Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/आंगनबाड़ी-में-लूट-के-वाजिब-कारण-।।-राजूनंदन-।।-4886.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | आंगनबाड़ी में लूट के वाजिब कारण! ।। राजूनंदन ।। | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

आंगनबाड़ी में लूट के वाजिब कारण! ।। राजूनंदन ।।

चास : 30 रुपये के जलावन से महीना भर खाना बनाना क्या संभव है ? फिर, 64 रुपया लीटर कौन सा रिफायन मिलेगा? बाजार में मामूली रिफाइन भी 95 रुपया लीटर है. 34 रुपया किलो कहां सत्तू मिलेगा ? लेकिन, जब आंगनबाड़ी केंद्र जिले में इसी दर पर सामानों की खरीद से चल रहा है तो फिर समझा जा सकता है कि इन केंद्रों में कैसे-क्या होता होगा.

ताज्जुब तो यह कि इसी रेट पर आंगनबाड़ी केंद्र को सब कुछ मिल रहा है और उसी हिसाब से मिले बजट से केंद्र चल रहा है तो इस मैनेजमेंट को आप क्या कहेंगे? इन सवालों का जवाब बताता है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में दर की इस असमानता को पाटने के लिए की गयी व्यवस्था में बहुत बड़ी गड़बड़ी हो रही है.

एक आंगनबाड़ी केंद्र में कम-से-कम तीस बच्चों का भोजन अवश्य बनता है. अब तय आम जनता को करना होगा कि इतने कम दाम से खरीदे गये राशन के सामान से आंगनबाड़ी में भोजन करने वाले नैनिहालों की सेहत और भविष्य संवर रहा है या फिर.. अमूमन, आंगनबाड़ी केंद्र के बारे में यूं भी यही राय रहती है कि यह एक लूट -खसोट का अड्डा है.

लेकिन आम जनता सच्चई शायद नहीं जानती. सच्चई यह है कि निर्धारित मूल्य पर आंगनबाड़ी केंद्र संचालक गुणवत्ता पूर्ण पोषाहार नहीं दे सकते हैं.

* आखिर कैसे चलेगा केंद्र
आंगनबाड़ी केंद्र चलाने वाले संचालकों को अप्रैल माह से पोषाहार राशि बंद है. इस दौरान अधिकाश केंद्रों ने पोषाहार उधार में लिया है.अब आलम यह है कि दुकानदारों ने भी उधारी देना बंद कर दिया है. पोषाहार राशि नहीं मिलने से गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वालों को टीएचआर भी नहीं मिल पा रहा है.

* .. और लंबित है मानदेय
आंगनबाड़ी की सेविका व सहायिका का अप्रैल माह से मानदेय लंबित है. साथ ही लंबित एरियर का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. मानदेय लंबित होने से सेविका व सहायिका को परिवार चलाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

पैसे नहीं मिलने और सरकार के इस रवैये से सेविका और सहायिकाओं का मनोबल टूटा हुआ है. अगर यही स्थिति रही तो आंगनबाड़ी केंद्र को भ्रष्टाचार मुक्त कैसे कर सकते हैं? तथा देश के भविष्य को अच्छा पोषाहार मिलने की आशा कैसे की जा सकती है?