Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/corona-virus-bharat-june-july-haalat-anumaan.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | कोरोना वायरस संकट: अगले एक महीने में क्या हो सकता है? | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

कोरोना वायरस संकट: अगले एक महीने में क्या हो सकता है?

-सत्याग्रह, 

केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के चलते घोषित लॉकडाउन का पांचवां चरण शुरू हो गया. इसके लिए जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक कंटेनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है. बाकी इलाकों में चरणबद्ध तरीके से परिवहन से लेकर शिक्षण तक वे तमाम गतिविधियां फिर से शुरू की जाएंगी जिन पर पाबंदी लगी हुई थी. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में 25 मार्च से लॉकडाउन जारी है. अभी इसका पांचवां चरण चल रहा है. लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई को खत्म हुआ है.

इस बीच कोरोना वायरस के मामलों की संख्या अब तेजी से बढ़ रही है. इनका आंकड़ा अब दो लाख के करीब पहुंच गया है. जानकारों का मानना है कि भारत में कोरोना वायरस के प्रसार का तीसरा चरण यानी इसका सामुदायिक संक्रमण शुरू हो चुका है. शहरों से प्रवासियों के अपने-अपने कस्बों या गांवों में पहुंचने के साथ ही इन इलाकों से भी कोविड-19 के मामले बढ़ने की खबरें आने लगी हैं.

सवाल उठता है कि आने वाले पखवाड़े या महीने में हालात क्या हो सकते हैं. कोरोना वायरस से जुड़े कुछ बुनियादी तथ्य अब तक वहीं हैं जहां वे पांच महीने पहले थे. यानी अब तक इसके खिलाफ कोई वैक्सीन नहीं आ सकी है और न ही इसके इलाज के लिए कोई दवा ही खोजी जा सकी है. माना जा रहा है कि आगे लॉकडाउन में ढील के साथ लोगों की आवा-जाही बढ़ेगी तो स्थितियां और बिगड़ेंगी. हाल में दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि जून-जुलाई में भारत में संक्रमण के मामले शिखर यानी पीक पर पहुंच जाएंगे.

कई दूसरे विशेषज्ञ भी उनकी बात से इत्तेफाक रखते हैं. दिल्ली के प्रतिष्ठित सर गंगाराम अस्पताल से जुड़े डॉ अंबरीश सात्विक कहते हैं, ‘आने वाले हफ्तों में हम लोगों में से ज्यादातर को यह संक्रमण होने की काफी संभावना है.’ हालांकि वे यह भी कहते हैं कि यह कोई प्लेग या इबोला जैसी महामारी नहीं है और 80 फीसदी मामलों में इसका संक्रमण पूरी तरह से नुकसान रहित रहेगा. डॉ अंबरीश कहते हैं, ‘बुजुर्गों को भी यह बीमारी होने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें मौत की सजा हो गई.’

24 मार्च को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया था तो कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा 500 के करीब था और तब तक इसके संक्रमण से केवल 10 मौतें ही हुई थीं. आज मामलों की संख्या दो लाख छूने को है और मौतों का आंकड़ा पांच हजार से ऊपर जा चुका है. अब लगभग हर दिन ही मामलों और मौतों के आंकड़े पिछले दिन को पीछे छोड़ रहे हैं. इस तरह से देखा जाए तो अगले एक महीने में हालात कहीं भयावह हो सकते हैं.

इसे आसान तरीके से ऐसे भी समझा जा सकता है कि पिछले दो महीनों में पूरी तरह से लॉकडाउन होने के बावजूद कोरोना संक्रमण के मामले 500 से दो लाख यानी 400 गुना अधिक हो गये हैं. अब जबकि लॉकडाउन हट रहा है तो दो लाख से ये मामले किस संख्या तक पहुंच सकते हैं इसका अंदाजा ही लगाया जा सकता है. हालांकि यह भी सही है कि अब एक भारतीय नागरिक कोरोना वायरस के बारे में पहले से ज्यादा जानकारी रखता है. लेकिन दूसरी तरफ इस तथ्य से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि विषम आर्थिक परिस्थितियां और इस समस्या का फिलहाल न दिखने वाला अंत लोगों को बाहर निकलने के लिए मजबूर करेंगे जिसकी वजह से कोरोना वायरस की समस्या और जटिल हो सकती है.

यह भयावहता कहां तक पहुंच सकती है, इसका अंदाजा एक उदाहरण से भी लगाया जा सकता है. अमेरिका के प्रतिष्ठित मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी से जुड़ीं डॉ. शिंजिनी घोष ने एक अनुमान में भारत में मई के आखिर तक कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 13 हजार तक पहुंचने की बात कही थी. असल आंकड़े का जिक्र ऊपर हो ही चुका है जो इससे करीब 15 गुना ज्यादा है.

जाहिर है कि पहले से ही चरमरा रही भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ रहे अतिरिक्त बोझ में अगले कुछ हफ्तों के दौरान दौरान भयानक बढ़ोतरी हो सकती है. सरकारी अस्पतालों में बेड की कमी रहती है, यह कोई छिपी बात नहीं है. लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं कि मरीजों के घरवाले उन्हें भर्ती करने के लिए भटक रहे हैं क्योंकि अस्पतालों में बेड खाली नहीं हैं. इसे देखते हुए अब निजी अस्पतालों को भी कोरोना वायरस के मरीजों के लिए एक निश्चित संख्या में बेड रिजर्व रखने को कहा जा रहा है.

पूरा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.