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11 राज्यों में रजिस्ट्रेशन कराए 11.5 लाख से अधिक किसानों से दाल-तिलहन की ख़रीदी नहीं हुई

-द वायर, 

कोविड-19 महामारी के दौरान जहां संकट से उबरने में मदद करने के लिए सरकारी खरीद की महत्ता पर जोर दिया जा रहा था, वहीं देश के 11 राज्यों में दालें एवं तिलहन की खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले 11.50 लाख से ज्यादा किसानों से खरीदी नहीं की गई है.

केंद्र सरकार ने इस बार रबी-2020 सीजन में 20 राज्यों से दालें एवं तिलहन खरीदने की योजना बनाई थी, लेकिन आलम ये है कि नौ राज्यों ने खरीदी ही शुरू नहीं की और यहां पर एक भी किसान का रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया. वहीं बाकी के 11 राज्यों एक या दो उपज के लिए ही रजिस्ट्रेशन कराया गया और इसमें से भी सभी किसानों से खरीदी नहीं की गई है.

द वायर  द्वारा सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत प्राप्त किए गए दस्तावेजों से ये जानकारी सामने आई है.

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत रबी-2020 खरीद सीजन के लिए दालें (चना, मसूर, मूंग और उड़द) एवं तिलहन (मूंगफली, सरसों और सूरजमुखी) की खरीदी के लिए राज्यों को किसानों का रजिस्ट्रेशन कराकर खरीददारी करने के लिए बोला था.

पीएसएस योजना अक्टूबर, 2018 में लाई गई प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण योजना (पीएम-आशा) का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर दालें एवं तिलहन की खरीददारी कर किसानों को लाभ पहुंचाना है. इस योजना के तहत केंद्रीय खरीद एजेंसी नैफेड राज्यों के साथ मिलकर इन कृषि उत्पादों की खरीदी करता है.

इस सीजन में दालें एवं तिलहन की बिक्री के लिए 11 राज्यों में कुल 2,579,948 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. हालांकि आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज से पता चलता है कि इसमें से सिर्फ 1,420,156 किसानों से ही उनकी उपज की खरीददारी की गई है.

इसका मतलब है कि दालें एवं तिलहन की खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले 1,159,792 किसानों से कोई सरकारी खरीद नहीं की गई.

कृषि मंत्रालय से प्राप्त आंकड़े ये भी दर्शाते हैं कि राज्य सरकारों ने सभी फसलों की खरीदी के लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था.

उदाहरण के तौर पर राजस्थान में चना, सरसों और मसूर की खरीदी के लिए कुल 6.16 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. लेकिन इसमें से 3.76 लाख किसानों से ही खरीदी की गई.

केंद्र ने राज्य में 6.15 लाख टन चना, 10.46 लाख टन सरसों और 8,380 टन मसूर खरीदने की मंजूरी दी थी, लेकिन राज्य में सिर्फ चना और सरसों के लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन हुआ और इसमें से भी सबसे खरीदी नहीं हुई, जबकि निर्धारित लक्ष्य के बराबर खरीदी नहीं हुई है.

राजस्थान में चना की खरीदी निर्धारित लक्ष्य के बराबर तो हो गई है, लेकिन सरसों की खरीदी सिर्फ 3.45 लाख टन ही हुई है, जो कि 10.46 लाख टन खरीदी लक्ष्य से काफी कम है.

ध्यान देने वाली बात ये है कि सरसों उत्पादन के मामले में राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है.

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