Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/baat-bolegi-need-to-look-at-population-control-law-in-existential-frame.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | बात बोलेगी: आप पहले पैदा हो गए हैं, केवल इसलिए आगे किसी और के पैदा होने का अधिकार छीन लेंगे? | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

बात बोलेगी: आप पहले पैदा हो गए हैं, केवल इसलिए आगे किसी और के पैदा होने का अधिकार छीन लेंगे?

-जनपथ,

हाउ डेयर यू??? यह सवाल एक किशोरवय की लड़की ने दुनिया के नीति-निर्धारकों की आँखों में आँखें डालकर पूछा था कि ‘तुम वयस्कों की हिम्मत कैसे हुई कि आने वाली नस्लों के लिए इस धरती को जीने लायक नहीं रहने दिया? अपनी उम्र जी लेने के बाद आने वाली नस्लों के लिए तुम इस धरती को इस अवस्था में नहीं छोड़ सकते कि इसके बाद दुनिया बीमारों की जगह बन जाए’। इस लड़की को दुनिया ग्रेटा थनबर्ग के नाम से जानने लगी। उसके प्रशंसकों की संख्या पूरी दुनिया में काफी ज्‍यादा है।

ग्रेटा की चिंताएं और सरोकार धरती और उसके नैसर्गिक पर्यावरण की खराब होती सेहत को लेकर थी और है। पूरी दुनिया ने जहां औपचारिकता के लिए ही सही इस लड़की की बातों पर कान दिया और अपने-अपने देश के बच्चों को तवज्जो दी। हिंदुस्तान में न तो ग्रेटा को सुना गया और न ही अपने देश के उन किशोरों और युवाओं को जो ग्रेटा के समर्थन में आए, बल्कि दिशा रवि जैसी एक समर्थक को इस बात के लिए प्रताड़ित किया गया कि उसने खुद को ग्रेटा के विचार से प्रभावित बतलाया और किसान आंदोलन का समर्थन किया।

ग्रेटा की इस चेतावनी और ललकार में कई ऐसी बातें निहित हैं जिन्हें आज भारत में राज्यों द्वारा अंगीकार की जा रही जनसंख्या नीति के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। अगर बात पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने  की है तो ग्रेटा यही बात तो पूछना चाहती है कि कालक्रम में अगर तुम पहले इस धरती पर आ गए तो क्या इसका मतलब यह है कि आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए तुम इस धरती पर जीवन की संभावनाओं को ही खत्म कर दो? जनसंख्या नियंत्रण के विचार मात्र को भी इसी कसौटी पर परखने की ज़रूरत है कि क्या इस देश में पहले जन्म ले चुके लोगों को मात्र पहले आ जाने की वजह से ये अधिकार हासिल हैं कि भावी पीढ़ियों को आने ही न दिया जाए?

ग्रेटा यह भी कहना चाहती है कि आपने प्रकृति के कुछ रहस्यों को समझ लिया और उसे अपने नियंत्रण में ले लिया या उसके उपभोग के लिए अपनी दिमागी क्षमता विकसित कर ली तो क्या इसका आशय यह है कि उसका इतना दोहन कर लिया जाए कि आने वाली नस्लों से- जो ज़ाहिर है दिमागी क्षमताओं में तुमसे ज़्यादा उन्नत हो सकती हैं- यह अधिकार छीन लो कि उपभोग तो दूर, वे एक स्वाभाविक जीवन भी न जी पाएं?

पूरा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.