Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/एक-करोड़-लोगों-के-घर-उजाड़-गया-तूफान-6216.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | एक करोड़ लोगों के घर उजाड़ गया तूफान | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

एक करोड़ लोगों के घर उजाड़ गया तूफान

गोपालपुर/श्रीकाकुलम/नई दिल्ली। भीषण चक्रवाती तूफान पेलिन ने ओड़िशा और उत्तरी तटीय आंध्र में तबाही तो मचाई लेकिन पर्याप्त एहतियात बरतने के कारण जनहानि नहीं हुई। तूफान से करीब 90 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, 2.34 लाख घर क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 2400 करोड़ रुपए की धान की फसल बर्बाद हो गई। पेलिन को पिछले 14 साल में आया सबसे भीषण तूफान माना जा रहा है लेकिन 1999 में आए तूफान के मुकाबले इस बार जनहानि नगण्य रही। सबसे ज्यादा तबाही गंजाम जिले में हुई है। दोनों राज्यों से मिली जानकारी के मुताबिक 23 लोगों की मौत हुई है जिसमें 21 ओड़िशा के हैं। लोगों के मरने का मुख्य कारण पेड़ों का गिरना और घरों का क्षतिग्रस्त होना रहा। पेलिन शनिवार रात जब गोपालपुर तट से गुजरा तो हवा की रफ्तार 220 किलोमीटर प्रति घंटे थी। इससे संचार संपर्क बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। केंद्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जनहानि बिल्कुल कम रही है। ओड़िशा में 1999 में आए तूफान में करीब दस हजार लोग मारे गए थे।
तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित गंजाम जिले से रविवार को आठ और शव बरामद किए गए। पुलिस ने कहा कि बरहमपुर नगर, पुरुषोत्तमपुर, गंजाम नगर और रंगेलिलुंडा इलाकों से दो-दो शव बरामद किए गए हैं। चक्रवात के ओड़िशा में दस्तक देने से पहले हुई भारी बारिश और तेज हवाओं से शनिवार को सात लोग मारे गए थे। इसमें दो गंजम जिले के पोलसारा और खालीकोट के रहने वाले थे। खुर्दा से दो और जगतसिंहपुर, पुरी व बालेश्वर जिलों से एक-एक के मारे जाने की सूचना है।
पश्चिम बंगाल तट से दूर एक मालवाहक जहाज के डूबने की आशंका है। हालांकि चालक को तटरक्षक बल के डोर्नियर विमान ने रविवार को जीवनरक्षक नौका में देखा। कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष आरपीएस कहलों ने बताया कि पनामा में पंजीकृत एमवी बिंगो में 8000 टन लौह अयस्क था और यह चीन जा रहा था। जहाज हल्दिया बंदरगाह से 8 अक्तूबर को रवाना हुआ था और शनिवार से लापता है। उन्होंने बताया कि चालक दल के सदस्यों को तटरक्षक बल के डोर्नियर विमान ने 45 नॉटिकल मील की दूरी पर देखा। वे उन्हें वापस लाने के लिए जहाज भेज रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि शाम तक वे जहाज का पता नहीं लगा सके।
तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के 18 मछुआरे भी सुरक्षित वापस लौट आए हैं। उनके चक्रवात में लापता होने की आशंका थी। ये मछुआरे चक्रवात आने से पहले पारादीप से चार किलोमीटर की दूरी पर मछली पकड़ने वाली एक नौका में फंस गए थे। उन्होंने तटरक्षक से संपर्क साधा लेकिन समुद्री हालात काफी खराब रहने के कारण बचाव अभियान शुरू नहीं किया जा सका। बहरहाल, वे नौका से कूद गए और तैर कर ओड़िशा के जगतसिंहपुर जिले के एरसामा पहुंचे।
तूफान बाद में कमजोर होकर एक कम दबाव में तब्दील हो गया। ओड़िशा में तूफान से पहले ही करीब नौ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था जो कि हाल के इतिहास में सबसे बड़ी संख्या है। इन लोगों को राहत शिविरों और स्कूलों जैसी सार्वजनिक इमारतों में ठहराया  गया ताकि 1999 के विनाशकारी चक्रवात जैसी स्थिति की पुनरावृत्ति रोकी जा सके जिसमें 9885 लोग मारे गए थे।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार (एनडीएमए) के उपाध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी ने कहा कि जिस तरह लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया, उसे लेकर हम कुल मिलाकर बहुत संतुष्ट हैं। गोपालपुर में करीब 90 से 95 फीसद लोगों को निकाल लिया गया था। तूफान सबसे पहले गोपालपुर ही पहुंचा था। तूफान से बुरी तरह से प्रभावित हुए आधारभूत ढांचे को बहाल करने और राहत व पुनर्वास कार्यों के लिए सेना व अद्धसैनिक बलों को लगाया गया है।
भारतीय मौसम विभाग ने राजधानी दिल्ली में कहा कि पेलिन चक्रवाती तूफान कमजोर हो गया है और हवा की गति 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे है। मौजूदा समय में यह ओड़िशा के झाड़सूगुड़ा के नजदीक है। चक्रवात रविवार सुबह कमजोर पड़कर उत्तर की ओर बढ़ रहा है और शाम तक यह अधिक दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा। इसके प्रभाव में आए तटवर्ती जिलों पुरी, बालेश्वर, जगतसिंहपुर, कटक और अंदरूनी ओड़िशा के संभलपुर, आंध्र्र प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के हिस्सों में भारी वर्षा हुई।
ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि जनहानि नहीं होने देने के अपने लक्ष्य में वे सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अरबों की संपत्ति क्षतिग्रस्त हुई है..अब पुनर्वास किया जाएगा। ओड़िशा के राजस्व मंत्री एसएन पात्र ने चक्रवात से हुए नुकसान की जानकारी देते हुए कहा कि 12 जिलों के 14,514 गांवों में कुल कुल 8053620 लोग इससे प्रभावित हुए हैं। 2.34 लाख घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 8.73 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि भारी बरसात से पांच लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में खड़ी फसल नष्ट हो गई जिससे अनुमानत: 2400 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।   
ओड़िशा में कच्चे मकानों को व्यापक नुकसान हुआ है। इसके अलावा बिजली, संचार लाइनें और रेल व सड़क यातायात भी प्रभावित हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान गंजाम जिले को झेलना पड़ा है। पात्र ने कहा कि भुवनेश्वर में हजारों पेड़ और उखड़ गए और गोपालपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित परमपुर नगर में कई इमारतें कमजोर हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अब प्रशासन के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती पुनर्वास की है।
आंध्र प्रदेश के राज्य आपदा प्रबंधन आयुक्त टी राधा ने बताया कि श्रीकाकुमलम जिले के इचापुरम में 19.8 सेंटीमीटर, काविति में 15.42 सेंटीमीटर, कांचली में 14.76 सेंटीमीटर, कोठा बोम्माली में 10.8 सेंटीमीटर और सोमपेटा में 10.7 सेंटीमीटर वर्षा हुई है। राधा ने कहा कि श्रीकाकुलम में अब आसमान साफ है। हम रास्ता साफ करने के लिए उखड़े हुए पेड़ों को काट रहे हैं। सभी कुछ सामान्य और शांतिपूर्ण है। मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने मुख्य सचिव पीके मोहंती के साथ मिलकर सुबह स्थिति की समीक्षा की और प्रशासन से खासकर श्रीकाकुलम जिले में राहत व बचाव कार्यों पर ध्यान देने को कहा।
(भाषा)