Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/इंटरनेट-के-स्मार्टफोन-युग-की-दस्तक-मुकुल-श्रीवास्तव-8351.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | इंटरनेट के स्मार्टफोन युग की दस्तक - मुकुल श्रीवास्तव | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

इंटरनेट के स्मार्टफोन युग की दस्तक - मुकुल श्रीवास्तव

आईटी क्षेत्र की एक अग्रणी कंपनी सिस्को ने अनुमान लगाया है कि सन 2019 तक भारत में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 65 करोड़ हो जाएगी। फिलहाल भारत में मोबाइल फोन के कुल कनेक्शन 72 करोड़ के आसपास हैं, जिनमें से ज्यादातर बेसिक फोन इस्तेमाल हो रहे हैं, इंटरनेट डाटा का इस्तेमाल करने वाले स्मार्टफोन का अनुपात अभी काफी कम है, लेकिन यह तेजी से बदल रहा है। सिस्को के मुताबिक, 2014 में मोबाइल डाटा ट्रैफिक 69 प्रतिशत तक बढ़ा है। साथ ही वर्ष 2014 में विश्व में मोबाइल उपकरणों और कनेक्शन की संख्या बढ़कर 7.4 बिलियन तक पहुंच गई। विश्व के सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन गूगल ने मोबाइल इंटरनेट की इस बढ़ती ताकत को ध्यान में रखते हुए अपने खोज परिणामों में परिवर्तन करना शुरू कर दिया है।

इसका मकसद उन वेबसाइट को प्राथमिकता देने का है, जो मोबाइल उपकरणों के लिहाज से उपयुक्त हैं। यानी ऐसी वेबसाइट, जो भारी-भरकम शब्दों, भारी सॉफ्टवेयर जैसे फ्लैश आदि का इस्तेमाल नहीं करती, वे खोज परिणामों में पहले दिखेंगी और वे वेबसाइट, जिनका आकार मोबाइल के स्क्रीन के आकार के लिहाज से अनुपयुक्त हैं, वे सर्च परिणामों में काफी बाद में आएंगी। इस बदलाव से कई वेबसाइट का वरीयता क्रम बदल जाएगा। फॉरेस्टर रिसर्च संस्था की एक रिपोर्ट के अनुसार, 38 प्रतिशत से भी अधिक संगठनों की वेबसाइट गूगल के नए मानकों पर खरी नहीं उतरतीं। अब या तो लोग अपनी वेबसाइट को मोबाइल उपकरणों के अनुसार बनाएंगे, नहीं तो उन्हें खोज परिणामों में पीछे छूट जाने के लिए तैयार रहना होगा। जाहिर है, इससे मोबाइल द्वारा इंटरनेट इस्तेमाल करने में काफी सुविधा हो जाएगी।

माना यह जा रहा है कि इस रणनीति से गूगल की आमदनी में बढ़ोतरी होने की संभावना है, क्योंकि यदि उपभोक्ताओं को मोबाइल पर वेबसाइटों को देखने में आसानी होगी, तो उनकी विज्ञापन देखने की भी संभावना अधिक हो जाएगी। इस नए बदलाव के साथ गूगल मोबाइल इंटरनेट के माध्यम से होने वाली उसकी आय में पिछले कुछ समय में जो गिरावट आई है, उसे थामना चाहता है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को मोबाइल इंटरनेट से जोड़ना चाहता है। गूगल चाहता है कि अपनी दिनचर्या में व्यस्त लोग रोजमर्रा की छोटी से छोटी खोज भी गूगल के जरिये करें। भारत जैसे देश में, जहां मोबाइल इंटरनेट का बेतहाशा इस्तेमाल बढ़ा है, वहां ऐसी सुविधा लोगों को और ज्यादा मोबाइल इंटरनेट से जोड़ने के लिए प्रेरित करेगी, लेकिन हमें इस तथ्य को भी नहीं भूलना चाहिए कि यहां इंटरनेट की आधारभूत संरचना विकसित देशों के मुकाबले काफी पिछड़ी हुई है। ऐसे में, यहां गूगल का यह प्रयास आम उपभोक्ताओं के इंटरनेट सर्फिंग समय को कितना सुहाना बनाएगा, इसका फैसला अभी होना है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)