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60 फीसद फसल बर्बाद, हजारों आकाश के नीचे

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। तूफान और ओलावृष्टि से हुई बर्बादी का अंदाजा मुश्किल हो रहा है। पश्चिम बंगाल में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 47 तक पहुंच गया है। जबकि बिहार से किसी अतिरिक्त जनहानि की खबर नहीं है। फसल और संपत्ति के नुकसान का आकलन चल रहा है। बिहार के प्रभावित इलाकों में 60 फीसदी तक फसल नष्ट हो गई है। कमोबेश पश्चिम बंगाल और असम में भी खेती की यही स्थिति है। तूफान से मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। हजारों लोग खुले आकाश के नीचे आ गए हैं।

बिहार में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार के मंत्रियों ने गुरुवार को प्रभावित इलाकों का दौरा किया।

'काल बैसाखी' से जख्मी उत्तर दिनाजपुर के पांच लोगों ने गुरुवार को दम तोड़ दिया। इनको लेकर इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या 47 हो गई है। उल्लेखनीय है मंगलवार की आधी रात के इस कहर से 42 लोगों की पहले ही मौत हो चुकी है। मृतकों में 23 महिलाएं, 21 पुरुष व तीन बच्चे शामिल हैं।

मुआवजा और सहायता

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उत्तर दिनाजपुर और कूचबिहार जिलों में मंगलवार की रात 'काल बैसाखी' में मरे लोगों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर दो-दो लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे। गुरुवार को उत्तर दिनाजपुर जिला प्रशासकीय कार्यालय में हुई बैठक के बाद लघु व कुटीर उद्योग एवं पर्यटन मंत्री मानव मुखर्जी ने उक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिन लोगों के घर तूफान में पूरी तरह नष्ट हो गए हैं उन्हें दस हजार रुपये और जिनके घर आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं उन्हें ढाई हजार रुपये मुआवजे के बतौर दिए जाएंगे। नागरिक सुरक्षा मंत्री श्रीकुमार मुखर्जी ने कहा कि पीड़ित परिजनों द्वारा मृत्यु प्रमाणपत्र सौंप दिए जाने के 24 घंटे के भीतर मुआवजे का भुगतान कर दिया जाएगा। मृत्यु प्रमाणपत्र प्रभावितों को जल्द से जल्द जारी हो सके इसके लिए जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। राहत कार्य तेज करने के लिए नुकसान का ब्यौरा जल्द से जल्द तैयार करने के लिए ब्लाक कार्यालयों व ग्राम पंचायतों को आदेश दे दिया गया है।

राहत में कोताही

सर्वाधिक प्रभावित उत्तर दिनाजपुर में 'काल बैसाखी' के 40 घंटे बीत जाने के बाद भी 50 हजार लोगों को अभी तक राहत सामग्री नहीं मिली है। उनको खाद्य सामग्री तक मुहैया नहीं कराई जा सकी है। बिजली व दूरसंचार सेवा पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाई हैं। भीषण गर्मी व तेज धूप से प्रभावित लोगों की तकलीफ और बढ़ गई है। कड़ी धूप से बचने के लिए लोग टूटे पेड़ों व उजड़े घरों के किनारे छांव तलाश रहे हैं। राहत वितरण में दलीय पक्षपात का आरोप लगाते हुए दालकोला फाड़ी के सामने दालकोला के पूर्व नगरपाल सुभाष गोस्वामी के नेतृत्व में कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं व तूफान प्रभावितों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 34 को जाम भी किया।

राहत सामग्री की लूट

राहत वितरण में विलम्ब से उत्तेजित लोगों ने कर्णदिघी एक नम्बर ग्राम पंचायत कार्यालय में राहत सामग्री लूट ली। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। जिलाधिकारी रामानुज चक्रवर्ती का कहना है कि कर्णदिघी में थोड़ी देर के लिए तनाव था, लेकिन अब सामान्य तौर पर राहत वितरण हो रहा है। उन्होंने राहत वितरण में लापरवाही की बात से इन्कार किया। जबकि कर्णदिघी के विधायक गोकुल राय ने माना कि वहां तनाव पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री नहीं पहुंचने के चलते पैदा हुआ। उन्होंने उम्मीद जताई कि शुक्रवार शाम तक पर्याप्त राहत सामग्री पहुंच जाएगी।

प्रशासन पर आरोप

गुरुवार को रायगंज में सांसद दीपा दासमुंशी ने आरोप लगाया है कि 'काल बैसाखी' के 48 घंटे बीत जाने के बाद भी प्रशासन मृतकों की सूची तैयार करने में विफल रहा है। इससे उत्तर दिनाजपुर जिले के दौरे पर आए मंत्रियों का समूह असमंजस में है। हालांकि मंत्रियों ने बताया कि मृतकों की सूची उनके पास है। जिला स्वास्थ्य विभाग से पुष्टि के बाद इसे जारी कर दिया जाएगा। दीपा ने राहत सामग्री के वितरण में हो रही विलंब की शिकायत केंद्रीय गृह मंत्री से करने की चेतावनी दी है। बकौल दीपा, उत्तर दिनाजपुर जिले के पांच ब्लाकों- रायगंज, कालियागंज, हेमताबाद, कर्णदिघी एवं ग्वालपोखर दो नंबर में तूफान से एक लाख घर पूरी तरह से और 90 हजार घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रभावित इलाके का दौरा करने के बाद उन्होंने तूफान पीड़ितों को अपने कोटे से सहायता राशि देने का आश्वासन दिया है। गुरुवार को नागरिक सुरक्षा मंत्री श्रीकुमार मुखर्जी, पर्यटन मंत्री मानव मुखर्जी, कारागार व समाज कल्याण मंत्री विश्वनाथ चौधरी और रायगंज की सांसद दीपा दासमुंशी ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया।

बिहार में 60 फीसदी फसल नष्ट

मंगलवार देर रात आए तूफान के कहर से अररिया जिले में मक्का की फसल 60 फीसदी बर्बाद हो गई है। हालांकि कृषि विभाग 35 प्रतिशत ही फसल नुकसान की बात कह रहा है। कृषि अधिकारी अनिल कुमार के मुताबिक जिले के कुर्साकांटा, सिकटी और पलासी ब्लाकों में फसल की क्षति नगण्य है। उन्होंने बताया कि जिले में दो हजार हेक्टेयर भूमि में आम की फसल है, जिसमें से 15 प्रतिशत फसल आंधी में बर्बाद हो चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अररिया, जोकीहाट, रानीगंज, भरगाम व जोकीहाट ब्लाकों में आम फसल 80 प्रतिशत नष्ट हो गई है।

एक लाख मकान हुए क्षतिग्रस्त

बिहार के सीमांचल जिलों- अररिया, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और सुपौल में आए तूफान और ओलावृष्टि में दस हजार मवेशियों की मौत हुई है और एक लाख मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास ने गुरुवार को पटना में बताया कि तूफान और ओलावृष्टि के कारण सीमांचल के इन पांच जिलों से प्रारंभिक तौर पर जो सूचनाएं प्राप्त हुई हैं उसके मुताबिक 81 [गैर सरकारी आंकड़ा 91] लोगों और 10 हजार मवेशियों की जान चली गई है, जबकि इससे एक लाख मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उन्होंने बताया कि तूफान के कारण मरने वालों में सबसे अधिक पूर्णिया में 39, अररिया में 33, कटिहार में 7 तथा सुपौल व किशनगंज में एक-एक व्यक्ति की जान गई। तूफान से प्रभावित इन जिलों में जिला प्रशासन राहत अभियान चला रहा है और इस संबंध में एक प्रारंभिक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी गई है।