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एनजीओ को मिल सकता है हेल्थ सेंटरों का संचालन

रायपुर.स्वास्थ्य विभाग प्रायमरी हेल्थ सेंटरों का संचालन एनजीओ से कराने पर विचार कर रहा है। इसके लिए तैयारी शुरू हो चुकी है। सोमवार को सामाजिक संस्था करुणा फाउंडेशन का प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य संचालक पी. अन्बलगन से चर्चा करेगा।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि यदि सबकुछ योजना के मुताबिक तय हुआ तो प्रायमरी हेल्थ सेंटरों की निगरानी और संचालन सामाजिक संस्था के हाथों में चला जाएगा। यह योजना किस स्वरूप में अस्तित्व में आएगी और किस तरह से संचालन होगा अभी यह तय नहीं हुआ है।

अफसरों के अनुसार फाउंडेशन के पदाधिकारियों और हेल्थ अफसरों के बीच सोमवार को होने वाली बैठक में यह तय हो सकता है। उसके बाद ही हेल्थ सेंटरों के संचालन में सामाजिक संस्था की भूमिका का निर्धारण किया जाएगा।

हालांकि ऐसे संकेत हैं कि सामाजिक संस्था को मानीटरिंग की जिम्मेदारी सौंपने के बाद गांव के प्रायमरी हेल्थ सेंटरों में डाक्टरों के खाली पदों पर संस्था ही पदस्थापना करेगी। उसका मानदेय व वेतन संस्था ही तय करेगी।

इतना ही नहीं, जहां शासकीय डाक्टर पदस्थ हैं, उन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की निगरानी भी संस्था के माध्यम से करवाई जाएगी। इसका भी स्वरूप तय किया जाएगा।

इसलिए पड़ी जरूरत:राज्य के 735 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 1400 से ज्यादा डाक्टरों की कमी है। डाक्टर गांव के अस्पतालों में सेवाएं नहीं देना चाहते। स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयास नाकाम हो चुके हैं।

डाक्टरों की कमी दूर करने और गांव के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ही सामाजिक संस्था की सेवाएं लेने की जरूरत महसूस हुई। इसलिए प्रयास किया जा रहा है।

तीन दिन सीएससी में रहेंगे डाक्टर

स्वास्थ्य संचालनालय ने पिछले हफ्ते डाक्टरों की डच्यूटी का नया सिस्टम बनाया है। इसके तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में अब आयुर्वेद व ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी हफ्तेभर डच्यूटी करेंगे जबकि एमबीबीएस डाक्टर तीन दिन ही अपनी सेवाएं देंगे। तीन दिन उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाएं देनी होंगी।

उनका हेडक्वार्टर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना दिया गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अब एमबीबीएस डाक्टर के साथ आयुर्वेदिक व त्रिवर्षीय चिकित्सा पाठच्यक्रम के एक-एक डाक्टर को पदस्थ किया जा रहा है। त्रिवर्षीय चिकित्सा पाठच्यक्रम के डाक्टर को ग्रामीण चिकित्सा अधिकारी का पदनाम दिया गया है।