Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/कम-ह-रह-ह-ह-म-लय-क-ग-ल-श-यर-और-बर-फ-आन-व-ल-समय-म-और-अध-क-खतर-क-आश-क-अध-ययन.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | कम हो रहे हैं हिमालय के ग्लेशियर और बर्फ, आने वाले समय में और अधिक खतरे की आशंका – अध्ययन | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

कम हो रहे हैं हिमालय के ग्लेशियर और बर्फ, आने वाले समय में और अधिक खतरे की आशंका – अध्ययन

मोंगाबे हिंदी, 26 अक्टूबर

हिमालयन यूनिवर्सिटी कंसोर्टियम (एचयूसी) के फेलो जैकब एफ. स्टीनर ने कहा, “वैज्ञानिकों के रूप में, हमें सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि हिमालय में ग्लेशियर किस पैमाने पर पिघल रहे हैं।” उदाहरण के लिए, हिमालय में एक ग्लेशियर है जिसकी सबसे लंबे समय तक निगरानी की गई है। यह अब लगभग मर चुका है। वहां जो बचा है वह सिर्फ बर्फ का एक लटका हुआ टुकड़ा है। हम अब इसे ग्लेशियर भी नहीं कहते क्योंकि यह सिर्फ बर्फ का एक टुकड़ा है।” 

स्टीनर सहित कई वैज्ञानिकों ने हिंदू कुश हिमालय (एचकेएच) के क्रायोस्फीयर का काफी लंबे समय तक नजर रखी गई और आकलन किया। फिर ‘वाटर, आइस, सोशायटी एंड इकोसिस्टम इन दि हिंदुकुश हिमालय’ या कहे कि HI-WISE रिपोर्ट नामक एक रिपोर्ट में इस निष्कर्ष पर पहुंचे। इस साल जून में नेपाल स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD) द्वारा जारी की गई HI-WISE रिपोर्ट हिंदू कुश हिमालय असेसमेंट रिपोर्ट (2019) का अनुसरण करती है। इस रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन, क्रायोस्फीयर, पानी और जैव विविधता के पहलुओं पर ध्यान देते हुए 2017 तक प्रकाशित जानकारी का आकलन किया गया था।

हालिया रिपोर्ट पहाड़ पर रह रहे समुदायों और वहां के पारिस्थितिक तंत्र पर ज्यादा ध्यान देती है। साथ ही ये हिंदू कुश हिमालय क्षेत्र में क्रायोस्फीयर-हाइड्रोस्फीयर-बायोस्फीयर-सोसाइटी संबंधों को भी उजागर करती नजर आती है। रिपोर्ट के मुख्य संपादक और कोर्डिनेटर फिलिप्स वेस्टर ने कहा कि वे अपनी रिपोर्ट में वहां रह रहे लोगों और पारिस्थितिकी तंत्र को भी शामिल करके अध्ययन के दायरे को व्यापक बनाना चाहते थे। वेस्टर ने कहा, “हम जानते हैं कि क्रायोस्फीयर बदल रहा है लेकिन हम पूरी तरह से नहीं जानते हैं कि इसका पहाड़ो पर निर्भर रहने वाले समुदायों और पारिस्थितिक तंत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है।”

पूरी रपट- मोंगाबे हिंदी