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आज से शुरू हुई जनगणनना-2011

नई दिल्ली। देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की गणना के साथ ही गुरुवार से जनगणनना-2011 की शुरूआत हो गई। इस अभियान में लगभग एक सौ बीस करोड़ आबादी की पहचान और गिनती कर उनका रिकार्ड बनाकर पहचान पत्र जारी किए जाएंगे।

राष्ट्रपति ने सभी देशवासियों से पुरजोर अपील की कि वे जनगणना-2011 और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर [एनपीआर] की तैयारी में पूर्ण सहयोग करें। यह देश और उनके दोनों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति ने यह बात उस समय कही जब जनगणना अधिकारियों का दल उनसे इस सिलसिले में सूचनाएं एकत्र करने राष्ट्रपति भवन पंहुचा। इस अवसर पर गृहमंत्री पी चिदंबरम, भारत के महापंजीयक सी चंद्रमौली, जनगणना आयुक्त एस के चक्रवर्ती मौजूद थे। यह 15वीं राष्ट्रीय जनगणना होगी, जिसमें 25 लाख से अधिक अधिकारी और कर्मचारी कार्य कर रहे हैं।

चिदंबरम ने इस अवसर पर कहा कि यह मानव इतिहास में अपने आप की सबसे बड़ी कसरत होगी। इसके तहत लगभग एक सौ बीस करोड़ आबादी की पहचान और गिनती करके उसका रिकार्ड बना कर पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। उन्होंने देश के सभी नागरिकों और प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि वे जनगणनना-2011 की तैयारी में अवश्य शामिल हों और हमें इस बात की पूरी उम्मीद है कि हम इस कसरत में अवश्य सफल होंगे।

यह जनगणना दो चरणों में होगी तथा पहली बार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर [एनपीआर] भी तैयार किया जाएगा। इसके तहत पहली बार नागरिकों का एक व्यापक पहचान डाटाबेस भी तैयार किया जाएगा। यह प्रक्रिया एक अप्रैल को शुरू होकर एक जून को समाप्त हो जाएगी। इस अवसर पर जनगणना अधिकारियों की ओर से राष्ट्रपति को जनगणना-2011 संबंधी एक बैच लगाया गया और एक प्रतीक चिह्न भेंट किया गया। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्ट्रार एसके चक्रवर्ती ने कहा कि जनगणना के दौरान एक अलग फार्म भरा जाएगा और जिसके बारे में उस फार्म में विवरण होगा उसे एक रसीद दी जाएगी जिसमें एक नंबर होगा। ये सारी सूचनाएं डीजिटल हो जाने के बाद देश के विभिन्न भागों में शिविर लगाए जाएंगे जहां प्रत्येक नागरिक अपनी रसीद दिखाकर अपनी दस अंगुलियों के निशान और अपनी फोटो दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद अंगुलियों के निशान भारतीय विशिष्ट पहचान पत्र प्राधिकरण को सौंप दिए जाएंगे, जहां पर इनकी जांच की जाएगी और प्राधिकरण प्रत्येक व्यक्ति को 16 संख्या वाला विशिष्ट नंबर उपलब्ध कराएगा जो भविष्य में जारी किए जाने वाले राष्ट्रीय आबादी रजिस्टर [एनपीआर] कार्ड का हिस्सा होगा।

यह पूछे जाने पर कि पहला एनपीआर कार्ड कब तक तैयार हो जाएगा, चक्रवर्ती ने कहा कि यह 2011 तक हो जाएगा। उंगुलियों के निशान और तस्वीरों से सरकार को योजनाएं तैयार करने और देश की सुरक्षा मजबूत बनाने में सहायता मिलेगी। एनपीआर से पूरे देश का एक डाटा आधार तैयार हो जाएगा। जनगणना 2011 की प्रक्रिया एक अप्रैल से शुरू होकर एक जून को समाप्त हो जाएगी और यह दो चरणों में होगी। आजादी के बाद की यह 7वीं जनगणना होगी। इसमें 25 लाख कर्मचारी कार्य करेंगे। इसके तहत देश के सभी 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले एक अरब बीस करोड़ लोगों को शामिल किया जाएगा। पहले चरण में एक अप्रैल से सितंबर तक घर घर जाकर सूची तैयार की जाएगी और एनपीआर के लिए आंकडे़ एकत्र किए जाएंगे, जबकि दूसरा चरण अगले साल 9 फरवरी से 28 फरवरी तक चलेगा। एक से 6 अप्रैल तक जनगणना प्रक्रिया नई दिल्ली [कुछ हिस्सा], प. बंगाल, असम, अंडमान-निकोबार द्वीप, गोवा और मेघालय में, 7 से 14 अप्रैल तक केरल, लक्ष्यदीप, उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, सिक्कम में चलाई जाएगी।