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#Exclusive: भगोड़े, धोखाधड़ी के आरोपी हरीश पाठक से राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने खरीदी जमीन

-न्यूजलॉन्ड्री, 

हरीश पाठक का नाम याद रखिए. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा कथित तौर पर मोटे पैसे का हेरफेर करके जो ज़मीन खरीदी गई है उसके केंद्र में हरीश पाठक हैं. हरीश पाठक और उनकी पत्नी कुसुम पाठक वो शख्स हैं जिनसे दो करोड़ में जमीन खरीद कर सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने दो मिनट के भीतर राम जन्मभूमि ट्रस्ट को 18.5 करोड़ में बेंच दी.

लेकिन हरीश पाठक की भूमिका सिर्फ इतनी ही नहीं है. राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने इसी हरीश पाठक से एक और जमीन सिर्फ 12 मिनट पहले 8 करोड़ रुपए में खरीदी. यह भी उसी ज़मीन का एक हिस्सा है जिसको लेकर ट्रस्ट के लोगों पर घोटाले के आरोप लग रहे हैं.

अब सवाल उठता है कि आखिर ये हरीश पाठक है कौन, जिसने एक ही जमीन का एक हिस्सा पहले दो बिचौलियों के मार्फत राम जन्मभूमि ट्रस्ट को बेचा और फिर उसका दूसरा हिस्सा सीधे-सीधे राम जन्मभूमि ट्रस्ट को बेचा. यह सारा लेनदेन महज 15 मिनट के भीतर हुआ. जिसके सभी दस्तावेज न्यूज़लॉन्ड्री के पास हैं.

हरीश पाठक के ऊपर साल 2016 से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं. पुलिस इनके घर की कुर्की कर चुकी है, फिलहाल वो इन मामलों में पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक फरार हैं.

मजे की बात है कि यही भगोड़ा और धोखाधड़ी का आरोपी हरीश पाठक आकर राम जन्मभूमि ट्रस्ट को जमीन बेचता है और आराम से फिर लापता हो जाता है. यही नहीं जमीन की लिखा पढ़ी के लिए बतौर गवाह अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय भी शामिल होते हैं. इतना ही नहीं ट्रस्ट के एक सदस्य अयोध्या-फैजाबाद जिले के डीएम भी हैं. संभव है कि कोर्ट में लिखा-पढ़ी के दौरान वो भी मौजूद रहे होंगे.

पाठक के ऊपर धोखाधड़ी का मामला 2009 में पाठक दंपति और उनके बेटे द्वारा बनाई गई एक कंपनी साकेत गोट फार्मिंग कंपनी से जुड़ा है. इस मामले में हरीश पाठक को साल 2018 में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. इसके बाद इनके घर की कुर्की की गई.

अयोध्या के कैंट थाने के एक अधिकारी ने हमें बताया, ‘‘वो (पाठक) केस में सहयोग नहीं कर रहे थे. कोर्ट में भी नहीं आते थे. इसीलिए साल 2018 में उन्हें भगोड़ा घोषित कर उनके घर की कुर्की की गई.’’

अयोध्या के बाग बिजैसी गांव की जमीन
अयोध्या के बाग बिजैसी गांव की जमीन

18 मार्च को पाठक दंपत्ति ने अयोध्या के बाग बिजैसी गांव में 1.2 हेक्टेयर जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को दो करोड़ रुपये में बेची. कुछ ही मिनट बाद अंसारी और तिवारी ने उसी जमीन को राम जन्मभूमि ट्रस्ट को 18.5 करोड़ रुपये में बेंच दी थी.

यह स्वाभाविक सा सवाल तमाम विपक्षी दलों ने उठाया कि जो जमीन कुछ मिनट पहले ही अंसारी और तिवारी ने पाठक से दो करोड़ रुपए में खरीदी थी उसे ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ में क्यों खरीद लिया?

इस बहस में उसी दिन यानी 18 मार्च को राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया गया एक और लेनदेन दब गया. न्यूज़लॉन्ड्री को मिले दस्तावेज़ों के मुताबिक 18 मार्च को ही कुसुम और हरीश पाठक ने अयोध्या के बाग बिजैसी गांव में 1.038 हेक्टेयर जमीन का एक टुकड़ा सीधे राम जन्मभूमि ट्रस्ट को 8 करोड़ रुपए में बेचा है. लगभग 716 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से.

जबकि इस इलाके के सर्किल रेट के मुताबिक इस जमीन का मूल्य 4.97 करोड़ रुपये बनता है. ट्रस्ट ने 3.03 करोड़ अतिरिक्ट कीमत अदा कर यह जमीन भी खरीद ली.

धांधली मामले में आरोपी पाठक दंपति

साल 2009 में हरीश पाठक ने अपनी पत्नी कुसुम पाठक, बेटे विकास पाठक, प्रताप नरायण पांडेय, चंद्र प्रकाश दुबे, माधुरी पांडेय और अनंत कुमार तिवारी के साथ मिलकर साकेत गोट फार्मिंग लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई थी. यह बकरी पालन से जुड़ा कारोबार था. जिसमें वो लोगों को पांच हज़ार रुपए का बांड बेचते थे. जो बांड खरीदता था उसे 42 महीने बाद आठ हज़ार रुपए या दो बकरी मिलती थीं. इसके लिए बकायदा कई जगहों पर बकरी पालन केंद्र भी स्थापित किए गए थे. लेकिन 42 महीने पूरे होते उससे पहले ही पाठक और उनके साथी लोगों का पैसा लेकर गायब हो गए.

जब कंपनी पैसे लेकर भाग गई तब निवेशकों और एजेंटों ने पैसों की मांग शुरू की. लोगों ने अयोध्या में धरना प्रदर्शन भी किया. लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा. पाठक के लोग उल्टा निवेशकों को धमकाने लगे. इसके बाद लोगों ने एफआईआर दर्ज करना शुरू कर दिया.

इस धांधली को लेकर साल 2016 में एक एफआईआर 167/16 अयोध्या कैंट थाने में दर्ज हुई. इसके बाद अलग-अलग जिलों में कई और एफआईआर दर्ज हुईं.

बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ के रहने वाले सुनील कुमार शुक्ला, संत कबीरनगर के डॉक्टर राकेश कुमार और गोंडा के रहने वाले राम सागर ने साल 2019 और 2020 में अलग-अलग थानों में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया. कई पीड़ित अब भी एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी में हैं.

साल 2016 में अयोध्या के कैंट थाने में दर्ज एफआईआर संख्या 167/16 के मामले में पाठक के घर की कुर्की 16 अगस्त, 2018 को पुलिस ने की. इस दौरान पुलिस ने उसकी मारुती सुजुकी स्विफ्ट कार को जब्त कर लिया जो अब भी कैंट थाने में मौजदू है.

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