Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/आईएसटी-बदलाव-से-क्‍या-होगा-स्‍कूलों-पर-असर-सरकार-कर-रही-विचार-8895.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | आईएसटी बदलाव से क्‍या होगा स्‍कूलों पर असर, सरकार कर रही विचार | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

आईएसटी बदलाव से क्‍या होगा स्‍कूलों पर असर, सरकार कर रही विचार

नई दिल्‍ली। ऊर्जा मंत्रालय ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर पूछा है कि क्‍या इंडियन स्‍टैंडर्ड टाइम को शिफ्ट करने से अधिक ऊर्जा की बचत की जा सकती है। ऊर्जा मंत्रालय ने जानना चाहा है कि क्‍या स्‍कूल और शैक्षणिक संस्‍थाओं के समय में बदलाव करने से अधिक ऊर्जा की बचत की जा सकती है। इस बारे में एचआडी मंत्रालय की क्‍या राय है।

ऊर्जा मंत्रालय के पत्र के अनुसार, इस संबंध में दूसरा बड़ा स्‍टेकहोल्‍डर ट्रांसपोर्ट प्रोवाइडर्स हैं, जिन्‍हें नए टाइम टेबल फिर से प्रकाशित करने होंगे। इसके लिए एक से दो साल का समय लेगेगा, ताकि पूरी प्रकिया बिना परेशानी आसानी से हो जाए।

यह भी पढ़ें : देश में सबसे ज्‍यादा तेंदुए मध्‍य प्रदेश में, करीब 14 हजार है आबादी

इस मुद्दे पर अप्रैल में सचिवों की कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें तय हुआ था कि नई टाइमिंग पर स्‍पष्‍टता के लिए विभिन्‍न मंत्रालयों और राज्‍य सरकारों के साथ आगे विचार-विमर्श किया जाएगा, खासतौर पर विज्ञान विभाग के साथ।

हालांकि, आईएसटी (भारतीय मानक समय) को आधा घंटा पहले करने से होने वाले फायदे को लेकर देश में आम सहमति बढ़ रही है। लोग यह नहीं सोच रहे हैं कि देश को दो टाइम जोन में बांटा जाए, या साल को दो समय में बांटा जाए या यथास्थिति बनाए रखी जाए।

नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ एडवांस स्‍टडीज (एनआईएएस) के द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरू ने कहा कि यदि आईएसटी को एक घंटे आगे बढ़ा दिया जाए, तो इससे अधिक फायदे नहीं होंगे। एनआईएएस ने कहा कि ऐसा करने पर देश के पश्‍िचमोत्‍तर हिस्‍से से जाड़ों के महीने में शिकायतें आएंगी कि वहां सूर्योदय देर से हो रहा है।

यह भी पढ़ें : गुप्‍त अभियानों के लिए वायुसेना को मिलेंगे मिनी ड्रोन

इंस्‍टीट्यूट ने श्रीलंका का उदाहरण दिया, जहां शिफ्ट एक घंटा पहले करने का नतीजा अच्‍छा नहीं मिला और शिफ्ट को आधे घंटे पहले किया गया। इसके अलावा वर्ष 1942 से 1945 के बीच जब आईएसटी को एक घंटा पहले करने का प्रयास किया गया था, तो यह काफी अलोकप्रिय साबित हुआ था।

एनआईएएस ने सुझाव दिया कि आईएसटी को आधा घंटा पहले करने से ग्रीनविच मीन टाइम से हम छह घंटा आगे हो जाएंगे, जबकि वर्तमान में हम उससे 5.30 घंटे ही आगे हैं। जहां तक ऊर्जा की बचत का सवाल है, तो वर्ष 2009 में 241 दिनों का विश्‍लेषण किया गया था और पाया गया था कि ऐसा करने से सालाना करीब 2.1 अरब किलो वॉट ऑवर्स (KWhs) यूनिट्स की बचत होगी। वहीं रोजाना करीब 57 लाख KWhs यूनिट्स की बचत होगी।