Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 73
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 74
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
Notice (8): Undefined variable: urlPrefix [APP/Template/Layout/printlayout.ctp, line 8]news-clippings/कार्बन-उत्सर्जन-में-कटौती-को-लेकर-भारत-सहित-190-देशों-के-बीच-समझौता-7843.html"/> न्यूज क्लिपिंग्स् | कार्बन उत्सर्जन में कटौती को लेकर भारत सहित 190 देशों के बीच समझौता | Im4change.org
Resource centre on India's rural distress
 
 

कार्बन उत्सर्जन में कटौती को लेकर भारत सहित 190 देशों के बीच समझौता

प्रभात खबर,लीमा: लीमा में आज भारत समेत 190 से ज्यादा देशों ने धनी और गरीब देशों के बीच गतिरोध समाप्त करते हुए वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने के राष्ट्रीय संकल्प के लिए एक प्रारूप को स्वीकार कर लिया.

जिससे अब जलवायु परिवर्तन से निबटने के लिए अगले साल पेरिस में नए महत्वाकांक्षी एवं बाध्यकारी करार पर हस्ताक्षर के लिए मार्ग प्रशस्त हो गया.
लीमा में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन की तकरीबन दो हफ्ते चली वार्ता के बाद वार्ता के अध्यक्ष एवं पेरु के पर्यावरण मंत्री मैनुएल पुलगर विदाल ने कहा कि प्रतिनिधियों ने 2015 के करार के लिए वार्ता का एक व्यापक खाका तैयार कर लिया है. यह करार 2020 से प्रभावी होगा.

विदाल ने घोषणा की है कि दस्तावेज स्वीकार हुआ. इस करार को जलवायु कार्रवाई का लीमा आह्वान का नाम दिया गया है और यह पर्यावरण के इतिहास में एक ऐतिहासिक समझौते के रुप में देखा जा रहा है.

प्रारूप पर टिप्पणी करते हुए पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि भारत की सभी चिंताओं का समाधान कर दिया गया है. प्रारुप में सिर्फ यही कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन पर उनके संयुक्त प्रभाव के आकलन के लिए दिसंबर 2015 पेरिस शिखर सम्मेलन से एक माह पहले तमाम संकल्पों की समीक्षा की जाएगी.

मुख्य पूर्ण सत्र स्थानीय समयानुसार डेढ बजे रात दोबारा किया गया और विदाल ने घोषणा की कि मसौदा मजमून स्वीकार कर लिया गया है.

विदाल ने पूरा दिन प्रतिनिधियों से अलग अलग विमर्श करने में बिताया था. उन्होंने मध्यरात्रि से बस थोड़ा ही पहले यह कहते हुए एक नया मजमून पेश किया कि किसी मजमून के रूप में यह आदर्श नहीं है, लेकिल इसमें पक्षों का रुख शामिल है.

वार्ताकारों को संशोधित मसौदा मजमून की समीक्षा के लिए एक घंटा दिया गया. संशोधित मजमून में नुकसान एवं क्षति के प्रावधान के संबंध में प्रस्तावना में एक लाइन जोड़ा गया है. छोटे विकासशील द्वीप देशों ने इसका आग्रह किया था.

भारत और अन्य विकासशील देशों के रुख के अनुरुप विभेदीकरण-जलवायु कार्रवाई उपायों के लिए अदायगी करने की उनकी क्षमता के आधार पर देशों को श्रेणीबद्ध करने के उसूल के बारे में अलग से एक पैराग्राफ जोड़ा गया है.

इसमें कहा गया है कि पेरिस 2015 करार को भिन्न राष्ट्रीय परिस्थितियों के आलोक में साझी लेकिन विभेदीकृत जिम्मेदारियां एवं संबंधित क्षमता के उसूल प्रतिबिंबित करने चाहिए.