Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/dont-change-this-disaster-of-coronavirus-into-such-opportunities-narendra-modi.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | आपदा को अवसर में बदलिये तो पक्का कीजिए कि उसका लाभ कुछ मुट्ठियों में ही बन्द न हो पाये | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

आपदा को अवसर में बदलिये तो पक्का कीजिए कि उसका लाभ कुछ मुट्ठियों में ही बन्द न हो पाये

-द प्रिंट,

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत पैकेज’ के पांचवें और अंतिम भाष्य से पहले नरेन्द्र मोदी सरकार के कट्टर आलोचकों को भी उम्मीद नहीं रही होगी कि प्रधानमंत्री ने देशवासियों के नाम अपने संदेश में कोरोनावायरस की आपदा को अवसर में बदलने की जो बात कही है, उसका अर्थ यह है कि आपदा जब तक आपदा रहेगी, देशवासियों के नाम रहेगी और जैसे ही अवसर में बदलेगी, निजी क्षेत्र के नाम हो जायेगी.

गत रविवार को वित्त मंत्री ने संवाददाताओं के समक्ष किये गये उक्त भाष्य में बताया कि आपदा को अवसर बनाने के क्रम में सरकार ऐसी नई लोक उपक्रम नीति ला रही है, जिसमें सारे सेक्टरों को निजी क्षेत्र की कम्पनियों के लिए खोल दिया जायेगा. लोक उपक्रम सरकार द्वारा अधिसूचित चुनिन्दा रणनीतिक क्षेत्रों में ही कारोबार कर पायेंगे और इन अधिसूचित क्षेत्रों में भी उनकी संख्या चार से ज्यादा हुई नहीं कि उनका निजीकरण कर दिया जायेगा.

इस दौरान न किसी ने उन्हें बताने की जुर्रत की और न उन्होंने खुद याद करने की जरूरत समझी कि इसी निजी क्षेत्र के दबाव में किये गये कई मजदूर विरोधी श्रम सुधारों की ‘असीम अनुकम्पा’ से लाॅकडाउन के दो महीनों में ही बड़ी संख्या में प्रवासी और दिहाड़ी मजदूर न घर के रह गये हैं और न घाट के.

लाॅकडाउन ने उनकी कलाई मरोड़कर न सिर्फ उनसे उनके पुराने रोजगार छीन लिये हैं बल्कि नये का सपना तक उनके पास नहीं रहने दिया है इसका सारा ‘श्रेय’ उस निजी क्षेत्र को ही जाता है. जिसने आपदा के वक्त उनके हकों से तो मुंह फेर ही लिया है, चैरिटी या कि दान-पुण्य की परम्परागत भावना से भी उन पर कोई रहम करने को तैयार नहीं है.

स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव की कहानी
गनीमत है कि वित्तमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकारी निवेश बढ़ाने, बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं के ढांचे को मजबूत करने और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का ब्लू प्रिंट बनाने की बात कही है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सारे सरकारी जिला अस्पतालों में संक्रामक रोगों के लिए विशेष ब्लाॅक और प्रखंड स्तर पर जनस्वास्थ्य प्रयोगशालाएं बनाई जायेंगी.

पूरा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.