Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/half-of-the-world-s-population-is-still-deprived-of-clean-cooking-fuel-and-resources.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन और साधनों से वंचित है दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन और साधनों से वंचित है दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी

-डाउन टू अर्थ,

हाल ही में विश्व बैंक द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि दुनिया भर में करीब 400 करोड़ लोग आज भी खाना पकाने के लिए लकड़ी, कोयला, केरोसिन और गोबर जैसे ईंधन पर निर्भर हैं| यह ईंधन बड़ी मात्रा में प्रदूषण फैलाते हैं, जिसका असर ने केवल पर्यावरण बल्कि साथ ही खाना पकाने वाले के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है| इससे पहले अनुमान था कि करीब 300 करोड़ लोग दूषित ईंधन का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन विश्वबैंक के शोधकर्ताओं के अनुसार जिन परिवारों के पास एलपीजी की पहुंच है वो भी खाना पकाने के लिए, लकड़ी, कोयला और चारकोल जैसे पारम्परिक ईंधनों का प्रयोग कर रहे हैं| यही वजह है कि यह संख्या पिछले अनुमान से कहीं ज्यादा है| 

रिपोर्ट के अनुसार यदि अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले इसके असर को देखें तो यह हर साल करीब 1,77,20,112 करोड़ रुपए (240,000 करोड़ डॉलर) का अतिरिक्त बोझ डालता है| यह भार जलवायु और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर के रूप में पड़ रहा है| यदि अकेले स्वास्थ्य की बात करें तो इसके चलते 1,03,36,732 करोड़ रुपए (140,000 करोड़ डॉलर) का नुकसान हो रहा है| जिसका सबसे ज्यादा खामियाजा महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है, यदि उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा और उत्पादकता पर पड़ रहे असर का आंकलन करें तो वो करीब 59,06,704 करोड़ रुपए (80,000 करोड़ डॉलर) के बराबर है| जबकि जलवायु और पर्यावरण पर इसके पड़ रहे असर को देखें तो वो करीब 14,76,676 करोड़ रुपए (20,000 करोड़ डॉलर) के बराबर है|

रिपोर्ट के अनुसार हालांकि 2030 तक सभी के लिए स्वच्छ ईंधन की उपलब्धता का लक्ष्य रखा गया है| इसके बावजूद सरकारों की अनदेखी के चलते आज भी प्रदूषण उत्पन्न करने वाले ईंधन का उपयोग किया जा रहा है| जिसका खामियाजा उन महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है जिन पर भोजन तैयार करने की जिम्मेदारी होती है| 

जिस तरह से कोविड-19 महामारी फैली है उसके चलते महिलाओं के स्वास्थ्य पर बोझ बढ़ता जा रहा है| जो महिलाएं आज भी खाना पकाने के लिए दूषित ईंधन का उपयोग कर रही हैं, उनपर इस महामारी का ज्यादा असर पड़ने की सम्भावना है, क्योंकि गंदे ईंधन और स्टोव से उत्पन्न होने वाला घरेलू वायु प्रदूषण उन्हें कोविद -19 और अन्य श्वसन रोगों के लिए अतिसंवेदनशील बना सकता है। आंकड़ों के अनुसार हर साल करीब 40 लाख असमय मौतों के लिए इंडोर एयर पोलूशन जिम्मेवार होता है, जिसमें से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे उसका शिकार बनती हैं| 

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.