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पांच बातें जो इस आफत के बीच आपको राहत दे सकती हैं

-सत्याग्रह,

कोरोना वायरस से होने वाली महामारी कोविड-19 ने 160 से ज्यादा देशों को अपनी चपेट में ले लिया है. मौतों का आंकड़ा 16 हजार के पार हो गया है. करीब साढ़े तीन लाख लोग संक्रमण का शिकार हैं. इस बीच एक अध्ययन कह रहा है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो यह वायरस अकेले अमेरिका में करीब 22 लाख लोगों की जान ले सकता है. दिल्ली सहित भारत के कई राज्यों के 75 जिलों में लॉकडाउन है. सीमाएं सील हैं. ट्रेनों और बसों की आवाजाही रुकी हुई है.

जाहिर है ये सारी खबरें चिंता जगाने वाली हैं और लोग फिक्रमंद हैं भी. लेकिन जानकार मानते हैं कि डर और निराशा के इस माहौल में भी कई ऐसी बातें हैं जिनके बारे में जानना आपको राहत दे सकता है.

1-पहली बात तो यही है कि हमें पता है कि आफत का सबब बनी यह चीज क्या है. शुरुआत में इसके लिए इस्तेमाल हुआ रहस्यमय जैसा शब्द अब हट चुका है. अब हम जानते हैं कि लोगों को घातक न्यूमोनिया देकर मौत की नींद सुलाने वाला यह वायरस कोरोना नाम के परिवार से ताल्लुक रखता है जिसके छह सदस्यों से मानव जाति पहले भी परेशान हो चुकी है. इसकी बनावट यानी जीन सीक्वेंस का भी पता चल चुका है. यह वायरस प्राकृतिक है और जैसे कि पहले अफवाहें चल रही थीं, यह किसी जैव युद्ध की साजिश की उपज नहीं है.

कोरोना वायरस का संबंध एक ऐसे वायरस से है जो चमगादड़ों में पाया जाता है. यह भी पता चल चुका है कि यह जलवायु के हिसाब से खुद को बदल सकता है लेकिन ज्यादातर मामलों में ऐसा नहीं होता. वायरस के बारे में ये जानकारियां उससे निपटने की दिशा में काफी मददगार होती हैं. इसे इससे भी समझा जा सकता है कि 1980 के दशक में जब एचआईवी फैलना शुरू हुआ तो दो साल तो इस वायरस की पहचान में ही लग गए थे.

2-दूसरा तथ्य यह है कि कोरोना वायरस को काबू किया जा सकता है. चीन के जिस वुहान शहर से यह विस्फोट हुआ वहां कल लगातार पांचवें दिन कोरोना वायरस के संक्रमण का कोई नया मामला दर्ज नहीं किया गया है. दक्षिण कोरिया भी इसका एक उदाहरण है. शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि चीन के बाद कोरोना वायरस के नए संक्रमणों का केंद्र यही होने जा रहा है. 29 फरवरी को यहां इस वायरस के 909 नए मामले दर्ज किए गए थे. लेकिन यही आंकड़ा कुछ दिन पहले तक 74 तक गिर चुका था. इन दोनों ही देशों में यह दुष्कर काम लॉकडाउन से लेकर सोशल डिस्टेसिंग और टेस्टिंग तक तमाम तरीकों के जरिये हुआ.

3- तीसरी राहत भरी जानकारी यह है कि ऐसा नहीं होता कि आप कोरोना वायरस से ग्रस्त किसी व्यक्ति के पास से गुजरें और आपको वायरस झट से पकड़ ले. विशेषज्ञों के मुताबिक आपके लिए सबसे ज्यादा जोखिम तब हो सकता है जब आप संक्रमित व्यक्ति के सात प्रत्यक्ष शारीरिक संपर्क में आए हों, या उस व्यक्ति ने आपके सामने खांसा या छींका हो या फिर उससे दो मीटर से कम की दूरी पर आपने उसके साथ आमने-सामने 15 मिनट से ज्यादा बिताए हों. इसके बाद भी बाहर ही इस वायरस को रोक देना आसान है. जैसा कि अब लगभग सभी जानते हैं कि सैनिटाइजर के इस्तेमाल या फिर हाथों को अच्छी तरह धोकर ऐसा किया जा सकता है. घर की कुंडी या ऐसी जिन दूसरी जगहों पर वायरस हो सकता है उन्हें एथेनॉल या फिर हाइड्रोजन पराक्साइड से साफ कर वायरसमुक्त किया जा सकता है.

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