Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/thewire-apoorvanad-corona-virus-outbreak-india-indian-government/.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | कोरोना वायरस: सवाल करने का मतलब सरकार को कमज़ोर करना नहीं है | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

कोरोना वायरस: सवाल करने का मतलब सरकार को कमज़ोर करना नहीं है

-द वायर,

आलोचना हमें महामारी से बचाएगी, आज्ञाकारिता नहीं.

कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए हमें एक गणतंत्र होना चाहिए. यह कहा मधु त्रेहन ने जिनके तजुर्बे और समझदारी पर संदेह करने का कारण नहीं. लेकिन एकता की यह नेक सलाह देने के पहले उन्हें ज़रूरी लगा कि वे अरुंधति राय पर व्यंग्य करें और कहें कि राय से माफ़ी मांगते हुए वे कहना चाहती हैं कि अभी हमें एक के गणतंत्र की नहीं, एक गणतंत्र होने की ज़रूरत है.

एकजुटता की सलाह किसी एक पर फब्ती कसते हुए अगर दी जाए, वह भी उस पर जो सर्वग्रासी राज्य के मुकाबले अकेले नागरिक की वकालत करने के लिए बदनाम है तो उस सलाह में कितनी नेकनीयती है?

दूसरे, राज्य के इशारे पर बिना सोचे समझे चल पड़ने में कितनी बुद्धिमानी है? वह भी उस राज्य के जिसका आज तक का हर कदम गणतंत्र में विभाजन और असुरक्षा ही पैदा करता रहा है?

इस्राइल के लेखक युवाल हरारी पर इसलिए हमला हो रहा है कि उन्होंने आरोप लगाया है कि बेंजामिन नेतान्याहू कोरोना डिक्टेटरशिप लादने की कोशिश कर रहे हैं.

कोरोना के बहाने एक आपातकालीन स्थिति पैदा करके नेतान्याहू इस्राइल की सारी जनतांत्रिक संस्थाओं का गला घोंट रहे हैं. हरारी की आलोचना की जा रही है कि यह वक्त जनतंत्र का प्रश्न उठाने का नहीं, सरकार का हाथ मजबूत करने का है.

लेकिन जैसा अमर्त्य सेन ने अपने अध्ययन में काफी पहले ही स्थापित कर दिया है कि जितना अधिक खुलापन और जनतंत्र होगा, महामारी को उतना ही रोका जा सकेगा.

अगर चीन में खुलापन होता तो डॉक्टर ली वेनलियांग की चेतावनी को जनवरी में ही सुन लिया जाता. ऐसा करना तो दूर चीनी अधिकारियों ने वेनलियांग पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया और उनकी सख्त आलोचना की गई.

बेचारे वेनलियांग खुद इस वायरस के शिकार हुए और फरवरी में उनकी मौत हो गई. अब जाकर चीन की सरकार ने अपनी गलती मानी है और वेनलियांग के परिवार से माफ़ी मांगी है.

लेकिन सरकार चेते या सच्चाई को कबूल करे तब तक काफी देर हो चुकी थी. सैकड़ों मौतें हो चुकी थी. चीन की सरकार ने इसके बाद इसे फैलने से रोकने के लिए जो कदम उठाए उनकी तारीफ हो रही है और कहा जा रहा है कि आखिर अब नए संक्रमण की खबर नहीं है.

लेकिन आखिर उस सरकार पर कैसे भरोसा करें जो दो महीना पहले सच को ढंक रही थी? चीन की सरकार अब यह बता रही है कि सामान्य स्थिति बहाल हो रही है लेकिन यह खबर भी आ रही है कि हालात के सामान्य होने के प्रमाण झूठे हैं.

चीन की सरकार की विश्वसनीयता नहीं है, इसलिए उससे लगातार सवाल करना ही पड़ेगा. सवाल करने का मतलब सरकार को कमजोर करना नहीं है.

पूरा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.