Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/aryan-khan-wankhede-story-nudges-ips-irs-ias-officers-to-call-out-those-who-violate-their-oath/248308/.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | आर्यन -वानखेड़े प्रकरण के बाद IPS-IRS-IAS खुद से सवाल पूछें कि अपनी शपथ को लेकर वो कितने ईमानदार हैं | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

आर्यन -वानखेड़े प्रकरण के बाद IPS-IRS-IAS खुद से सवाल पूछें कि अपनी शपथ को लेकर वो कितने ईमानदार हैं

-द प्रिंट,

जब तक आप यह लेख पढ़ रहे होंगे, आर्यन खान शायद जेल से बाहर निकल रहे होंगे- बेशक 25 दिन की देरी से. इस मामले के बारे में अब तक हम जो कुछ जान पाए हैं वे यही बताते हैं कि उनकी गिरफ्तारी, उन्हें जेल में रखना और उन पर एक कठोर कानून के तहत मामला दायर करना कतई जायज नहीं था. उनके कड़वे प्रकरण ने समीर दाऊद/ज्ञानदेव वानखेड़े के रूप में एक तरह के एक और ‘स्टार’ को सामने ला दिया है.

अब यह फैसला आपके ऊपर है कि वे किस तरह के स्टार हैं, अच्छे हैं या बुरे, नाइंसाफी के शिकार हीरो हैं या विलेन जिसे अंततः धर लिया जाता है. लेकिन उन्होंने लोगों को दो खेमों में बांट दिया है. कुछ लोगों के लिए वे आरक्षण की व्यवस्था में फर्जीवाड़ा करने वाले शख्स हैं जिसने अपने बारे में यह तथ्य छिपाते हुए कि वह मुसलमान है, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कोटे पर दावा करके नौकरी हासिल की. इसमें कोई मुश्किल नहीं थी सिवा इसके कि उन्हें जाति आधारित आरक्षण का लाभ नहीं मिलता. लेकिन कुछ लोगों के लिए वे एक मुस्लिम और दलित हैं, जिसे कुलीन तबका इसलिए निशाना बना रहा है कि उन्होंने उनके खिलाफ कार्रवाई करने का दुस्साहस किया.

और कुछ लोगों के लिए वे एक ‘दादा’ हैं या कहें एक ‘ब्लैकमेलर’ जिसने नाम कमाने और कथित रूप से दाम भी कमाने के लिए अमीरों और मशहूर लोगों, खासकर बॉलीवुड वालों को निशाना बनाया. और कुछ लोगों के लिए वे नार्कोटिक्स विभाग के बहादुर अधिकारी हैं जिसने अपना फर्ज निभाया और यह परवाह नहीं की कि वह कितने प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.

हम किसी पक्ष का समर्थन नहीं कर सकते और न कर रहे हैं क्योंकि हमारे पास तथ्य नहीं हैं. हम व्यक्तिपरक धारणा पर चलते हैं क्योंकि इसी आधार पर हम अपने सामने उपस्थित तथ्यों पर विचार कर सकते हैं. हम पटरी से हट कर कुछ और बात पर ज़ोर देंगे, जो कम मूर्त है और जो लोगों को बांटता नहीं है. इसे सरकारी सेवा में, खासकर ऑल इंडिया और क्लास वन वाली सेवाओं में शिष्टाचार और ईमानदारी का पालन कहा जाता है.

मैं आपसे एक पहेलीनुमा सवाल पूछता हूं- देश के कितने आईएएस अधिकारियों के नाम आप जानते हैं? उनके नहीं जो आपके रिश्तेदार या साथी हैं बल्कि उनके, जो खबरों में आए और खासकर हाल के दिनों में? या आईपीएस अधिकारियों के? या उस सेवा के, जिसका ताल्लुक हमारे सामान्य जीवन से कम ही रहता है, भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारियों के, जिन्हें ‘टैक्स वाला’ कहा जाता है?

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.