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आपका बच्चा डॉक्टर बनेगा या इंजीनियर...बताएगा स्कूल शिक्षा विभाग

मनोज तिवारी, भोपाल। छात्र या छात्रा बड़े होकर डॉक्टर बनेंगे या इंजीनियर या फिर कुछ और...अब ये स्कूल शिक्षा विभाग बताएगा। इसके लिए विभाग हाईस्कूल के विद्यार्थियों का अभिरुचि टेस्ट करा रहा है। आगामी 15 एवं 16 फरवरी को होने वाले इस टेस्ट से विद्यार्थियों का भविष्य तय होगा।

 

दरअसल, इसमें विद्यार्थी की जिस क्षेत्र में रुचि होगी, पता चल जाएगी। इसके बाद उसे उसी क्षेत्र में पढ़ाई करने की सलाह देकर काउंसलिंग की जाएगी। टेस्ट में 3 हजार 825 सरकारी हाईस्कूल के साढ़े नौ लाख विद्यार्थी शामिल होंगे।

 

आमतौर पर अभिभावक बच्चों पर आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर बनने के लिए दबाव बनाते हैं। इसी कारण बच्चों को परीक्षा के दौरान तनाव होता है और वे ज्यादा नंबर लाने में असफल होने पर आत्महत्या तक कर लेते हैं। ऐसी घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार विद्यार्थियों की अभिरुचि जानने की कोशिश कर रही है।

 

टेस्ट के परिणाम के आधार पर सरकार विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई उनकी रुचि के हिसाब से कराने की कोशिश करेगी। विभाग इस टेस्ट में 'श्यामची आई फाउंडेशन" की मदद ले रहा है। टेस्ट तीन चरणों में होगा। एंट्रेस, एप्टीट्यूट टेस्ट के बाद विद्यार्थी और उनके माता-पिता की काउंसलिंग कराई जाएगी। इसमें अभिभावकों को बच्चे की रुचि बताई जाएगी और उस क्षेत्र में पढ़ाई व रोजगार के अवसरों की जानकारी दी जाएगी। उन्हें इसके लिए भी तैयार किया जाएगा कि वे बच्चे को अपनी मर्जी के क्षेत्र में पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करें।

 

एप के माध्यम से पूछेंगे सवाल

विभाग के 'एमपी कॅरियर मित्र" एप को शिक्षक अपने मोबाइल पर डाउनलोड करेंगे। प्रशिक्षण ले चुके शिक्षक बताते हैं कि इसमें एक विंडो खुलेगी। इसमें कुछ सवाल और उसके उत्तर होंगे। विद्यार्थी को एक उत्तर का चयन करना है। टच करने पर यह लॉक हो जाएगा। इसी आधार पर सॉफ्टवेयर रिजल्ट जारी करेगा। इससे विद्यार्थी की अभिरुचि का पता चलेगा। एप को शिक्षक लॉगिन करेंगे। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित कर पासवर्ड दिया गया है।

 

10 विद्यार्थियों के बीच एक मोबाइल

टेस्ट के लिए आयुक्त लोक शिक्षण नीरज दुबे 10 विद्यार्थियों के बीच एक मोबाइल रखने के निर्देश भेज रहे हैं। यदि विद्यार्थियों की संख्या के मान से मोबाइल फोन का इंतजाम नहीं हो पाता है तो विद्यार्थियों से भी मोबाइल मंगाए जा सकते हैं। इसके लिए हर स्कूल में एक प्राचार्य और एक काउंसलिंग प्रभारी शिक्षक की ड्यूटी लगाई जा रही है। दोनों को प्रशिक्षित भी किया जा चुका है। जो विद्यार्थी 15 और 16 फरवरी को छुट्टी पर रहेंगे। उनका टेस्ट 17 फरवरी को कराया जाएगा।