अधिकारियों पर देश के 28 में से 23 सूचना आयोगों ने दंड नहीं लगाया।

उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के सूचना आयुक्त नवीन कुमार ने वर्ष 2008 में तीन हजार मामले प्रथम अपीलीय प्राधिकार के पास दोबारा भेज दिए।

केजरीवाल ने कहा कि सरकार के सूचना का अधिकार कानून में संशोधन लाने पर विचार करने की खबरें हैं लेकिन इन आंकड़ों पर गौर किया जाए तो जरूरी यह है कि मौजूदा कानून के कार्यान्वयन को ही अधिक मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि कार्यान्वयन के मामले में पंजाब और कर्नाटक के सूचना आयोग एक नजीर पेश करते हैं। दोनों आयोग अपीलकर्ता का मामला तुरंत बंद नहीं करते, बल्कि आदेश जारी करने के 15 दिन बाद दोनों पक्षों की दोबारा सुनवाई कर कार्यान्वयन का आकलन करते हैं। अगर कार्यान्वयन ठीक नहीं पाया जाए तब भी मामला बंद नहीं होता और सुनवाई अगले 15 दिन के लिए बढ़ा दी जाती है।

केजरीवाल ने कहा कि अन्य राज्य सूचना आयोग आदेश जारी करने के बाद मामले को बंद कर देते हैं। कार्यान्वयन नहीं होने की स्थिति में जब दोबारा अपील की जाती है तो छह महीने बाद मामले की सुनवाई हो पाती है।