Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/tribals-suffering-from-tuberculosis-prone-to-corona-infection-says-study.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | टीबी ने बढ़ाया आदिवासियों में कोरोना का खतरा, राष्ट्रीय औसत से भी अधिक आंकड़ा | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

टीबी ने बढ़ाया आदिवासियों में कोरोना का खतरा, राष्ट्रीय औसत से भी अधिक आंकड़ा

-जनपथ,

भारत में लगभग 12 करोड़ लोग विभिन्न आदिवासी समूहों से हैं। इनमें से अधिकांश को कोई न कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हैं। भारत में मलेरिया के कुल प्रकरणों में लगभग एक-तिहाई आदिवासी बहुल इलाकों में से आते हैं। वर्ष 2018 में स्वास्थ्य एवं आदिवासी मामलों के मंत्रालयों द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने आदिवासी स्वास्थ्य को लेकर सौंपी गई रिपोर्ट में कहा था कि बड़ी संख्या में आदिवासी कुपोषण से पीड़ित हैं। रिपोर्ट में कहा गया था कि शहरीकरण, पर्यावरणीय असंतुलन और चुनौतीपूर्ण जीवनशैली के चलते आदिवासी समुदायों में कैंसर, उच्च रक्तचाप और डायबिटीज जैसी बीमारियों में भी वृद्धि हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार आदिवासियों को मानसिक स्वास्थ्य से भी जूझना पड़ रहा है। साथ ही इस रिपोर्ट को बनाने वाले विशेषज्ञों ने इस समुदाय में तेजी से बढ़ते तपेदिक (टीबी) को लेकर भी चिंता जाहिर की थी। इस रिपोर्ट के अनुसार प्रति 1000 आदिवासियों में 7.03 को तपेदिक है। 

लगभग तीन साल बाद चेन्नई स्थित राष्ट्रीय क्षय रोग अनुसंधान संस्थान द्वारा किए गए अध्ययन ने भी इस बात की पुष्टि की है कि आदिवासी समुदायों में पल्मोनरी टीबी के प्रसार में वृद्धि हुई है। अप्रैल 2015 से मार्च 2020 के मध्य हुए इस अध्ययन की रिपोर्ट इसी माह आई है। देश के 17 विभिन्न राज्यों के 88 गांवों में यह अध्ययन किया गया था। इसके लिए जिलों का चयन किए जाते समय इस बात का ध्यान रखा गया था कि वहां आदिवासियों की आबादी 70 प्रतिशत से अधिक हो। रिपोर्ट बतलाती है कि कुपोषण, धूम्रपान और शराब का बड़े पैमाने पर चलन इस समाज में पल्मोनरी टीबी का प्रमुख कारक है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रति 1000 व्यक्तियों में 3.5 ही इस बीमारी से पीड़ित होते हैं। वहीं आदिवासियों में यह आंकड़ा प्रति 1000 व्यक्तियों में 4.32 का है।

विभिन्न राज्यों में यह आंकड़ा अलग-अलग है। जम्मू कश्‍मीर में प्रति 1000 आदिवासियों में 1.27 ही इस बीमारी की चपेट में आते हैं, वहीं ओडिशा में यह संख्या 8.03 है। इस अध्ययन के आंकड़े वर्ष 2018 में सौंपी गई रिपोर्ट से मेल नहीं खाते, मगर हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि जहां रिपार्ट को तैयार करने में व्यापक जानकारी एकत्र की गई थी वहीं अध्ययन का स्वरूप बेहद छोटा है। कुल 92,038 चयनितों में से 74,532 को ही इस अध्ययन में शामिल किया गया था।

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.