Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/कभी-करती-थी-मजदूरी-अब-लखपति-बन-गई-सतवंती-11904.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | कभी करती थी मजदूरी, अब लखपति बन गई सतवंती | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

कभी करती थी मजदूरी, अब लखपति बन गई सतवंती

बालाघाट। कहते हैं जहां चाह है वहां राह है...कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बुदबुदा की एक महिला सतवंती ने। वह पहले मजदूरी करती थी लेकिन अब अपनी मेहनत से पूरे परिवार की तकदीर बदल दी। सतवंती ने रेशम की खेती शुरू कर दी है। जिस जमीन में वह सालभर मेहनत करके 30-35 हजार भी नहीं बचा पाती थी। अब सालाना 1 लाख रुपए मुनाफा कमा रही है। यह सब संभव हो पाया है मनरेगा की रेशम उपयोजना से।

 

महिला ने 3 एकड़ जमीन में से 2 एकड़ में रेशम के उत्पादन के लिए शहतूत की खेती शुरू की। उसके इस प्रयास से पहले तो परिवार के लिए सहमत नहीं हुए, लेकिन जब पहले ही साल उसे 60 हजार रुपए का मुनाफा हुआ तो सतवंती के पति और ससुर ने भी उसके काम में हाथ बंटाना शुरू कर दिया। अब वह सालाना 1 लाख रुपए का मुनाफा कमा रही है। इससे न केवल उसकी कृषि बदल गई,बल्कि मुनाफे से परिवार की स्थिति भी बदल गई है। सतवंती पति पूनाराम पूरे गांव के किसानों के लिए रोल मॉडल हो गई है।

 

ऐसे बदले सतवंती के दिन

-बुदबुदा की सतवंती को 2014 में मनरेगा की रेशम उपयोजना का पता चला।

-उसने पंचायत विभाग के अधिकारियों से योजना समझने के बाद 2 एकड़ जमीन में शहतूत लगाया।

-शहतूत के 10 हजार पौधे लगाए और प्रशासन से उसे मदद मिली।

-पहले ही साल उसने 60 हजार रुपए मुनाफा कमाया।

-यह कमाई धान की फसल से उसके लिए दोगुनी थी।

-अब एक एकड़ में वह खाने के लिए धान पैदा करती है और अन्य जरूरत के लिए रेशम का उत्पादन कर रही है।

पहले करना पड़ता था पलायन

 

बुदबुदा निवासी सतवंती ने बताया कि कुछ साल पहले तक सिर्फ धान व सब्जी उगाने से आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा था। पति को भी कमाई के लिए बाहर जाना पड़ता था। रेशम उपयोजना में रेशम का उत्पादन करने के बाद उनकी स्थिति बेहतर हो गई है।

 

बच्चों की पढ़ाई का खर्च वहन कर रही सतवंती

सतवंती पंचेश्वर ने बताया कि पहले वो भी मनरेगा के तहत मजदूरी करने का कार्य करती थी। लेकिन जब से उसने रेशम की खेती को अपनाया है उसका भाग्य ही बदल गया है। उसके बेटे सरकारी स्कूल में पढ़ते थे लेकिन अब बड़ा बेटा टिकेश सुकेश निजी स्कूल में पढ़ रहे हैं।

 

मनरेगा की रेशम उपयोजना के तहत रेशम का उत्पादन कर सतवंती बाई की जिन्दगी में बेहतर बदलाव आए हैं। प्रयास किए जा रहे हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं रेशम की खेती में रुचि लेकर अपनी आर्थिक स्थिति में बदलाव कर सकें।

-रूपेश इवने, पीओ, मनरेगा।