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दिल्ली दंगा: ‘शांति तो है लेकिन मुर्दा शांति है’

शुक्रवार दोपहर के 12 बज रहे हैं. खजूरी खास चौराहे के सामने कुछ अर्धसैनिक बल के जवान सुरक्षा में मुस्तैद खड़े हैं. बगल में उस मज़ार के अंदर सफाई हो रही है जिसे पिछले दिनों हुए दंगे में दंगाइयों ने जला दिया था. मज़ार के अंदर चल रही सफाई को टूटे दरवाजे से देखते हुए एक शख्स हमारी तरफ घूमकर कहता है, 'ये तो सबकी मनोकामना पूरी करते थे. इनके यहां तो हर मज़हब के लोग आते थे. बलवाइयों ने इन्हें क्यों नुकसान पहुंचाया?''

मैं उनसे उनका नाम जानना चाहता था. मुझे वहां के हालात के बारे में उनसे जानना था लेकिन वे खुद अपने सवाल के जवाब के बगैर लौट जाते हैं.

जिस इलाकों में सीएए-एनआरसी को लेकर हो रहे प्रदर्शन के दौरान हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आपस में हैं भाई-भाई का नारा गूंज रहा था. संविधान बचाने की कसमें खाई जा रही थी. वहां की हवा अचानक इतनी दूषित हो गई कि लोग एक दूसरे का कत्ल करने पर आमादा हो गए. ना भाईचारा बचा और ना ही संविधान.

सड़क किनारे कोने पर एक दुकान के बाहर नारंगी और केले जलकर खाक पड़े हुए है. दुकान पूरी तरह तबाह हो चुकी है. जिस दुकान पर कभी जूस के लिए लोगों की लाइन लगती होगी उस दुकान के बाहर अब जली हुई दुकान को देखने के लिए लोग खड़े नजर आते हैं. वहीं खड़े तबरेज से इलाके के माहौल के बारे में पूछने पर वो कहते हैं, "अब तो सब शांत है.”

क्या इलाके में सब शांत है? इस सवाल का जवाब मुस्तफाबाद के गली नम्बर 17 में नगमा से मुलाकात के बाद मिलता है. चारों तरफ फैली गन्दगी की बीच से गुजरते हुए हम मुस्तफाबाद के गली नम्बर 17 में पहुंचते हैं. वहां नगमा का घर है. घर के बाहर जूता उतारकर हम अंदर पहुंचते है तो हमें एक सिसकती आवाज़ सुनाई देती है, ये नग़मा और उसकी भाभी शबीना हैं. गर्भवती शबीना अपने एक रिश्तेदार के सर पर सर रखे सिसक रही हैं. आंखों में आंसू नहीं हैं. चेहरा जर्जर मकान की तरह तबाह नज़र आता है. शबीना के पति आमिर खान (उम्र 28 साल) और देवर हाशिम अली (उम्र 17 साल) की दंगे में मौत हो चुकी है. दोनों सगे भाई थे.

आमिर से छोटी और हाशिम से बड़ी नगमा बताती है, "मेरे दोनों भाई नाना को देखने गाजियाबाद अस्पताल गए थे. वे 26 फरवरी बुधवार को लौटने की बात बोले तो हमने मना किया कि हालात अभी बेहतर नहीं है. मत आओ लेकिन दोनों माने नहीं और घर आने लगे. गोकुलपुरी नाले के पास उनसे आखिरी बातचीत हुई. उन्होंने बताया कि थोड़ी देर में पहुंच रहे हैं. उसके बाद वो लापता हो गए. फोन भी बंद आ रहा था. हम दूसरे दिन पुलिस थाने गए. वहां पुलिस वालों ने कुछ लावारिश लाशों की तस्वीरें दिखाई जो उन्हें नाले से मिली थी. उसमें से दो मेरे भाई थे. मेरे दोनों भाइयों को मार डाला." ये कह कर नग़मा दहाड़े मारकर रोने लगती है.

आमिर की दो बेटियां हैं. उसे अपने गोद में लेकर नगमा कहती है, 'कपिल मिश्रा (बीजेपी नेता जिनपर दंगे भड़काने का आरोप लग रहा है) इसके अब्बा तू लाकर देगा. कपिल तुझे तेरे किए की सज़ा ज़रूर मिलेगी.”

 

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