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पद्म पुरस्कारों की घोषणा, उन तीन किसानों को जानिये जिन्हें मिलेगा पद्म श्री सम्मान

-गांव कनेक्शन,

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा की दी गई है। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे सहित सात हस्तियों को पद्म विभूषण सम्मान देने की घोषणा हुई है। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन सहित 10 हस्तियों को पद्म भूषण सम्मान दिया जायेगा। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में देश की उत्कृष्ट सेवा करने वाले 102 हस्तियों को पद्म श्री दिया जायेगा। इस बार तीन किसानों को भी पद्म श्री मिलने जा रहा है, जबकि पिछले साल छह किसानों को यह सम्मान मिला था। सबसे पहले देखते हैं किसे कौन सा अवार्ड मिलेगा- (पूरी लिस्ट यहां भी देख सकते हैं)

पद्म विभूषण ( Padma Vibhushan full List)

जापान के पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे गायक एस पी बालासुब्रमण्यम (मरणोपरांत), सैंड कलाकार सुदर्शन साहू, पुरातत्वविद बीबी लाल डॉ. बेले मोनप्पा हेगड़े मेडिसिन मौलाना वहीदुद्दीन खान नरिंदर सिंह कपनी (मरणोपरांत) पद्म भूषण (Padma Bhushan full List) पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (मरणोपरांत) असम के पूर्व सीएम तरुण गोगोई (मरणोपरांत) पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा धर्मगुरु कल्बे सादिक (मरणोपरांत) केशुभाई पटेल (मरणोपरांत) रजनीकांत देवीदास तरलोचन सिंह कृष्णन नायर शांतकुमारी चंद्रशेखर कंबरा

अब उन तीन किसानों को भी जानिये जिन्हें पद्म श्री अवार्ड से नवाजा जायेगा

नानाद्रो बी मारक मेघालय के पश्चिम गारो हिल्स के रहने वाले किसान नानाद्रो बी मारक काली मिर्च की खेती करते हैं। नानाद्रो ने काली मिर्च के लगभग 3,400 पेड़ लगाये हैं। 61 वर्षीय नानाद्रो 1980 से काली मिर्च की खेती कर रहे हैं। पूरे मेघालय में इनका नाम प्रसिद्ध है और वे खेती से कमाई के लिए जाने जाते हैं। मेघालय फार्मर पोर्टल के अनुसार उन्होंने वर्ष 2019 में लगभग 17 लाख रुपए की कमाई की थी।

पप्पम्मल (उर्फ रंगमाला) वर्ष 1914 में तमिलनाडु के देवलपुरम में जन्मी पप्पममल जब बहुत छोटी थीं तभी उनके सिर से माता-पिता का साया उठ गया था। इसके बाद वे अपनी नानी के साथ कोयम्बटूर जिले के थेक्कमपट्टी में रहीं और वहीं उनका भरण पोषण हुआ। पप्पम्मल की उम्र 100 साल से ज्यादा है लेकिन वे आज भी हर दिन खेतों में काम करती हैं और जैविक खेती को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं।

प्रेम चंद शर्मा उत्तराखंड के जिला देहरादून, चकराता ब्लॉक के हटाल गांव के प्रेम चंद शर्मा पर्वतीय क्षेत्र में बागवानी को प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्हें राष्ट्रीय कृषक सम्राट सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। पर्वतीय क्षेत्रों में सिंचाई की समस्या के चलते प्रेम चंद शर्मा ने प्लास्टिक मल्चिंग और टपक सिंचाई का प्रयोग कर सफलतापूर्वक अनार की खेती की। पहाड़ में खेती की उनकी इस तकनीक से मृदा नमी बनी रही और 25 से 30 फीसदी तक उत्पादन बढ़ा।

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