Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/rajasthan-village-corona-vaccine-fever-health-coronavirus.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | "हम नहीं लगवाएंगे ज़हर का टीका": राजस्थान के गांव में फैला कोरोना टीके का खौफ | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

"हम नहीं लगवाएंगे ज़हर का टीका": राजस्थान के गांव में फैला कोरोना टीके का खौफ

-न्यूजलॉन्ड्री, 

अलवर के खुशीनगर गांव में लोगों के बीच बात फैली है कि जिन्हे पेंशन मिलती है केवल उन्हें ही टीका लगवाना है. इसे ढाल बनाकर गांव में लोग टीका नहीं लगवा रहे. 50 वर्षीय रतन वाल्मीकि कहते हैं, "हम टीका नहीं लगवाएंगे, हमें पेंशन नहीं मिलती है. गांव में उन्हीं लोगों का टीकाकरण हो रहा है जिनको सरकार की तरफ से कोई पैसा मिलता है."

दरअसल, गांव में ये धारणा बनी हुई है कि जिन लोगों को पेंशन मिलती है केवल उनको टीका लगवाना ज़रूरी है वरना उनकी पेंशन रोक दी जाएगी. लेकिन गांव के लोग उल्टा बहाने के रूप में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. रतन आगे बताते हैं, "गांव में किसी ने टीका लगवाया था. उसे दस दिन तेज़ बुखार रहा. प्राइवेट डॉक्टर से दवा लाने के बाद उसे आराम मिला. ऐसा टीका किस काम का?"

गांव में महिलाओं में भी ख़ासा डर है. उन्हें लगता है टीका लगने के बाद वो मर जाएगी. महिलाएं टीके का नाम सुनते ही भागने लगती हैं. हमने कई महिलाओं से बात करने की कोशिश की लेकिन सब माइक को टीका समझ कर दूर भागने लगीं. 47 वर्षीय हसीना टीका लगवाने से मना कर रही हैं. जब हम उनके पास पहुंचे उन्होंने हम से झूठ कहा कि उन्हें कोविड का टीका लग चुका है.

महिलाओं ने तरह- तरह की शारीरिक दिक्कतों का बहाना सोच लिया है. हसीना कहती हैं अगर पुलिस भी आ जाएगी तब भी वो टीका नहीं लगवाएंगी. मुझे कमज़ोरी है. पैर दुखते हैं. मैं टीका नहीं लगवाउंगी. अगर मैं बीमार पड़ी तो मेरे पीछे से घर का ख्याल रखने वाला कोई नहीं है."

भारत में कोविड महामारी से अभी तक करीब साढ़े तीन लाख लोगों की मौत हुई है. वायरस के संक्रमण से बचने का फिलहाल वैक्सीन ही एकमात्र उपाय है. लेकिन जागरुकता ना होने के कारण, अशिक्षा और गरीबी ज्यादा होने की वजह से अलवर से 145 किलोमीटर दूर रघुनाथगढ़ के लोगों में कोरोना के टीके को लेकर भ्रम फैल चुका है.

गांव में टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए कई टीमें बनाई गई हैं जो घर-घर जाकर कोविड टीकाकरण के फायदे और बचाव के बारे में बताती हैं. लेकिन उन्हें देखते ही लोग अपने घरों में छुपने लगते हैं.

रघुनाथगढ़ के निवासी अनवर खान कहते है, “टीके की दूसरी डोज लेने के बाद लोगों को कमज़ोरी और बुखार महसूस हुआ. इसके चलते पड़ोसी टीका लगवाने से घबरा रहे हैं. लोग इसे 'ज़हर की सुई' कह रहे हैं. मतलब सुई (टीका) लगाकर लोगों के शरीर में कोरोना इंजेक्ट किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो हैं."

सरपंच प्रतिनिधि खुर्शीद खान ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि मीडिया में आ रही रिपोर्ट्स को देखकर भी गांव के लोगों में डर बैठ गया है.

"उन्हें लगता है टीका लगवाने से वो मर जाएंगे. गांव में 18 से 45 वर्ष के लोगों का अब तक केवल दो बार टीकाकरण हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके ग्रुप के लिए टीके की कमी है." खुर्शीद बताते हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.