Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/winter-smog-now-it-s-not-only-delhi-ncr-problem-cse.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | सर्दियों में कोहरा और वायु प्रदूषण: केवल दिल्ली-एनसीआर की समस्या नहीं रहा: सीएसई | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

सर्दियों में कोहरा और वायु प्रदूषण: केवल दिल्ली-एनसीआर की समस्या नहीं रहा: सीएसई

-डाउन टू अर्थ,

ठंड के समय में धुंध (कोहरा) के साथ में गंभीर वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जिसे आमतौर पर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से जोड़ कर देखा जाता है लेकिन सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के एक नवीनतम विश्लेषण में पाया गया है कि जब सर्दियों के दौरान प्रदूषण बढ़ता है तो यह पूरे उत्तर भारत में धुंध छाने जैसी घटनाएं देखने को मिलती हैं।

इस संबंध में सीएसई की कार्यकारी निदेशक और वायु प्रदूषण विशेषज्ञ अनुमिता राय चौधरी ने डाउन टू अर्थ को बताया कि इस विश्लेषण ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और एनसीआर के शहरों को सर्दियों के दौरान होने वाले वायुमंडलीय परिवर्तन व प्रदूषण के चक्र को समझने के लिए केंद्र बिंदु में लाकर रख दिया है, ताकि प्रदूषण से संबंधित उलझाने वाली पहेली को समझा जाए। ठंड के महीनों में वह भी तब जब कोहरे के चपेट में पूरा क्षेत्र ही आ जाता है।

बह बताती हैं कि यह दर्शाता है कि कम वार्षिक औसत स्तर वाले छोटे शहर भी रिकॉर्ड प्रदूषण स्तर के कई मामलों में दिल्ली से भी बुरे या फिर बदतर हैं। इसलिए प्रदूषण फैलाने वाले इन सभी स्रोतों व प्रमुख क्षेत्रों में नियंत्रण हेतु बड़े पैमाने पर तीव्र गति से कार्रवाई की जानी चाहिए। 

ध्यान रहे कि इस विश्लेषण के छह राज्यों के 56 शहरों में फैले 137 निरंतर परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों (CAAQMS) को शामिल किया गया है। इस संबंध में सीएसई के प्रोग्राम मैनेजर अविकल सोमवंशी कहते हैं कि उत्तरी भारत के एक बड़े हिस्से के डेटा के संबंध में कम रिपोर्टिंग है या फिर कहें कि वायु गुणवत्ता की निगरानी सीमित है, उसके बाद भी जो उपलब्ध साक्ष्य हैं, वह स्पष्ट रूप से क्षेत्रीय समस्या की भयावहता को बताने में सक्षम हैं।

सोमवंशी कहते हैं कि यह हमें उत्तरी राज्यों से लेकर दिल्ली हो रहे मौसमी बदलावों और प्रदूषण कण की संघनता में बदलाव व वार्षिक रुझानों के साथ इन सबके प्रदूषण प्रोफ़ाइल को समझने में मदद करता है खासकर उत्तर भारत के संदर्भ में।

अधिकांश छोटे शहरों में आम दिनों में पीएम2.5 का वार्षिक औसत स्तर काफी कम होता है लेकिन सर्दियों की शुरुआत में जब धुंध पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लेती है और खेत के पराली की आग और बढ़ जाती है तो छोटे शहरों की रिपोर्ट दिल्ली के बराबर हो जाती है।

उदाहरण के लिए, वृंदावन, आगरा और फिरोजाबाद जैसे शहरों में पीएम2.5 का स्तर दिल्ली की तुलना में तुलनात्मक रूप से वार्षिक औसत कम है। लेकिन 2021 की शुरुआती सर्दियों के दौरान, पीएम2.5 का साप्ताहिक औसत उनमें दिल्ली से अधिक हो गया। जबकि दिल्ली का वार्षिक औसत स्तर 97 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (ug/m3) है, आगरा का औसत स्तर 78 ug/m3 – 20 प्रतिशत कम है। 

लेकिन इस साल की शुरुआत में, आगरा में पीएम2.5 साप्ताहिक औसत स्तर 282 ug/m3 था और दिल्ली के 5 प्रतिशत से अधिक था (जो कि ug/m3 था)। इसी तरह, वृंदावन का साप्ताहिक औसत ug/m3 और फिरोजाबाद का ug/m3 रहा है। इस सर्दी में गाजियाबाद और नोएडा का साप्ताहिक औसत सबसे खराब रहा।

आम तौर पर, नवंबर के महीने में कोहरा पूरे उत्तरी क्षेत्र में करीब एक समान ही लगता है। लेकिन पाया गया कि वे सर्दियों के दौरान केवल दिल्ली, एनसीआर और उत्तर प्रदेश ही घना कोहरे चादर में लिपटा रहता है।

सर्दियों के दौरान यह देखा गया है कि विपरीत वायुमंडलीय परिवर्तन होता है जो शांत स्थिति, हवा की दिशा और परिवेश में परिवर्तन का कारण बनती है जिसके वजह से तापमान में मौसमी गिरावट आती है और प्रदूषण फैल जाता है और पूरा उत्तरी भारत में खतरनाक एवं घना कोहरा में लिपटने का कारण बनता है।

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.