Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/अब-महिलाएं-जोश-में-आओ-शराबी-होश-में-नीरज-सहाय-11350.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | 'अब महिलाएं जोश में, आओ शराबी होश में'-- नीरज सहाय | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

'अब महिलाएं जोश में, आओ शराबी होश में'-- नीरज सहाय

"दिहाड़ी मज़दूर को मिलता क्या है. दस घंटे खटकर दो-ढाई सौ रुपए. और सांझ ढले जब लड़खड़ाते कदमों के साथ वो घर लौटे तो देखते ही एहसास हो जाता है कि ज़रूर पसीने की कमाई शराब में गई होगी. तब क्या गुजरता है दिल पर, बयां नहीं कर सकती. दो बच्चों का चेहरा देखकर खुद मज़दूरी करने लगी हूं. अब गांवों में शराब के ख़िलाफ़ जो मुहिम चली है उससे हमारी उम्मीदें जगी हैं."

जीतमनी कुजुर पति के हाल पर एक सांस में यह बोलकर पल भर के लिए खामोश हो जाती हैं.

इस पीड़ा और लड़ाई में महिलौंग गांव की जीतमनी अकेली नहीं. झारखंड में शराब से तंग-तबाह होते परिवारों की बड़ी तादाद है. झगड़े-फसाद की जड़ भी यही है.

वो देश जहां टीनएजर ना शराब पीते हैं ना सिगरेट

लिहाज़ा हर दिन राज्य के किसी न किसी कोने से शराब के ख़िलाफ़ महिलाओं की आवाज गूंजती हैं. महिलौंग इलाके में महिलाओं ने महीने भर से मुहिम छेड़ रखी है. इसी गांव की रूना को खुशी है कि इस मुहिम की वजह से उनके पति ने शराब से तौबा कर ली है.

शराबबंदी के पक्ष में पोस्टर

शराब के ख़िलाफ लड़ाई के लिए राज्य के अलग-अलग हिस्सों में महिलाएँ 'गुलाबी गैंग', 'नारी सेना', 'नारी संघर्ष मोर्चा', 'जागो बहना', 'चल सखी', 'महिला शोषित समाज' सरीखे संगठनों के बैनर तले हल्ला बोलती रही हैं.

जुलूस की शक्ल में निकलती महिलाएं झुग्गी- झोपड़ी, हाट और अवैध भट्ठियों से जब्त शराब की हंडिया फोड़ डालती हैं.

तब नारे गूंजते हैं, 'अब महिलाएं जोश में, आओ शराबी होश में.'

 


चिंगारी भड़केगी

 

झारखंड के महिलौंग में वीणा कुमारी और फूलमनी कुमारी ने नशे के खिलाफ अभियान शुरू किया है

महिलौंग की महिला कार्यकर्ता वीणा कुमारी साइंस ग्रैजुएट हैं और तेज तर्रार भी. वे बताती हैं कि पंचायत प्रतिनिधि फूलमनी कुमारी के पास अक्सर महिलाएं इस तरह की समस्याएं लेकर पहुंचती थीं, तब उन लोगों ने गोलबंदी शुरू की.

जुलूस की ओर इशारा करते हुए वे कहती हैं, "देखिए धूप में कई किलोमीटर पैदल चलकर दूरदराज गांवों की महिलाएं इकट्ठे नारे लगा रही हैं."

लेकिन सरकार शराब बंद करने की मांग पर राज़ी नहीं दिखती, "इस चिंगारी को सरकार कमतर आंक रही है, जो उनकी भूल है".

 


नीतीश के फैसले पर ज़ोर

 

झारखंड में विरोध पहले भी होते रहे हैं लेकिन बिहार में शराब बंदी के बाद से ये मांग जोर पकड़ रही है.

महिलाओं और राजनीतिक दलों के बुलावे पर नीतीश कुमार कई दफा इस अभियान को फैलाने झारखंड आए.

यहां महिलाओं के बीच नीतीश के फैसले सराहे जाते रहे हैं. नीतीश को इसका भी रंज है कि झारखंड से बिहार के लिए शराब की तस्करी बढ़ी है.

हाल ही में बिहार पुलिस ने झारखंड के कोडरमा में छापा मारकर बड़े पैमाने पर अवैध शराब के कारोबार का भंडाफोड़ किया था.

 

हंडिया का बाज़ार

शराब से झारखंड सरकार को 1100-1200 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है. राज्य में शराब की 1,554 खुदरा दुकानें स्वीकृत हैं.

हाल ही में सरकार ने विरोध के बावजूद ब्रिवरेजेज़ कॉरपोरेशन के माध्यम से खुदरा शराब दुकानों का संचालन खुद करने का निर्णय लिया है.

जबकि ताज़ा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि झारखंड के पुरुषों में शराब की लत बढ़कर 39.3 फ़ीसदी हो गई है.

मुख्यमंत्री रघुवर दास कहते रहे हैं कि वे शराब पर सियासत के बजाय नशे के ख़िलाफ़ जनचेतना पैदा करना चाहते हैं.

जबकि इसी मुद्दे पर हाल ही में उन्होंने कहा था कि बिहार में शराबबंदी का अभियान फैशन जैसा है.

उधर, विरोधी दल और महिला संगठन उनपर सियासत करने के आरोप लगाते हैं.

पंरपरा, मान्यता

गौरतलब है कि झारखंड के आदिवासी और पठारी इलाके में रीति- रिवाज़ और परंपरा को लेकर शराब को सालों पुरानी मान्यता मिली हुई है.

चावल से बनी 'हड़िया' शराब सार्वजनिक जगहों पर खुलेआम बेची जाती है और ये हज़ारों महिलाओं के लिए रोज़गार का साधन है.

ये बंद कैसे हो, इस सवाल पर कई महिलाएं एक स्वर में कहती हैं, "रोज़गार की व्यवस्था सरकार करे".

महुए से बनी शराब को स्थानीय भाषा में चुलइया-दारू कहते हैं. इसे पीने वालों की बड़ी तादाद है और बड़े पैमाने पर इसका अवैध कारोबार होता है.

जानकार बताते हैं कि इन मादक पेय को जल्दी और असरदार बनाने के लिए कई रसायनिक पदार्थों का इतेमाल किया जाता है.

राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान रांची में औषधि विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ विद्यापति का कहना है कि महुए से बनी शराब के इस्तेमाल से लीवर और किडनी पर सीधा असर पड़ता है.

अलबत्ता नई पीढ़ी की महिलाओं के सवाल हैं कि पुरखों ने ये नहीं कहा था कि परंपरा के नाम पर साल के 365 दिन पुरुष हाड़ी-दारू पीयें, जिससे घर-परिवार की जिंदगी तबाह होती रहे.

 


'गुलाबी गैंग और हमारी ना'

 

राजधानी रांची में रानी कुमारी का गुलाबी गैंग सुर्खियों में है. इस गैंग में महिला सदस्यों की बड़ी तादाद है और वे गुलाबी कपड़े पहनकर शराब के ख़िलाफ़ आंदोलन करती रही हैं.

रानी कहती हैं कि रघुवर दास को नीतीश कुमार के फैसले नापसंद हैं, तो गुजरात मॉडल पर वे झारखंड में शराब बंद कर दें.

 


कितनी सफल है गुजरात में शराबबंदी

 

उधर राहुल गांधी यूथ ब्रिगेड की सदस्य रहीं दीपिका पांडेय सिंह घर- घर जाकर 'हमारी ना' कार्यक्रम चला रही हैं. इसके तहत वे विरोध के तौर पर महिलाओं से श्रृंगार के सामान जुटाती हैं. सरकार ने नशामुक्त गांव को एक लाख इनाम देने की घोषणा की है.

इस पर दीपिका कहती हैं, "वही बात हुई कि न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी."

हाल ही में झारखंड महिला कांग्रेस के कार्यकर्ता श्रृंगार का सामान लेकर मुख्यमंत्री को सौंपने उनके सरकारी आवास के सामने पहुंची थीं. तब उन्हें लाठियों का सामना करना पड़ा था.

बिहार: शराबबंदी के कारण बढ़ी गांजे की खपत

सामाजिक कार्यों से जुड़े लोग और पुलिस भी मानती रही है कि झारखंड में झगड़े- फसाद, महिला हिंसा, आदिवासी परिवारों में हत्या की कई घटनाओं की वजह शराब होती है.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)