Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/coronavirus-50-percent-drop-in-asia-s-biggest-market-40-thousand-laborers-on-crisis.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | कोरोना संक्रमण : एशिया की सबसे बड़ी मंडी में 50 फीसदी गिरावट, 40 हजार मजदूरों पर संकट | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

कोरोना संक्रमण : एशिया की सबसे बड़ी मंडी में 50 फीसदी गिरावट, 40 हजार मजदूरों पर संकट

- डाउन टू अर्थ,

“यहां कोरोना संक्रमण से क्या बचाव करें ? हम जांच और पूरी सुरक्षा के साथ किसी तरह भी अपने अपने घर लौटना चाहते हैं। यहां काम कुछ बचा नहीं है। न बाहर से सब्जियों के वाहन आ रहे हैं और न ही खरीदार। पहले व्यस्त दिनों में 700 से 800 रुपये तक कमा लिए करते थे, इन दिनों 100-150 रुपये तक मिलना मुश्किल हो गया है।”  

करीब 20 पल्लेदारों की सघन भीड़ में खड़े इंद्रजीत सिंह ने डाउन टू अर्थ से यह बात कही। इंद्रजीत ने कहा कि वह बिहार के मधेपुरा जिले के रहने वाले हैं, यहां आदर्श नगर में रहते हैं। उनके पास न तो कोई श्रमिक कार्ड है और न ही आजादपुर मंडी में काम करने का कोई पहचान पत्र। अभी सिर्फ दिन काट रहे हैं। यही संकट आजादपुर मंडी से जुड़े करीब 40 हजार अनौपचारिक मजदूरों पर है। 

आजादपुर एपीएमसी कार्यालय के अधिकारियों ने नाम न लिखने की शर्त पर डाउन टू अर्थ को बताया कि लॉकडाउन के बाद से आवक में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है। सप्लाई चेन टूटने के बाद से किसानों का माल सामान्य दिनों की तरह आजादपुर मंडी नहीं पहुंच रहा है।

लॉकडाउन से पहले आजादपुर मंडी में 20 मार्च, 2020 को जहां 1912 वाहन, वहीं 2240 वाहन वितरण के लिए पहुंचे थे। 26 मार्च को सिर्फ 881 वाहन आए और वितरण वाले वाहनों की संख्या 1315 पहुंच गई। 27 मार्च को रात 12 बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक 293 वाहन आए और करीब एक हजार वितरण वाले खाली वाहन आए।

लॉकडाउन के बाद आजादपुर मंडी पहुंचने वाले इन ट्रकों में सबसे ज्यादा माल आलू, टमाटर और बैंगन का है। हालांकि, आलू की कीमतों में आवक के बाद भी बढ़ोतरी है। अनिल महलोत्रा ने कहा कि बीते शनिवार को आलू की कीमत 600 से 800 रुपये के बीच बिका था लेकिन 27 मार्च, 2020 को आलू की कीमत 1100-2000 रुपये तक रही। मिर्च की कीमत 100 रुपये किलो तक पहुंच गई है। 

आलू की उपलब्धता इसलिए भी है क्योंकि कोविड संक्रमण के लॉकडाउन से पहले ही आलू की खुदाई हो गई थी। मंडी में सिर्फ लॉकडाउन के कारण आवक में कमी नहीं आई है बल्कि प्रवेश और निकासी का पास हासिल करने की व्यवस्था ने भी इसमें रोक लगाई है। 

आजादपुर मंडी में दिल्ली के समीप हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश से मौसमी सब्जियों की आवक होती है और दूर-दराज के राज्यों से बेमौसमी सब्जियों और फलों की आवक होती है। मसलन, नागपुर से संतरा तो महाराष्ट्र के नाशिक से अंगूर। महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के कोलकाता से केला यहां पहुंचता है। इन दिनों इन दोनों ही सप्लाई पर बाधा है। महाराष्ट्र, यूपी, राजस्थान और पंजाब के किसानों ने डाउन टू अर्थ से कहा है कि उनकी सब्जियां और फल खेतों में ही बर्बाद हो रही हैं।

कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) के सदस्य अनिल महलोत्रा ने कहा कि इस वक्त मंडी को बंद हो जाना चाहिए। करीब 25 फीसदी माल ही यहां तक पहुंच रहा है। खरीदार नहीं हैं। सबसे बड़ी चीज यह है कि व्यापक स्तर पर सेनेटाइजर्स आदि का छिड़काव हो नहीं रहा है। यदि एक भी व्यक्ति को कोविड 19 का संक्रमण हुआ तो बड़ी त्रासदी होगी। 

स्थिति काफी भयावह है, इसके बावजूद आढतियों और मजदूरों को किसी तरह का दिलासा देने अभी तक मंडी में भी कोई नहीं आया है। और न ही समिति ने इस मामले में कोई बैठक अभी तक की है। इन दिनों भी मंडी को 24 घंटे खोला जा रहा है। सफाई हो नहीं रही है। इस गंदगी में महामारी से बचाव एक बड़ा सवालिया निशान है। 

कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी ) के जरिए वाहनों के प्रवेश और निकासी के लिए पास जारी किया जा रहा है। लॉकडाउन के बाद से अभी तक करीब 2000 से 2500 के बीच पास जारी किए गए हैं। पास बांटने की प्रक्रिया मैनुअल ही है। ऐसे में डीसीपी कार्यालय के बाहर पास बांटने वालों की लाइन लगी हुई है।

यह पास आढ़ती, खरीदार, मजदूरों आदि को जारी किया जा रहा है। एपीएमसी के ही एक कर्मचारी ने बताया कि आढ़ती पहले अपना पास बनवा रहे हैं फिर वह संबंधित किसान का पास बनवाते हैं। या तो आढ़ती खुद ही पास लेकर किसान के सब्जी व फल लाने वाले वाहनों तक पहुंचाते हैं या फिर किसी व्यक्ति को भेजकर उन तक पास पहुंचवा रहे हैं। दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर सैकड़ों ट्रक अब भी पास के इंतजार में हैं।

पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.