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ऋण वितरण का ढांचा सुधरेगा : मुकेश

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : सहकारी ऋणों की समय पर वसूली करने के उद्देश्य से अब अल्पकालीन सहकारी साख ढांचे को सुधारा जाएगा। इसके लिए विभाग ने सहकारी बैंकों द्वारा ग्राम सेवा सहकारी समिति स्तर पर ऋणी सदस्यों की किश्तबंदी बनाने के साथ ही सदस्य स्तर पर वसूली की समीक्षा की है।

सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार मुकेश शर्मा ने बताया कि सहकारी ऋणों की वसूली में सहकारी बैंकों द्वारा ठोस प्रयास नहीं किए जाने के कारण नई व्यवस्था के अनुसार अपेक्स बैंक स्तर पर सदस्य स्तर की वसूली की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा बैंक स्तर पर वसूली मांग की समीक्षा से ग्राम सेवा सहकारी समितियों के हितों की अनदेखी होती थी और अवधिपार ऋण में बढ़ोतरी हो रही थी।

उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था से वसूली में सुधार होने के साथ ही और अधिक काश्तकारों को सहकारी ऋण सुविधा से जोड़ा जा सकेगा। शर्मा ने बताया कि नई व्यवस्था के अनुसार सभी केंद्रीय सहकारी बैंकों को निर्धारित कैलेंडर के अनुसार ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष व ऋण पर्यवेक्षक से प्रमाणित किश्तबंदी तैयार कर केंद्रीय सहकारी बैंक, अपेक्स बैंक व सहकारिता विभाग को सूचित करना होगा।

उन्होंने बताया कि सदस्यवार तैयार की गई किश्तबंदी के अंत में गोश्वारें में सदस्य के विरुद्घ बकाया ऋण की समयावधि का उल्लेख होगा। यह इकजाई किश्तबंदी ग्राम सेवा सहकारी समिति के साथ ही केंद्रीय सहकारी बैंक स्तर पर समस्त फील्ड स्टॉफ के पास उपलब्ध रहेगी, जिससे ऋण वसूली में आसानी होगी और नियमित ऋ ण चुकाने वाले काश्तकारों की जानकारी सहज सुलभ हो सकेगी। इस व्यवस्था से प्रभावशाली व जानबूझ कर सहकारी ऋण नहीं चुकाने वाले सदस्यों की रेडी रेकनर की तरह जानकारी मिल सकेगी और उन पर फोकस करते हुए वसूली के प्रयास व बकाया राशि जमा नहीं कराने पर सहकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई में आसानी होगी।