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उत्तरी छत्तीसगढ़ में बारिश की कमी, बोनी का काम पिछड़ा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में औसत बारिश होने के बाद भी कई तहसीलों में सूखे की साया मंडरा रही है। उत्तरी छत्तीसगढ़ में खरीफ फसल की आधी बोनी भी नहीं हुई है। जहां बोनी हुई है, वहां भी कम बारिश के कारण फसल चौपट होने की कगार पर है। अब किसानों को धान की रोपाई के लिए और अधिक बारिश का इंतजार है। कृषि विभाग ने किसानों को पंप के जरिए नदी-नालों, तलाबों व कुंआ आदि से सिंचाई कर धान की रोपाई का काम जल्द पूरा करने की सलाह दी है।

राजस्व विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पूरे प्रदेश में अब तक 507 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकार्ड की गई है। यह पिछले दस वर्षों के औसत वर्षा की तुलना में सौ फीसदी है। सूरजपुर, कोरबा, मुंगेली, गरियाबंद, महासमुंद, बलौदाबाजार, रायपुर, बेमेतरा जिले में औसत से कम बारिश दर्ज की गई है। प्रदेशभर में 28 तहसीलें ऐसी हैं, जहां औसत 75 फीसदी से भी कम बारिश हुई है।

सूरजपुर में स्थिति ज्यादा खराब

सूरजपुर जिले की प्रेमनगर तहसील में सबसे कम 21 फीसद औसत बारिश दर्ज की गई है। इसी तरह रामानुजनगर में 28, सूरजपुर में 39, भैयाथान में 45 फीसद बारिश हुई है। जिन तहसील तहसीलों में बारिश की स्थिति खराब है, उनमें अंबिकापुर, खड़गवां, बैकुंठपुर, उदयपुर, लुंड्रा, मैनपाट, बतौली, बलरामपुर, जशपुर, दुलदुला, पुसौर, बरमकेला, महासमुंद, पिथौरा, बागबाहरा, आरंग, तिल्दा, बिलाईगढ़, राजिम, छुरा, मालखरौदा, मस्तूरी, मुंगेली, मरवाही, छुरिया, नवागढ़ शामिल हैं।

अब तक 70 फीसद बोनी

कृषि विभाग के मुताबिक प्रदेश में खरीफ फसलों की बोनी का काम अब तक 70 फीसदी हुआ है। चालू खरीफ सीजन में 48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल लेने का लक्ष्य है। इनमें से 33 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का काम पूरा कर लिया गया है। सरगुजा-बिलासपुर संभाग में देर से मानसूनी वर्षा होने के कारण खेती का काम पिछड़ गया है। वहां अभी 50 फीसदी भी बोनी नहीं हो पाई है। अगले दो-चार दिनों में अच्छी बारिश होने पर ही स्थिति सुधर सकती है।

बांध आधे भी नहीं भरे

जुलाई बीतने को है और प्रदेश के प्रमुख सिंचाई जलाशय अभी आधे भी नहीं भरे हैं। प्रदेश के बांधों में वर्तमान में कुल 38 फीसदी पानी है। जबकि पिछले साल इस अवधि में 57 फीसद पानी उपलब्ध था। जल संसाधन विभाग के मुताबिक मिनीमाता बांगो में 37, गंगरेल में 55, तांदुला में 19, दुधावा में 20, सिकासार में 65, खारंग में 23, सोंढूर में 54, मुरूमसिल्ली में 24, कोडार में 23, मनियारी में 44, खरखरा में 29 व गोंदली में 17 प्रतिशत पानी है।

'प्रदेश में खरीफ फसल की बोनी का काम तेजी से चल रहा है। उत्तरी छत्तीसगढ़ में कम बारिश की वजह से खेती का काम प्रभावित हुआ है। किसानों को विभिन्न जलस्रोतों से पंप के जरिए सिंचाई कर धान की रोपाई का काम समय पर पूरा कर लेने की सलाह दी गई है। शाकम्भरी योजना के तहत किसानों को इसके लिए मदद भी दी जा रही है।' - एमएस केरकेट्टा, संचालक, कृषि विभाग

प्रदेश में अब तक हुई बारिश खरीफ फसल विशेषकर धान के लिए पर्याप्त है। सरगुजा संभाग की कुछ तहसीलों में कम बारिश से जरूर बोनी प्रभावित हुई है। धान की रोपाई का काम 15 अगस्त किया जा सकता है। - जेएल चौधरी, वरिष्ठ कृषि मौसम वैज्ञानिक, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर