Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/कश्मीर-का-मन-मरघट-बन-गया-है…-कुमार-प्रशांत-13569.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | कश्मीर का मन मरघट बन गया है…-- कुमार प्रशांत | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

कश्मीर का मन मरघट बन गया है…-- कुमार प्रशांत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधे घंटे से कुछ ज्यादा ही समय तक राष्ट्र को संबोधित किया लेकिन देश यह समझने में असफल रहा कि वे किसे और क्यों संबोधित कर रहे थे. यदि उनके संबोधन का सार ही कहना हो तो कहा जा सकता है कि वे कश्मीरियों के बहाने देश को अपने उस कदम का औचित्य बता रहे थे जिसे वे खुद भी जानते नहीं हैं.


वे ऐसा सपना बेचने की कोशिश कर रहे थे जिसे वे देश में कहीं भी साकार नहीं कर पा रहे हैं. कश्मीर को जिस बंदूक के बल पर आज चुप कराया गया है, उसी बंदूक को दूरबीन बना कर प्रधानमंत्री कश्मीर को देख और दिखा रहे थे. ऐसा करना सरकार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण और देश के लिए अपशकुन है.


प्रधानमंत्री ने नहीं कहा कि ऐसा क्यों हुआ है कि दिन-दहाड़े एक पूरा राज्य ही देश के नक्शे से गायब हो गया- भारतीय संघ के 28 राज्य थे, अब 27 ही बचे ! यह किसी पीसी सरकार का जादू नहीं है कि अचंभित हो कर हम जिसका मजा लें, क्योंकि जादू के खेल में हमें पता होता है कि हम जो देख रहे हैं वह यथार्थ नहीं है, जादू है, माया है.


लेकिन यहां जो हुआ है वह ऐसा यथार्थ है जो अपरिवर्तनीय-सा है, कुरूप है, क्रूर है, अलोकतांत्रिक है और हमारी लोकतांत्रिक राजनीति के दारिद्रय का परिचायक है.


इंदिरा गांधी ने भी आपातकाल के दौरान भी लोकसभा का ऐसा अपमान नहीं किया था, और न तब के विपक्ष ने ऐसा अपमान होने दिया था जैसा पिछले दो दिनों में राज्यसभा और लोकसभा में हुआ और उन दो दिनों में हमने प्रधानमंत्री को कुछ भी कहते नहीं सुना.


यह लोकतांत्रिक पतन की पराकाष्ठा है. कहा जा रहा है कि लोकतंत्र बहुमत से ही चलता है, और बहुमत हमारे पास है ! लेकिन ‘बहुमत' शब्द में ही यह मतलब निहित है कि वहां बहु-मत होना चाहिए, विभिन्न मत, सबका विमर्श!

द वायर हिन्दी पर प्रकाशित इस कथा को विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें