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उत्तर भारत में कपास का रकबा 15 फीसदी घटने का अनुमान

चालू खरीफ सीजन में अभी तक 7.15 लाख हैक्टेयर में ही कपास की बुवाई

मोह भंग - पिछले साल कपास की आवक के समय उत्पादक मंडियों में दाम घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी नीचे चले गए थे जबकि धान और ग्वार का अच्छा भाव मिला था। इसलिए किसानों की दिलचस्पी धान और ग्वार की खेती में ज्यादा है।

राज्यों में बुवाई
हरियाणा में कपास की बुवाई 1.50 लाख हैक्टेयर में
पंजाब में हुई 4.80 लाख हैक्टेयर में कपास की बुवाई
राजस्थान में हो चुकी है 70 हजार हैक्टेयर में बुवाई

उत्तर भारत के प्रमुख उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में चालू खरीफ में कपास की बुवाई में 10 से 15 फीसदी की कमी आने की आशंका है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में अभी तक कपास की बुवाई 7.15 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 7.22 लाख हैक्टेयर में हुई थी।

उत्तर भारत कॉटन एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि पिछले साल कपास की नई फसल की आवक के समय उत्पादक मंडियों में दाम घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी नीचे चले गए थे जबकि किसानों को अन्य फसलों धान और ग्वार का अच्छा भाव मिला था।

इसलिए किसान कपास के बजाय धान और ग्वार की बुवाई को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब और हरियाणा में किसान कपास के बजाय धान की बुवाई कर रहे हैं जबकि राजस्थान में ग्वार की बुवाई करेंगे।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में हरियाणा में अभी तक कपास की बुवाई 1.50 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 2.44 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।

हालांकि पंजाब और राजस्थान में अभी तक बुवाई पिछले साल की तुलना में बढ़ी है। पंजाब में चालू खरीफ में अभी तक 4.80 लाख हैक्टेयर में कपास की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 3.91 लाख हैक्टेयर में हुई थी। इसी तरह से राजस्थान में चालू खरीद में बुवाई बढ़कर 70 हजार हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 65 हजार हैक्टेयर में बुवाई हुई थी।

रबी विपणन सीजन 2012-13 के लिए केंद्र सरकार ने कपास के एमएसपी में 300 रुपये की बढ़ोतरी कर मीडियम स्टेपल और लांग स्टेपल का भाव क्रमश: 3,600 और 3,900 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था जबकि खरीफ विपणन सीजन 2013-14 के लिए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने कपास के एमएसपी में 100 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 3,700 और 4,000 रुपये प्रति क्विंटल तय करने की सिफारिश की है।

अहमदाबाद मंडी में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव इस समय 38,500 से 39,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) चल रहा है।

कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2012-13 में देश में 338 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 352 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ था। उद्योग के अनुमान के अनुसार वर्ष 2012-13 में देश में 352 लाख गांठ कपास का उत्पादन होगा।