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अधिग्रहण पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने मानी गलती

नोएडा। किसानों की जमीन के अधिग्रहण के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बैक फुट पर आ गया है। प्राधिकरण ने माना कि उनसे गलती हुई है। किसानों की जमीन के मामले पर किसानों के साथ बैठ कर बात की जाएगी।


किसानों की जमीन को वापस करने के मामले पर प्राधिकरण सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहा है, जिसकी जानकारी पत्रकार वार्ता में प्राधिकरण के सीईओ रमा रमन ने दिया। प्राधिकरण के सीईओ रमा रमन ने माना की साबेरी गांव सहित कई गांवों की जमीन पर प्राधिकरण ने गलत तरीके से अधिग्रहण किया है।


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब प्राधिकरण किसानों की जमीन को वापस करने की बात कर रहा है। सीईओ रमा रमन ने बताया की जिन किसानों से मुआवजे की रकम खर्च हुई है, उन किसानों से बात कर हल निकाला जाएगा।


उधर नोएडा एक्सटेंसन के मामले पर बिल्डर और निवेशकों को भी भरोसा दिलाया है कि उनके रुपए ब्याज सहित वापस किया जाएगा। इसके अलावा किसानों से अगर कोई जमीन अधिग्रहण की जाएगी तो उसके पहले किसानों से बात की जाएगी। सहमति मिलने पर ही जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।


तेवतिया को शरण देने वालों की खैर नहीं


किसान नेता और पचास हजार के इनामी मनवीर तेवतिया को शरण देने वालों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसमें उसकी महिला सहयोगी और जिस मकान में मनवीर छुपा था, उसका केयरटेकर भी शामिल है। मामले की जांच में उनके नाम शामिल कर लिए गए हैं। उनके खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए जा रहे हैं।


इसके बाद दोनों के खिलाफ अलग से एफ आईआर दर्ज की जाएगी। मालूम हो कि एसओजी व नोएडा पुलिस ने मनवीर तेवतिया को 9 जुलाई को हौजखास, दिल्ली से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के वक्त उसके साथ सी 31 हौजखास दिल्ली मकान का केयरटेकर संसार चंद और महिला सहयोगी भी थी। दोनों मनवीर के पकड़े जाने के बाद इस्टीम कार से फरार हो गए। एसपी सिटी अनंत देव का कहना है कि मनवीर फरार होने के दौरान संसारचंद के यहां ही रह रहा था। उसकी गतिविधियों को बढ़ाने में उक्त महिला सहयोग कर रही थी।


अवैध निर्माण पर सख्ती बरती जाएगी


अवैध निर्माण पर प्राधिकरण ने कड़ा रुख अपना लिया है। प्राधिकरण के सीईओ रमा रमन ने कहा कि अधिसूचित क्षेत्र में प्राधिकरण की अनुमति के बिना निर्माण नहीं हो सकता। पूर्व में जिन गांवों में छह प्रतिशत के भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है, वहां लोगों ने अवैध निर्माण कर लिया। किसानों को भूखंडों पर कब्जा दिलवाने के लिए प्राधिकरण शीघ्र अवैध निर्माण को हटाएगा।


उन्होंने बताया कि साबेरी समेत अन्य गांवों में काटी जा रही अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त करने की कार्रवाई भी शीघ्र शुरू होगी। कॉलोनाइजर अनजान लोगों को यह कहकर अपने झांसे में फंसा लेते हैं कि संबंधित जमीन अधिसूचित क्षेत्र से बाहर है। लोग इस बहकावे में आकर अवैध कॉलोनियों में भूखंड खरीद लेते हैं। ऐसी कॉलोनियों को मान्यता नहीं दी जाएगी।


साबेरी गांव में भी किसी को जमीन पर अवैध निर्माण नहीं करने दिया जाएगा। सीईओ ने बताया कि कई स्थानों पर लोगों ने ऐसी जमीन पर अवैध निर्माण कर लिया है, जहां कॉरपोरेट ऑफिस, इंडस्ट्री के भूखंड व किसानों को छह प्रतिशत के भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं और सड़क निकाली जानी प्रस्तावित है।