Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/state-of-environment-2020-cyclones-increasing-displacement-in-india.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | पर्यावरण की दशा-दिशा 2020: भारत में विस्थापन बढ़ाते चक्रवात | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

पर्यावरण की दशा-दिशा 2020: भारत में विस्थापन बढ़ाते चक्रवात

-डाउन टू अर्थ,

डाउन टू अर्थ द्वारा प्रकाशित “स्टेट ऑफ एनवायरमेंट इन फिगर्स 2020” रिपोर्ट 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर जारी होने वाली है। यह रिपोर्ट आंकड़ों के माध्यम से पर्यावरण और हमारे अस्तित्व से जुड़ी समस्याओं और उनकी गंभीरता का एहसास कराएगी। यह रिपोर्ट पर्यावरण से हमारे संबंधों पर भी रोशनी डालेगी। अक्सर कहा जाता है कि समस्या का माप जरूरी है, तभी उसका समाधान किया जा सकता है। यह रिपोर्ट समस्या के इसी माप से परिचय कराएगी और हर आंकड़ा समस्या की गंभीरता बताएगा। इस रिपोर्ट को हम एक सीरीज के रूप में प्रकाशित कर रहे हैं। पहली कड़ी में आपने पढ़ा- कोरोनावायरस का वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं पर असर । दूसरी कड़ी में पढ़ें, इस वायरस का दुनियाभर में रोजगार, गरीबी और खाद्य सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा । पढ़ें, तीसरी कड़ी- 

भारत के समुद्री इलाकों को प्रभावित करने वाले तूफानों में निसर्ग का नाम भी जुड़ गया है। अरब सागर में उठा यह तूफान महाराष्ट्र को प्रभावित कर रहा है। भारत ही नहीं दुनियाभर में चक्रवातों की तीव्रता बढ़ी है और इसके साथ ही बढ़ा है इससे होने वाला विस्थापन। स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट इन फिगर्स 2020 रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 में दुनियाभर में 24.9 करोड़ लोग विस्थापित हुए। इनमें से 23.9 करोड़ लोगों का विस्थापन प्राकृतिक आपदाओं का नतीजा था। इन आपदाओं में भी चक्रवात, समुद्री तूफान और आंधी के कारण 1.19 करोड़ लोगों का विस्थापन हुआ।

इंटरगवर्नमेंट पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) ने 1990 में पाया था कि जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा प्रभाव पलायन और विस्थापन के रूप में दिखाई देगा। यह आकलन अब प्रबल होता जा रहा है। जानकार मानते हैं कि 2020 तक 20 करोड़ लोग विस्थापित होंगे। दिसंबर 2019 में जारी वर्ल्ड माइग्रेशन रिपोर्ट 2020 बताती है कि हर साल हिंसा और संघर्ष की तुलना में प्राकृतिक आपदाओं से लोग अधिक विस्थापित हो रहे हैं। इसके साथ ही अधिक से अधिक देश इन आपदाओं का शिकार हो रहे हैं।

इंटरनल डिस्प्लेसमेंट मॉनिटरिंग सेंटर (आईडीएमसी) 2018 से प्राकृतिक आपदाओं से विस्थापित हुए लोगों आंकड़ा जुटा रहा है। आईडीएमसी के अनुसार, 2018 के अंत तक 16 लाख लोग प्राकृतिक आपदाओं के चलते विस्थापित हुए। 2018 में भारत में सबसे अधिक विस्थापन हुआ। नवंबर 2017 में ओवरसीज डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट और यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम द्वारा प्रकाशित क्लाइमेट चेंज रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 में 2.4 करोड़ लोग बाढ़ और चक्रवात के कारण अचानक विस्थापित हो गए। ओवरसीज डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट का अनुमान है कि 2030 तक दुनियाभर में 32.5 करोड़ लोगों पर जलवायु परिवर्तन से संबंधित आपदाओं का खतरा मंडराएगा।

भारत पर खतरा सबसे अधिक

विश्व बैंक का कहना है कि 2019 में दुनियाभर में जितने लोग विस्थापित हुए, उसमें 20 प्रतिशत भारत से हैं। भारत में 50 लाख लोग जलवायु आपदाओं से केवल 2019 में विस्थापित हो गए। 2008-2019 के बीच भारत में हर साल औसतन 36 लाख लोग विस्थापित हुए। इस विस्थापन का बड़ा कारण मॉनसून के दौरान आई बाढ़ रही है लेकिन इस दौरान चक्रवात भी विस्थापन का एक प्रबल कारण बनकर उभरा है। 

पिछले साल आए फानी, वायु, माहा और बुलबुल चक्रवात से क्रमश: 18.2 लाख, 28.9 लाख, 2,846 और 1.86 लाख लोग विस्थापित हो गए। मई 2020 में अंफन चक्रवात के चलते पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 1.9 करोड़ लोग विस्थापित हुए और 1.7 करोड़ लोगों के घर उजड़ गए। निसर्ग चक्रवात को देखते हुए करीब 20 हजार लोगों को अपने घरों से निकाला जा चुका है। कुछ दिनों बाद बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवात आने की आशंका जताई जा रही है। आंशका है कि ये दोनों चक्रवात बड़ी संख्या में लोगों को विस्थापित करेंगे।

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.