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अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचेगा सीडी विवाद

नई दिल्ली. पूर्व कानून मंत्री शांतिभूषण और सपा प्रमुख मुलायम सिंह तथा अमर सिंह की कथित बातचीत के टेप को गंभीर साजिश बताते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने दावा किया कि सीडी फर्जी है। इसे जोड़-तोड़ कर तैयार किया गया है। उन्होंने साजिश में अमर सिंह का हाथ होने का शक जताया और कहा कि इस मामले में सरकार के लोग भी शामिल हो सकते हैं।

लोकपाल बिल के लिए बनी संयुक्त मसौदा समिति में सिविल सोसायटी की तरफ से शांति भूषण को-चेयरमैन हैं। उनके पुत्र और कमेटी के सदस्य प्रशांत भूषण ने पत्रकारों से कहा कि यह सीडी सिविल सोसायटी के सदस्यों को बदनाम करने की साजिश है। कुछ प्रभावशाली लोग लोकपाल विधेयक की प्रक्रिया में बाधा डालना चाहते हैं। वे इस मामले में 2जी स्पेक्ट्रम और अमर सिंह टेप कांड मामले में फैसला प्रभावित करने की मंशा को आधार बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में मानहानि का मुकदमा भी दायर करेंगे।

दो लैब्स से कराई जांच : प्रशांत भूषण ने इस सीडी की जांच अमेरिका और हैदराबाद स्थित दो फॉरेंसिक लेबोरेटरी से कराई और वहां से प्राप्त विश्लेषणों से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी फॉरेंसिक साइंटिस्ट जॉर्ज पापकन के अनुसार, सीडी में अलग-अलग संदर्भों में हुई बातचीत के अंश मिलाकर डाले गए हैं।

उन्होंने दावा किया कि 2011 की सीडी में कुछ अंश सुप्रीम कोर्ट को वर्ष 2006 में सौंपी गई सीडी और उसके ट्रांसक्रिप्ट से मेल खाते हैं।

जांच से मिले निष्कर्ष: प्रशांत भूषण के अनुसार सीडी में कम से कम चार-पांच स्थानों पर इलेक्ट्रिॉनिक एडिटिंग के संकेत मिले हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता शांतिभूषण की आवाज कहीं से काटकर इस सीडी में जोड़ी गई है। इस सीडी में यादव की ओर से कहे गए सभी शब्दों को 2006 वाली सीडी से उठाकर इस बातचीत में जोड़ा गया है।

क्या है सीडी में
शांतिभूषण, मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह के बीच हुई बातचीत की सीडी के प्रमुख अंश -

ऑपरेटर : आपका कॉल हमारे लिए महत्वपूर्ण है..

मुलायम सिंह (एमएस) : हैलो.. हैलो...

अमर सिंह (एएस) : नेताजी आप तो जानते ही हैं ये.. शांतिभूषण जी को (एमएस- हम्म)... बगल में बैठे हुए हैं, (एमएस- हां) प्रशांत भूषण जी इन्हीं के लड़के हैं पीआईएल वगैरा करते हैं, (एमएस-हां) फेमस हैं बहुत, वो भी अच्छे-खासे वकील हैं (एमएस - हम्म) कह रहे थे आगरा वाले मामले के लिए... जस्टिस सिंघवी से उनका बहुत अच्छा है (एमएस- हां) और वो काम करा देंगे (एमएस- बहुत अच्छा किया) ये आप इनसे बात कर लीजिए खुद ही... जो उचित समझें आप कर लीजिए (एमएस- ठीक है)

एमएस : हैलो

शांति भूषण (एसबी) : देखिए प्रशांत पीआईएल करते हैं.. (एमएस- हम्म) उससे कुछ कमाते नहीं (एमएस-हां) देखिए हमने सब स्टोरी सुन ली (एमएस-हम्म) एक ही तरीका है, प्रशांत बहुत अच्छा मैनेज करते हैं (एमएस-ठीक है) इसके लिए बहुत ज्यादा पैसे की जरूरत नहीं है, चार करोड़ रुपया बहुत है (बैकग्राउंड आवाज अस्पष्ट)

देखिए ये तो मजबूरी है।

भारद्वाज, वो खुद ही करप्ट है (एमएस- ठीक है) चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया तो ये तो जज बनाने के लिए कहते हैं कि अच्छा इत्ते लाख रुपए ले आओ, मैं तुम्हें जज बनवा दू (वाइस कट)

एमएस : अब इनको कौन समझाए, चाहे गृह मंत्री हो चाहे कोई हो ऐरा-गैरा, इनको क्या समझाया जाए

एसबी : रिश्वत.. रु.. रुपया लेते हैं। जज बनाने के लिए तो चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया वगैरा सारे जैसे करप्ट हैं तो इन सब जजेस को तो रुपए दिए (एमएस : चलिए ठीक है) लेकिन जो हम कह रहे थे कि आप प्रशांत का इंतजाम कर दीजिए (बैकग्राउंड की बातचीत अस्पष्ट) (फोन फिर से बजता है)..

एमएस : वो हम कर लेंगे (फोन फिर बजता है, दूसरी बातचीत शुरू होती है)..

एमएस : हैलो।

एएस : ठीक हो गया सर।

एमएस : हां, ठीक हो गया बहुत अच्छा।

एएस : नहीं तो ये तो मर जाएंगे ये सब।

एमएस : हां कहीं के नहीं रहेंगे... कल प्रकाश करात देंगे?

एएस : हां देंगे.. चलिए सर...

एमएस : हां चलिए..

एएस : आपका आशीर्वाद बना रहे हम लोगों के साथ।

एमएस : बस पूरा आशीर्वाद है...

एएस : जी-जी..

एमएस : अमिताभ गए?

एएस : हां, वो गए..

एमएस : अच्छा।

एएस : ओके।