Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/क-र-न-मह-म-र-स-लड-ई-और-न-श-न-पर-सरक-र-व-र-ध-आव-ज.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | कोरोना महामारी से लड़ाई और निशाने पर सरकार विरोधी आवाज़ें | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

कोरोना महामारी से लड़ाई और निशाने पर सरकार विरोधी आवाज़ें

-बीबीसी,

सफ़ूरा ज़रगर को भारत की राजधानी दिल्ली में जिस समय गिरफ़्तार किया गया, वो तीन महीने से अधिक की गर्भवती थीं. उन्हें विवादित नागरिता संशोधन क़ानून के विरोध में हो रहे एक प्रदर्शन में शामिल होने के कारण गिरफ़्तार किया गया था.

यह 10 अप्रैल की तारीख़ थी और यह वो वक़्त था जब कोविड-19 महामारी ने भारत में अपनी जड़ें जमानी शुरू की थीं.

सरकार ने अपने ख़ुद के दिशा-निर्देश में ये स्पष्ट किया था कि गर्भवती महिलाओं के लिए यह संक्रमण विशेष तौर पर ख़तरनाक साबित हो सकता है लेकिन बावजूद इसके सफ़ूरा दो महीने तक भीड़-भाड़ वाले, क्षमता से अधिक भरे तिहाड़ जेल में रहीं.

अपनी रिहाई के बाद उन्होंने बीबीसी संवाददाता गीता पांडेय से बात की थी, उन्होंने गीता पांडेय से कहा था, "वे दूसरे क़ैदियों से कहते थे कि वे मुझसे बात ना करें. वे उनसे कहते थे कि मैं एक चरमपंथी हूं जिसने हिंदुओं को मारा है. अब इन लोगों को तो बाहर चल रहे प्रदर्शन के बारे में कुछ भी पता नहीं था, वे नहीं जानते थे कि मुझे एक प्रदर्शन में भागीदारी के लिए गिरफ़्तार किया गया है."

उनका अपराध उस क़ानून के ख़िलाफ़ हो रहे व्यापक विरोध प्रदर्शन में भाग लेना था जिसे इस क़ानून के आलोचक 'मुस्लिम समुदाय को निशाना' बनाने वाला बताते हैं. इन प्रदर्शनों ने ना केवल देश को व्यापक तौर पर प्रभावित किया बल्कि ये आंदोलन वैश्विक आकर्षण का केंद्र भी बना.

कोरोना वायरस से फैली महामारी
लेकिन उनकी रिहाई की मांग को लेकर सड़क पर कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ. ऐसा हो भी नहीं सकता था क्योंकि दुनिया के तमाम देशों की तरह भारत में भी उस दौरान बेहद सख़्त लॉकडाउन लागू था. लोग घरों में क़ैद थे. लेकिन सफ़ूरा के अलावा कई अन्य लोगों को भी इस दौरान गिरफ़्तार किया गया था.

भारत में कोरोना वायरस के कारण 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया था.

हालांकि ऐसा सिर्फ़ भारत में नहीं हुआ था. सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि एशिया महाद्वीप के कई देशों में सरकारों ने क़ानून को लागू करने के लिए कोरोना वायरस महामारी को ढाल की तरह इस्तेमाल किया, इसी की आड़ में गिरफ़्तारियां की गईं, विवादास्पद योजनाओं को आगे बढ़ाया गया.

लेकिन इन सबकी प्रतिक्रिया के बदले कई सरकारों की लोकप्रियता में बढ़ोतरी देखने को मिली है क्योंकि संकट की इस घड़ी में लोगों ने दिशा-निर्देश के लिए उन्हीं का रुख़ किया.

सिविल सोसाइटी संगठनों और कार्यकर्ताओं के वैश्विक गठजोड़ सिविकस के जोसेफ़ बेनेडिक्ट ने बीबीसी से कहा, "यह वायरस एक दुश्मन है और लोग इसका युद्धस्तर पर सामना कर रहे है. यह स्थिति सरकारों को महामारी से लड़ने के नाम पर दमनकारी क़ानून पारित करने की अनुमति देती है."

"इसका एक मतलब यह हुआ कि मानव और नागरिक अधिकार एक क़दम पीछे हटे."

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.