Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/corona-crisis-environment-corona-virus-ganga-lockdown.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | खिल उठा पर्यावरण हवा-पानी हुआ शुद्घ | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

खिल उठा पर्यावरण हवा-पानी हुआ शुद्घ

-इंडिया टूडे,

 

वातावरण ऐसे खिल उठा है, मानो लॉकडाउन उसके लिए वरदान बनकर आया. यकीनन, कोरोना वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए 24 मार्च से लागू लॉकडाउन गरीब-गुरबों और प्रवासी मजदूरों के लिए आफत बनकर आया है लेकिन इसका एक नतीजा हर तरह के प्रदूषण में भारी कमी के रूप में दिख रहा है. वाकई, यह सुखद एहसास पैदा करता है. मानो प्रकृति अपने मूल स्वरूप में लौट गई है. हवा, पानी अपने शुद्घ-साफ स्वरूप में दिखने लगा है. इसके नजारे उत्तराखंड में सबसे स्पष्ट दिख रहे हैं. देश के प्रमुख तीर्थ स्थल हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा जल एकदम साफ नीला दिखता है और वैज्ञनिक इसे पीने योग्य बता रहे हैं.

वैज्ञानिकों के अनुसार गंगा के साफ पानी की वजह, इसके पानी में घुले डिसॉल्वड सॉलिड की मात्रा में आई 500 प्रतिशत की कमी है. जाहिर है, ऐसा तीर्थनगरी में मौजूद धर्मशाला, होटल-लॉज से आने वाले सीवर और अन्य प्रदूषकों में कमी की वजह से हुआ है. पानी की गुणवत्ता में आया असर साफ दिखाई दे रहा है.

ऋषिकेश में इस पानी को डिसइंफेक्ट कर पिया जा सकता है. हरिद्वार में ये नहाने योग्य है और कुछ ट्रीटमेंट के बाद पीने योग्य भी इसे आसानी से किया जा सकता है. उत्तराखंड पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड के अध्ययन भी प्रदूषण में आई गिरावट की पुष्टि कर रहे हैं.

उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन शहर हों या फिर देवभूमि के धार्मिक महत्व के तीर्थ या नगर हर जगह लॉकडाउन के चलते पर्यावरण में बहुत सुधार दिख रहा है. अप्रैल, मई और जून के महीनों में यहां लगभग सभी शहरों-कस्बों में लोगों की भीड़ लगी रहती थी लेकिन इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है.

झील नगरी नैनीताल समेत भीमताल, नौकुचियाताल, सातताल सभी में झीलों का पानी न केवल पारदर्शी और निर्मल दिखाई दे रहा है, बल्कि इन झीलों की खूबसूरती भी बढ़ गई है. पिछले कई साल से झील के जलस्तर में जो गिरावट दिखती थी, वह भी इस बार नहीं दिख रही.

मछलियां झील की सतह पर आकर अठखेलियां करती दिखती हैं. शहर की सड़कें साफ-सुथरी और चमकदार दिख रही हैं. कुमाऊं विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर ललित तिवारी के अनुसार यह सब शहर के होटलों और रेस्तरां के बंद होने का नतीजा है क्योंकि उनसे निकलने वाले कचरे और गंदे पानी में भारी कमी आई है.

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.