Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/cbse-पेपर-लीकः-छात्रों-अभिभावकों-के-साथ-ही-शिक्षकों-को-भी-झेलनी-होगी-परेशानी-12538.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | CBSE पेपर लीकः छात्रों-अभिभावकों के साथ ही शिक्षकों को भी झेलनी होगी परेशानी | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

CBSE पेपर लीकः छात्रों-अभिभावकों के साथ ही शिक्षकों को भी झेलनी होगी परेशानी

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई की ओर से दसवीं की गणित और बारहवीं की अर्थशास्त्र की परीक्षा फिर से कराने की घोषणा से यही प्रकट होता है कि इन दोनों विषयों के प्रश्नपत्र न केवल लीक हो गए, बल्कि बड़े पैमाने पर वितरित भी कर दिए गए। यह तो समग्र जांच के बाद ही पता चलेगा कि यह आपराधिक कृत्य किसने और कितने बड़े पैमाने पर किया, लेकिन इसमें दोराय नहीं है कि इस कारण देश के लाखों छात्रों पर तुषारापात हुआ है। गणित की परीक्षा के साथ ही दसवीं के ज्यादातर छात्रों की परीक्षा खत्म हो गई थी और वे इससे खुश थे कि परीक्षा का बोझ सिर से उतरा, लेकिन उनके राहत की सांस लेने के पहले ही यह खबर आ गई कि इस विषय की परीक्षा फिर से देनी होगी। चूंकि हाईस्कूल में गणित अनिवार्य होता है, इसलिए सभी छात्रों को नए सिरे से परीक्षा की चिंता करनी होगी। इनकी संख्या 16 लाख से भी अधिक है। नि:संदेह इंटरमीडिएट के केवल उन्हीं छात्रों को दोबारा परीक्षा के दौर से गुजरना होगा जो अर्थशास्त्र की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन आखिर इसका क्या मतलब कि करे कोई और भरे कोई?

यह किसी त्रासदी से कम नहीं कि लाखों छात्रों को उस विषय की परीक्षा फिर से देने के लिए विवश होना पड़े, जिसे वे पहले दे चुके हैं। चूंकि दसवीं की गणित और बारहवीं की अर्थशास्त्र की परीक्षा दोबारा होने से लाखों छात्रों और अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षकों को भी अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ेगा, इसलिए इन विषयों के पर्चे लीक होने के मामले में ऐसी कोई ठोस कार्रवाई होनी चाहिए, जो नजीर बने। ऐसा इसलिए और भी आवश्यक है, क्योंकि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा की शुचिता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग गया है। समझना कठिन है कि एक ऐसे समय जब हर तरह की परीक्षाओं के पर्चे लीक होने का खतरा कहीं अधिक बढ़ गया है, तब किसी ने यह सुनिश्चित क्यों नहीं किया कि सीबीएसई परीक्षा की गोपनीयता बनाए रखने के तंत्र में सेंध न लगने पाए?

इससे संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता कि मानव संसाधन विकास मंत्री ने दो विषयों की परीक्षा फिर से कराए जाने की नौबत आने पर खेद जताया और प्रधानमंत्री ने भी नाराजगी प्रकट की, क्योंकि बीते कुछ समय से विभिन्न् परीक्षाओं के पर्चे लीक होने का सिलसिला कायम है। चंद दिनों पहले ही कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा के पर्चे लीक होने के मामले की जांच सीबीआई को सौंपनी पड़ी थी। इसके पहले भी अन्य कई परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक हो चुके हैं।

यह ठीक नहीं कि प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज स्तर की परीक्षाओं के भी प्रश्नपत्र लीक होने लगें। प्रश्नपत्र लीक होने का सिलसिला संबंधित संस्थाओं के साथ ही शासन तंत्र की विश्वसनीयता को भी चोट पहुंचाता है। छात्रों के साथ-साथ आम जनता के मन में भी यह धारणा गहराती है कि अब हर कहीं सेंध लगाना आसान हो गया है। बेहतर है कि हमारे नीति-नियंता यह समझें कि अगर परीक्षा आयोजन के तौर-तरीकों में आमूलचूल परिवर्तन नहीं लाया जाता, तो परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होते ही रहेंगे।