Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/patna-high-court-healthcare-covid-article-21-covid-hospitals-human-rights-commission.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा पाने में विफलता अनुच्छेद 21 का उल्लंघन: पटना हाईकोर्ट | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा पाने में विफलता अनुच्छेद 21 का उल्लंघन: पटना हाईकोर्ट

-द वायर,

बिहार में कोविड मामलों की वर्तमान वृद्धि को रोकने के लिए राज्य सरकार की किसी भी व्यापक कार्य योजना के अभाव पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए पटना हाईकोर्ट ने सोमवार को बिहार मानवाधिकार आयोग से हस्तक्षेप करने की मांग की.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस सीएस सिंह और जस्टिस मोहित कुमार शाह की एक खंडपीठ ने कहा कि विशेष रूप से एक महामारी के बीच में संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल की कमी नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन है.

भारत के संविधान के अनुच्छेद 12 के अर्थ के तहत विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के बीच में राज्य की ओर से अपने नागरिक को पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने में कोई निष्क्रियता भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का उल्लंघन होगा.

पीठ ने चिकित्सा उपयोग के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की तीव्र कमी के खिलाफ भी कड़ा रुख अपनाया है.

पीठ ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में होने वाली मौतों के बारे में गंभीर मुद्दे उठाए गए हैं. यदि ऐसे आरोप सत्य हैं तो यह अदालत ऐसे पहलुओं को नजरअंदाज नहीं कर सकती है, क्योंकि यह सीधे तौर पर किसी नागरिक के मौलिक अधिकार से संबंधित हैं.’

पीठ ने कहा, ‘यदि न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि कोविड रोगियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण मरने दिया गया है या उन्हें मरने दिया जा रहा है, तो न्यायालय न्यायिक समीक्षा की अपनी शक्ति का प्रयोग करेगा और निश्चित रूप से इस संबंध में उचित आदेश पारित करेगा.’

पीठ द्वारा राज्य मानवाधिकार आयोग को समर्पित कोविड अस्पतालों (डीसीएच) और समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्रों (डीसीएचसी) के साथ-साथ कोविड केयर केंद्रों (सीसीसी) का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि वहां स्वच्छता और स्वच्छता के वांछित मानक के साथ पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं या नहीं.

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.