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कोरोना संकट के बीच बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने बढ़ाया 20 से 90 प्रतिशत फीस, कई छात्रों ने कहा- छोड़नी होगी पढ़ाई

-गांव कनेक्शन,

झांसी जिले के रहने वाले चंद्रेशखर सुमित दांगी (22 वर्ष) ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से एग्रीकल्चर (कृषि) में बीएससी किया है। वह अब एग्रीकल्चर में ही एमएससी करना चाहते हैं, लेकिन विश्वविद्यालय की बढ़ी हुई फीस के कारण अभी तक उन्होंने अपना एडमिशन फॉर्म नहीं भरा है। सुमित की छोटी बहन ने इस साल बॉयोलोजी में बारहवीं की परीक्षा दी है। अपने परिवार में एकमात्र ग्रेजुएट सुमित अपनी बहन को उसकी रूचि के अनुसार बी. फॉर्मा में एडमिशन दिलवाना चाहते थे, लेकिन विश्वविद्यालय की बढ़ी हुई फीस के कारण सुमित अब उसे भी बीएससी (बॉयोलोजी) में ही एडमिशन दिलवाएंगे। सुमित के पिता एक मजदूर हैं और उनकी 4-5 बीघे की एक छोटी सी खेती है, जिससे उनके परिवार का गुजारा चलता है।

आर्थिक तौर पर उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक बुंदेलखंड के हजारों छात्र इस वक्त कोरोना लॉकडाउन से अधिक बुंदेलखड विश्वविद्यालय में हुई फीस बढ़ोतरी से परेशान हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने नए सत्र में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए सभी कोर्सेज में फीस को 20 से 90 फीसदी तक बढ़ा दिया है। मसलन बी.टेक. की सालाना फीस 67,050 रूपये हुआ करती थी, जो 2020-2021 के नए छात्रों के लिए बढ़कर 85,000 रूपये हो गई है। इसी तरह एमएससी (कृषि), जिसमें सुमित को एडमिशन लेना है, की पहले सालाना फीस लगभग 31,000 रुपये थी, जो अब बढ़ कर लगभग 42,000 रूपये हो गई है। बीए-एलएलबी (इंटीग्रेटेड) की फीस पहले 16,050 रूपये हुआ करती थी, जो अब लगभग दोगुना होकर 30,250 रूपया हो गई है। इसी तरह अन्य कोर्सेज की फीस में भी वृद्धि हुई है। बढ़ी हुई फीस के बारे में विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह विश्वविद्यालय की वित्तीय समिति का फैसला है, जो कि एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है। वित्तीय समिति को फरवरी, 2020 में विश्वविद्यालय की आर्थिक परिस्थितियों का आंकलन करने और फीस में संशोधन करने के संबंध में रिपोर्ट देने को कहा गया था। वित्तीय समिति की रिपोर्ट के अनुशंसा के आधार पर ही विश्वविद्यालय ने 8 मई, 2020 को नए सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए फीस बढ़ोतरी की घोषणा की।

वहीं क्षेत्र के छात्रों का कहना है कि बढ़े हुए फीस के कारण वे मनचाहे कोर्स में एडमिशन नहीं ले पाएंगे और उन्हें बीए, बीएससी जैसे कोर्स में ही एडमिशन लेकर संतोष करना होगा। कई ऐसे छात्र भी हैं, जो कहते हैं कि उन्हें पढ़ाई ही छोड़नी होगी क्योंकि नए फीस स्ट्रक्चर में बीए और बीएससी जैसे सामान्य कोर्स का भी फीस बढ़ गया है। एक ऐसे ही छात्र मानवेंद्र हैं, जिन्होंने इसी साल बारहवीं की परीक्षा दी है। चरगांव, झांसी के रहने वाले मानवेंद्र (18 वर्ष) बी.ए.-एलएलबी इंटीग्रेटेड कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं, जिसकी फीस 16500 रूपये से लगभग दोगुनी होकर 30000 रूपये हो गई है। एक सामान्य किसान परिवार से संबंध रखने वाले मानवेंद्र कहते हैं कि उनकी आगे की पढ़ाई बहुत मुश्किल है क्योंकि घर वालों के पास इतने अधिक फीस के लिए पैसे नहीं हैं।

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