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RIL के अधिकारियों से मिलने को CAG का इनकार

नई दिल्ली।। भारत के कॉम्प्ट्रोलर और ऑडिटर जनरल ने बुधवार को रिलायंस के प्रतिनिधियों से मिलने को इनकार कर दिया। उनका कहना था कि पेट्रोलियम मिनिस्ट्री द्वारा तैयार किया गया मीटिंग का अजेंडा प्राइवेट सेक्टर की इस बड़ी कंपनी के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया था।

आरआईएल पर जांच का जोर देने वाले फेडरल ऑडिटर ने कहा, उन्हें रिलायंस द्वारा आदेश मिलना हरगिज़ बर्दाश्त नहीं होगा। इससे पहले उन्होंने आरआईएल द्वारा कृष्णा गोदावरी बेसिन में गैस फील्ड बनाने के लिए दिखाए गए उसके खर्चों की जांच करने पर जोर दिया था।

रिलायंस विवादों में तब आई जब जयपाल रेड्डी के पेट्रोलियम मिनिस्ट्री से हटने का कारण रिलायंस को बताया जाने लगा। इस मामले के चलते ऑडिटर और आरआईएल के बीच भी मतभेद बढ़ने की संभावना है। रिलायंस का फेडरल ऑडिटर द्वारा की जाने वाली जांच के लिए अपनी रिपोर्ट पेश करने से इनकार करना, मामले को और सुर्खियों में ले आया। कंपनी का कहना है कि कैग केवल फाइनैंशल ऑडिट की ही जांच कर सकता है और उसे परफॉर्मेंस ऑडिट की जांच करने का अधिकार नहीं है।वहीं दूसरी ओर, ऑडिटर ने रिलायंस द्वारा लगाए गए संवैधानिक नियमों के उल्लंघन करने के आरोप का खंडन किया। ऑडिटर ने कहा कि वह रिलायंस के केजी गैस फील्ड पर किए गए खर्च के परफॉर्मेंस ऑडिट को नजरअंदाज नहीं कर सकता, क्योंकि उसी से सरकार की हिस्सेदारी की जांच की जा सकेगी।

रिलायंस के केजी गैस फील्ड पर कैग द्वारा किया जाने वाला ऑडिट उसका दूसरा ऑडिट होगा, जो कंपनी की साल 2008-09 और 2011-12 की परफॉर्मेंस की जांच करेगा। अपनी पहली जांच में कैग ने रिलायंस से उसके द्वारा गैस प्राप्त करने पर किए गए खर्च की प्रामाणिकता पर सवाल किए थे। दूसरी जांच का भी सभी को बेसब्री से इंतजार है क्योंकि इसमें संभावना जताई जा रही है कि कैग इस जांच में कंपनी के असल नुकसान पर से पर्दा उठेगा, जैसा कि उसने 2जी घोटाले और कोल ब्लॉक के मामले में किया था। इन दोनों ही मामलों में नुकसान अंदाजे से कहीं ज्यादा निकला था।

हाल ही में पूर्व पेट्रोलियम मिनिस्टर जयपाल रेड्डी ने रिलायंस में और निवेश करने से इनकार कर दिया था। रेड्डी ने यह कदम रिलायंस के कैग को जांच के लिए रिपोर्ट देने से मना करने के बाद उठाया था। इसी के साथ कंपनी आखिरकार घेराव में तब आई, जब मिनिस्ट्री द्वारा उसे कैग को जांच के लिए उपयुक्त दस्तावेज देने को कहा गया। हालांकि, उसने कैग के परफॉर्मेंस ऑडिट की जांच करने के कदम का विरोध भी किया।