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आदिवासियों की जमीन बचाने के लिए आंदोलन करेंगे अजीत जोगी

रायपुर.पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने प्रदेश में आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करने के विरोध में बिगुल फूंक दिया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को वेदांता समूह के बाक्साइट लीज को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि रायगढ़ जिले में 57 करोड़ की कोटवारी जमीन उद्योगपतियों को बेच दी गई जबकि यह सरकारी जमीन है। राज्य सरकार इन्हें तत्काल अवैध घोषित करे।


इन मामलों को लेकर युवक कांग्रेस और एनएसयूआई की नई टीम आंदोलन करेंगी। इस बारे में वे कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को भी पूरी जानकारी देंगे। उल्लेखनीय है कि उड़ीसा में वेदांता की लीज रद्द होने के मामले में राहुल गांधी ने अहम भूमिका निभाई थी।


श्री जोगी ने रविवार को अपने निवास पर आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि कवर्धा जिले में वेदांता समूह को बाक्साइट उत्खनन के लिए पहाड़ को आबंटित किया गया है। इस पहाड़ में विलुप्तप्राय बैगा प्रजाति के लोग रहते हैं। मैकल पर्वत श्रृंखला के पहाड़ को लोग पूजते हैं।


इसे बाक्साइट खनन के लिए तबाह किया जा रहा है। वेदांता इस बाक्साइट का उपयोग छत्तीसगढ़ में नहीं कर रही है। श्री जोगी ने केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री जयराम रमेश को पत्र लिखकर लीज रद्द करने की मांग की है।


रमन सरकार में इतने अधिक घोटाले हो चुके हैं कि उन्हें गिनना संभव नहीं। सरकार के संरक्षण में आदिवासियों को भूमिहीन करने का षडयंत्र रचा जा रहा है। उद्योगपति अनजान आदिवासियों के नाम पर जमीन खरीद रहे हैं। अपने नौकरों के नाम पर जमीन खरीदकर उसमें उद्योग लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि खरसिया के नहरपाली में मोनेट इस्पात ने कोटवार की 10 एकड़ भूमि हड़प ली है।


रायगढ़ जिले में 21 कोटवारों को जमीन बेचने की अनुमति दी गई। कलेक्टर के बजाय सीधे राजस्व मंडल ने अनुमति दे दी। जबकि यह जमीन कोटवारों को सेवा के बदले खेती के लिए दी गई थी। इसे बेचा नहीं जा सकता। इससे शासन को 57 करोड़ 60 लाख रुपए की क्षति हुई है। इसकी शिकायत रायगढ़ कलेक्टर, मुख्य सचिव और लोक आयोग में की गई है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।


श्री जोगी ने कहा कि रायगढ़ जिले में पिछले सात सालों में भू-माफिया ने आदिवासियों की सैकड़ों एकड़ जमीन दीगर आदिवासियों के नाम पर खरीद ली है। एक-एक आदिवासी के नाम से 1-2 करोड़ रुपए की जमीन खरीदी की गई है, लेकिन वे उस जमीन पर काबिज नहीं। वहां उद्योग लग गए हैं।


रायगढ़ जिला प्रशासन ने आदिवासियों की जमीन सामान्य वर्ग को खरीदने का आदेश जारी किया है।आदिवासियों को गुमराह कर भू-माफिया ने करोड़ों की जमीन मिट्टी के मोल खरीद ली है। इस मामले की जांच कर सभी खरीद फरोख्त रद्द करना चाहिए और दोषियों को जेल भेजना चाहिए।


श्री जोगी ने यह भी कहा कि कोयला और लौह अयस्क के आबंटन में सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। प्रदेश में जितने एमओयू हुए हैं, उनके लिए न तो कोयला उपलब्ध है और न पानी।



प्रकाश इंडस्ट्रीज को जांजगीर-चांपा जिले के चोटिया में कोयला उत्खनन की अनुमति इस शर्त पर दी गई कि वह स्पंज आयरन प्लांट का विस्तार करे, लेकिन प्रकाश इंडस्ट्रीज ने प्लांट का विस्तार किए बिना एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में कोयला खाली कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 44 प्रतिशत जंगल थे, लेकिन यह कुछ सालों में तीन फीसदी कम हो गए हैं। यही स्थिति रही तो 35 सालों में जंगल खत्म हो जाएंगे।